हमेशा की तरह याद रखें कि हर महिला व गर्भावस्था अपने आप में अनूठी होती है। हो सकता है कि आप एक साथ सारे लक्षण महसूस करें या फिर अलग-अलग समय पर लक्षण उभरें कुछ लक्षण पुराने होंगे और कुछ इस माह नए शामिल होंगे। कुछ पर तो आप ध्यान ही नहीं देंगी, क्योंकि आप उनकी आदी हो चुकी हैं। इस माह आप क्या महसूस कर सकती हैं।
शारीरिक
- भ्रूण की गतिविधियों में तेजी व मजबूती
- भ्रूण की दृढ़ व नियमित गतिविधियां
- योनि स्राव में वृद्धि
- कब्ज अधिक होना
- छाती में जलन, अपच, अफारा
- सिर में दर्द, बेहोशी, सिर चकराना
- नाक बंद होना, नाक से खून आना या कान में गंदगी जमा होना
- संवेदनशील मसूड़े
- टांगों में ऐंठन
- पीठ में दर्द
- कूल्हों पर दबाव या दर्द
- टखनों व पैरों या हाथ व चेहरे पर हल्की सूजन
- टांगों के वैरीकोज़ वेन्स
- हेमोरॉयड्स
- नाभिका उभार
- स्ट्रैच मार्क्स
- सांस लेने में तकलीफ
- सोने में तकलीफ
- संकुचन का अभ्यास (ब्रैक्सटन हिक्स)
- वक्ष का फैलाव
- निप्पल से कोलैस्ट्रम का रिसाव
भावनात्मक
- गर्भावस्था समाप्त होने की उत्सुकता
- लेबर व डिलीवरी की चिंता
- दिमाग खोया-खोया रहना
- यदि पहली बार है, तो मां बनने की व्यग्रता
- एक अजीब सी उत्तेजना
एक नजर
प्यूबिक बोन से गर्भाशय की ऊंचाई से-मी में मापी जाए तो गर्भावस्था के सप्ताह से उसका संबंध बनता है। तो 34 सप्ताह में, प्यूबिक बोन से गर्भाशय की ऊंचाई करीब 34 से.मी. होगी।
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