इन सात मजेदार तरीकों से समेंटें प्रेग्नेंसी की यादेंOverview:
मां बनना हर एक औरत के जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव होता है। अपने अंदर एक नई जिंदगी को रखना एक अलग ही अहसास होता है। नई खुशी, उत्साह और उमंग से भरा यह समय कैसे निकल जाता है, पता ही नहीं चलता। अगर आप भी प्रेगनेंसी के दौर से गुजर रही हैं या प्रेग्नेंसी प्लान करने के बारे में सोच रही हैं तो ये सात तरीके अपनाकर अपनी प्रेगनेंसी को यादगगर बनाइए।
Pregnancy Memories: मां बनना हर एक औरत के जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव होता है। अपने अंदर एक नई जिंदगी को रखना एक अलग ही अहसास होता है। नई खुशी, उत्साह और उमंग से भरा यह समय कैसे निकल जाता है, पता ही नहीं चलता। ऐसा लगता है कि ये बेहतरीन नौ महीनें पल में ही गुजर जाते हैं। इसलिए अपने इन विशेष क्षणों का जितना आनंद उठा सकें उठाये, किसी तरह की कोई कमी ना छो़डें। इस समय को ऐसा यादगार बनाईए कि आप जीवन भर इन खूबसूरत यादों को महसूस कर सकें। अगर आप भी इस दौर से गुजर रही हैं या प्रेग्नेंसी प्लान करने के बारे में सोच रही हैं तो चलिए आपको बताते हैं वो सात मजेदार तरीके जिनसे आप अपने इस खास समय को बना सकती हैं और खास:
मेटरनिटी फोटोशूट

प्रेग्नेंसी को यादगार बनाने के लिए आजकल मेटरनिटी फोटोशूट काफी प्रचलन में है। प्रेग्नंेसी के सातवें आठवें महीने में खूबसूरत लोकेशन का चयन करके अपनी पसंद के चार-पांच तरह के लेटेस्ट फैशन की ड्रेसेज लेकर फोटोशूट करवा कर रखें। इसे बेबी आने के बाद भी आप देखेंगे तो आपके साथ-साथ आपका बेबी भी इन फोटोज को खूब एंजाय करेगा। फोटोशूट की लोकेशन और ड्रेसेज चयन करते समय अपने कंफर्ट को ध्यान में रखना जरुरी है। चाहें तो दो-तीन अच्छी लोकेशंस भी चुन सकती हैं। कुछ फोटो अकेले और कुछ अपने पार्टनर के साथ खिंचवाएं। अगर आपका पहले से ही बेबी है तो इस मेटरनिटी फोटोशूट में उसको भी शामिल करें। फोटोग्राफर का चयन भी अच्छे से पता करके करें।
बेबी मून

हनीमून की तरह ही आजकल बच्चे के जन्म से पहले बेबी मून का प्रचलन भी काफी लोकप्रिय हो रहा है। बेबी के आने के बाद लाइफ में इतने सारे परिवर्तन आते हैं कि अगले कुछ सालों तक तो आप अपने लिए समय ही नहीं निकाल पाते। इसलिए बेबी के आने के पहले ही उसके साथ होने की फीलिंग के साथ अपने पार्टनर के साथ बेबीमून का प्लान करें। दोनों मिलकर कुछ अच्छी लोकेशन का चयन करें। इससे आपकी पार्टनर के साथ बांडिंग भी और बेहतर होगी। अपनी इस ‘लास्ट वेकेशन एज-ए-कपल’ को यादगार बनाइए। ध्यान रहे कि लोकेशन इस तरह की हो कि आपको वहां किसी तरह की असुविधा ना हो। समय का चयन भी ध्यान से करें। सबसे अच्छा समय सैकंड ट्राइमिस्टर रहता है क्योंकि पहले तीन महीने और आखिरी के तीन महीने ज्यादा ध्यान रखने वाले रहते हैं। एक बार जाने से पहले अपने डाॅक्टर से सलाह जरुर ले लें।
स्टेकेशन

