‘‘मुझे पहले से काफी ज्यादा सिर-दर्द रहने लगा है। क्या मुझे कुछ लेना चाहिए?”

गर्भावस्था में महिलाओं को पेनकिलर दवाओं से बचना होता है और इन्हीं दिनों उनका सिर ज्यादा दुखने लगता है। आपको इसके साथ ही रहना होगा लेकिन बचाव का कोई उपाय तो कर ही सकते हैं। हम ऐसे उपाय अपना सकते हैं, जिनमें दवा लेने की जरूरत न पड़े। सबसे पहले तो पता लगाना होगा कि सिर में दर्द क्यों हो रहा है। कई हार्मोनल बदलावों की वजह से भी गर्भावस्था में सिर दर्द होता है। इनकी वजह से ही सिरदर्द, थकान, तनाव,भूख शारीरिक या मानसिक तनाव वगैरह काफी बढ़ जाते हैं। हालांकि इससे बचाव के कई उपाय हो सकते हैं पर इनमें से कोई भी दवा या कैप्सूल के रूप में नहीं आता। कई मामलों में थोड़ी सी कोशिश करने पर सफलता मिल सकती है।

रिलैक्स :- गर्भावस्था में उत्तेजना व तनाव की वजह से अक्सर सिरदर्द हो जाता है। कई महिलाओं को ध्यान व योगा से काफी आराम मिलता है। आप भी रिलैक्सेशन तकनीकें सीखकर अपना सकती हैं। या अंधेरे कमरे में 10 मिनट के लिए लेट जाएं या 10-15 मिनट के लिए डेस्क या सोफे पर पांव ऊंचे कर लें। इससे भी तनाव और सिर दर्द में राहत मिलेगी।

पूरा आराम लें :- गर्भावस्था में आराम की कमी से भी सिर दर्द हो सकता है। खासतौर पर पहली और तीसरी तिमाही में थकान ज्यादा होती है। जो महिलाएं लंबे घंटों तक काम करती हैं या जिन्हें बच्चों की देखरेख करनी पड़ती है। ऐसे में नींद भी नहीं आती। आप अपने पेट का उभार देख-देख कर सोचना शुरू कर देती हैं :- क्या मुझे कभी आराम मिलेगा? शिशु के आने के बाद सारे काम कैसे पूरे होंगे? इससे थकान दुगनी हो जाती है।जब भी मौका मिले आराम करें, सिर दर्द में फर्क पड़ेगा। जरूरत से ज्यादा नींद न लें क्योंकि इससे सिर दर्द बढ़ सकता है।

नियमित समय पर खाएं :- ब्लड प्रेशर घटा हुआ हो तो भूख की वजह से भी सिर में दर्द होने लगता है। खाली पेट न रहें। अपने बैग,कार के कंपार्टमेंट या घर में हमेशा पौष्टिक स्नैक्स (सोया चिप्स, ग्रेनोला बार, सूखे मेवे)रखें ताकि भूख लगते ही कुछ खाया जा सके।

थोड़ा शांत रहें :- यदि आप शोर के प्रति संवेदनशील हैं तो शोर से भी सिर दुखने लगता है। शोर व भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें। यदि आपकी नौकरी शोर-शराबे वाले इलाके में है तो अपने बॉस से बात करें या किसी शांत इलाके में तबादला करवा लें। घर में टी.वी. टेलीफोन व रेडियो की आवाज धीमी रखें।

हवादार जगह में रहें :- भीड़-भाड़ व उमस भरी जगह में न रहें वरना आपका सिर दुखने लगेगा। यदि आप किसी ऐसी जगह फंस गई हैं तो बाहर निकल कर ताजी हवा में सांस लें। स्वेटर वगैरह उतार दें। यदि बाहर जाने का हिसाब न बने तो कम से कम खिड़की तो खोल दें।

लाइट का रखें ध्यान :- अपने आसपास की रोशनी को एक नई नजर से देखें। कई जगह फ्लोरोसैंट बल्ब की रोशनी भी सिर में दर्द कर सकती है। यदि बत्तियां जलाए बिना बात न बने तो बीच-बीच में बाहर की हवा भी खाएं।

विकल्प आजमाएं :- एक्यूपंचर, एक्यूप्रेशर,बायोफीडबैक व मालिश जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां आजमाएं।

गर्म व ठंडा सेंक :- सॉइनस के सिर दर्द से बचाव के लिए दिन में चार बार 10 मिनट तक, 30-30 सेकेंड के लिए सिर पर गर्म-ठंडा सेंक करें। तनाव की वजह से सिर दर्द हो तो गर्दन के पिछले हिस्से पर बर्फ लगाएं व आंखें बन्द करें। सामान्य आइस पैक या जैल बेस्ड नैक पिलो इस्तेमाल करें।

पोश्चर सीधा रखें :- झुक कर या आड़ा-तिरछा बैठ कर लंबे समय तक काम (शिशु की जुराबें बुनना वगैरह) न करें। अपने पोश्चर पर पूरा ध्यान दें।

दवा लें :- यदि आराम न आए तो दवा लें। वैसे टाइलीजोल से काफी आराम आ जाता है। इसे गर्भावस्था में सुरक्षित भी माना जाता है। डॉक्टर की मदद से सही खुराक लें। अगर कुछ घंटों तक लगातार अलग सा दर्द रहे, बुखार हो और दर्द बार-बार हो या हाथों-पांवों में सूजन आ जाए तो डाक्टर की मदद लें।

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