क्या आप पापा बनने की योजना बना रहे हैं, घर में एक नन्हा या नन्ही लाने की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको अभी से अलग कमरा बनाने के बारे में सोचने की जरूरत तो नहीं है, लेकिन आपको इस प्रक्रिया में पूरा हाथ बंटाना होगा। यहां हम कुछ सुझाव दे रहे हैं, जिनकी मदद से इसे और भी आसान बनाया जा सकता है।
डॉक्टर से मिले :- हालांकि आपको गर्भधारण नहीं करना लेकिन इसके बावजूद आपको डाॅक्टर से अपनी जांच करा लेनी चाहिए। एक स्वस्थ शिशु का जन्म, दो स्वस्थ शरीरों के मेल से ही तो संभव है। पूरी चिकित्सीय जांच से पता चल जाएगा कि आप टेस्टीकुलर सिस्ट या ट्यूमर जैसे रोग से ग्रस्त तो नही है या मानसिक अवसाद आपके पापा बनने की राह का रोड़ा तो नहीं है। डाॅक्टर से सैक्सुअल इफैक्ट हर्बल दवाओं व स्पर्म कांउट के बारे में जानकारी लें। इन सब बातों की जानकारी के बाद आप एक स्वस्थ शिशु के पिता बनने को तैयार हो पाएंगे।
2. जेनेटिक स्क्रीनिंग :- यदि आपके परिवार में कोई जेनेटिक रोग रहा है और आपका साथी स्क्रीनिंग करवाने जा रहा है तो आप भी यह जांच अवश्य करवा लें।
3. आहार में सुधार :- पोषण जितना बेहतर होगा, स्पर्म उतने ही स्वस्थ होंगे। आपको तेज फल, सब्जियां साबुत अनाज व प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार लेना होगा। इन दिनों आप विटामिन मिनरल की खुराक भी ले सकते हैं क्योंकि आहार से सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व नहीं मिल पाएंगे। इसमें फाॅलिक एसिड भी शामिल करें। कई बार इसी तत्व की कमी से गर्भधारण में समय लगता है तथा शिशु में जन्मजात विकृतियां भी पाई जाती हैं।
4. जीवनशैली पर एक नजर :- हालांकि शोध अभी जारी है लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि यदि आप ड्रग्स लेते हैं तथा भारी मात्रा में एल्कोहल लेते हैं तो आप आसानी से पिता नहीं बन पाएंगे। इससे न केवल स्पर्म घटते हैं बल्कि उनकी संख्या में भी कमी आती है और टेस्टोस्टेराॅन का स्तर भी घटता है। यह ठीक नहीं है। भारी मात्रा में शराब पीने से बच्चे के वजन में भी गिरावट आ सकती है। यदि आप एल्कोहल की मात्रा घटाएंगे तो साथी के लिए भी ऐसा करना आसान हो जाएगा। यदि आप शराब और ड्रग्स नहीं छोड़ पा रहे तो डाॅक्टर की मदद लें।
5. वजन की जांच :- जिन पुरुषों का बाॅडी मास इंडेक्स अधिक होता है वे सामान्य पुरूषों की तुलना में नपुंसक होते हैं। आपके वजन में 20 पौंड की वृद्धि भी इस पर असर डालती है, इसलिए गर्भधारण कराने की प्रक्रिया से पहले अपने वजन की जांच करा लें।
6. धूम्रपान छोड़ें :- यहां कोई बहानेवाजे नहीं चलेगी। धूम्रपान से स्पर्म की संख्या घटती है। इसे छोड़ देंगे तो आपके पूरे परिवार की सेहत के लिए फायदेमंद होगा। उनके लिए भी आपकी सिगरेट का धुंआ कम खतरनाक नहीं है। इससे आपका शिशु एस. आई. डी (अचानक संक्रमित रोगों के कारण मृत्यु) एस से भी बच जाएगा।
7. रसायनों से बचें :- पेंट, गेंद, वार्निश आदि के तीखे रसायनों के सीधे संपर्क में आने से बचें। इनसे भी आपके लिए परेशानी पैदा हो सकती है।
8. कूल रहें :- जब टेस्टिकल्स (वृषण) जरूरत से ज्यादा गर्म हों तो स्पर्म के उत्पादन पर असर पड़ता है। टेस्टीकल शरीर के तापमान से थोड़े ठंडे होते हैं तभी वे आपके शरीर से अलग लटके रहते हैं। आपको हाॅट टब बाथ, सोना, इलेक्ट्रिक केबल व टाइट जींस से बचना होगा। सिंथेटिक की पैंट या अंडरवियर न पहनें। गोदी में लैपटाप न रखें। इस उपकरण से शरीर में निचले हिस्से का तापमान बढ़ सकता है। यदि लैपटाॅप इस्तेमाल करना ही हो तो उसे डेस्कटाॅप की तरह इस्तेमाल करें।
9. सुरक्षित रहें :- आप कोई रफ खेल (फुटबाल, साॅकर, बास्केटबाल, हाॅकी, बेसबाॅल, घुड़सवारी) खेलते हैं तो रक्षक गार्ड लगा कर अपने जननांगों की सुरक्षा करें। ज्यादा साइकिल चलाने से भी परेशानी खड़ी हो सकती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि साइकिल की सीट का दबाब पड़ने से कई धमनियों को नुकसान पहुुंच सकता है। जब जननांगों में सुन्नपन या झनझनाहट बंद न हो तो डाॅक्टर को दिखाएं।
10. विश्राम :- जी हां,आपने सब कुछ सीख लिया है, बस आराम से इस पूरी सूची पर अमल करना है। इस व्यस्तता के बीच विश्राम करना न भूलें। तनाव से स्पर्म बनने में रुकावट आ सकती है। चिंता जितनी कम करेंगे, परिणाम उतनी जल्दी सामने आएंगे। शांत भाव से कोशिश करते रहें।
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