यदि आप घर में रहकर बोरियत महसूस कर रही हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा ट्रेवलिंग नहीं करना चाहतीं तो स्टेकेशन आपके लिए अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। स्टेकेशन यानी कि कहीं दूर जाने की जगह आस पास किसी रिर्सोट में ही आप अपने पार्टनर के साथ आनंद के पल बिता सकती हैं। इससे आप एकदम शांति से रिलेक्स कर पाएंगी। इसमें आपको किसी भी मेडिकल इमरजेंसी का डर नहीं रहेगा। आस पास कहीं अगर खूबसूरत होम स्टे हो तो वो भी ले सकते हैं। इसमें 10 से 15 दिन आसानी से रह सकती हैं यहां आपको घर जैसी सारी सुविधाएं मिल जाएंगी।
बेबी शाॅवर

बेबी शाॅवर या गोद भराई का प्रचलन बहत पहले से ही है। बच्चे के आने के पहले सातवें या आठवें महीने में की जाती है। लेकिन आजकल इसको भी यादगार बनाने के लिए बहुत कुछ नया किया जा रहा है। घर की जगह आजकल बेबी शाॅवर भी लोकेशन और थीम बेस्ड हो गए है। लोकेशन का चयन करते समय गेस्ट की सुविधा का ध्यान रखें क्योंकि गेस्ट ही आपके इस प्रोग्राम को खास बनाते हैं। लोकेशन और डेट तय करने के बाद खूबसूरत इन्वीटेशन कार्डस प्रिंट करवाइए। इस कार्ड को आने वाले बेबी के रुम में लगाकर रखिऐगा। बैलून, कैंडल, पिक्चरों और कार्टूनों से वाॅल्स को सजाइए। ध्यान रखें इस दौरान खुद को जरुरत से ज्यादा व्यस्त ना रखें। थो़डा समय निकालकर रेस्ट करें।
रुम डेकोरेशन

अपनी प्रेग्नेंसी की यादों को सहेजने के लिए रुम डेकोरेशन के अच्छे आईडियाज तलाशें। जिस रुम में आप बेबी को पहली बार लेकर आएंगे उस रुम को पूरी तरह से रिनावेट करके सजाएं। बेबी थीम का चयन करें यानी बेड शीट, पिलो कवर, ब्लेंकेट, वाॅल्स सब कुछ बेबी थीम का हो। रुम को कलरपफुल बनाएं जिससे आपको भी एक अलग तरह का अहसास हो। पार्टनर के साथ मिलकर शाॅपिंग करें जिसमें आने वाले बेबी के कप़डों, खिलौनों के अलावा उसके रुम को सजाने का सामान भी शामिल हो।
हर महीने का वीडियो बनाएं
बच्चा पेट में आने के बाद से ही मां उसकी अनुभूति महसूस करने लगती है। इनको यादगार बनाने के लिए हर महीने अपने बेबी बंप का वीडियो बनाएं। तीन महीने के बाद से बच्चे की हलचल साफ पता चलने लगती है। इसलिए तीसरे महीने के बाद से इन गतिविधयों को अपने कैमरे में कैद करना ना भूलें। जब आप बाद में इन वीडियो को देखेंगे तब आपको हर महीने की गतिविधियों का परिवर्तन पता चलेगा। बाद में इन सभी वीडियो को अच्छे से सेव करके रखें अन्यथा फोन बदलने, खो जाने या खराब हो जाने पर ये वीडियो गायब हो सकते हैं। आजकल गूगल से फोन को लिंक करने का भी ऑप्शन उपलब्ध है।
डायरी लिखें

अपने प्रेग्नेंसी अनुभवों को हर दिन लिखनें की आदत बनाएं। अगर हर दिन नहीं भी लिख पाती हैं तो कम से कम सप्ताह में एक बार डायरी जरुर लिखें जिसमें आप अपनी बाॅडी में जो भी परिवर्तन महसूस कर रही हैं और आपके दिमाग में जो भी विचार आ रहे हैं वो सब कुछ उसमें लिखें। यह प्रेग्नेंसी जर्नल बाद में आपके बहुत काम आऐगा। इसमें आप हर सप्ताह या हर महीने में खींची हुई बेबी बंप की फोटो भी लगा दें। इसके साथ ही आप हर महीने अपने टू बी बेबी के लिए एक एक पत्र लिखें जो बाद में ब़डे होने पर उसको दें। इन्हे पढकर वो आपकी उसके लिए पफीलिंग्स को महसूस कर पाएगा।
तो बस अपनी प्रेग्नेंसी की यादों को समेटने और अपने इस समय को खास बनाने के लिए हमारे ये मजेदार तरीके अपनाकर देखिए।