Navratri Fast Tips: मौसम के बदलाव यानी वर्षा ऋतु की समाप्ति और शरद ऋतु के आगमन पर होने वाले संधिकाल के दौरान नवरात्रि के उपवास करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है। उपवास टाॅक्सिन या विषैले पदार्थ फ्लश आउट करके शरीर को डिटाॅक्सिफाई करते हैं। शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है और शारीरिक-मानसिक संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलती है जिससे कई बीमारियों से बचाव भी होता हैं। लेकिन जो महिलाएं मेडिकली फिट नहीं है, उन्हें 9 दिन तक चलने वाले नवरात्रि के उपवास के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में उन्हें उपवास को हैल्दी तरीके से रखना जरूरी है।
डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं
उपवास के दौरान इन्हें कई जटिलताएं हो सकती हैं जैसे- शरीर में शूगर लेवल गड़बड़ाना, अचानक पसीना आना, कमजोरी महसूस होना, दिल की धड़कनों का तेज होना। महिलाओं को उपवास के दौरान बैलेंस डाइट और समुचित व्यायाम करके ब्लड शूगर लेवल को कंट्रोल मे रखना जरूरी है।

ऐसा आहार लेना चाहिए जिससे ब्लड शूगर न बढ़े और वे एनर्जेटिक महसूस करें। अधिक शर्करायुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। जरूरी हो तो शहद का इस्तेमाल कर सकती हैं। बिना नमक के व्रत नहीं रखने चाहिए क्योंकि 9 दिन तक बगैर नमक के रहने के कारण उन्हें सिरदर्द, थकान, कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डिहाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज पीडि़त महिलाओं को नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, जूस जैसी लिक्विड डाइट थोड़-थोड़े अंतराल पर लेते रहना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर पीडि़त महिलाएं
उपवास के दौरान खाए जाने वाले फ्राइड खाद्य पदार्थों और बाजार में मिलने वाले फलाहार में नमक और ऑयल की मात्रा अधिक होती है। इससे महिलाओं में ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना रहती है। अगर उन्हें किडनी या रक्त में हाई सिरम पौटेशियम जैसी समस्याएं हों, तो फलाहार में सेंधा नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं

गर्भावस्था के दौरान उपवास रखने का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी हो सकता है। चूंकि इस समय महिलाओं को पोषक तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है, व्रत रखने से इनकी कमी हो सकती है। पहली तिमाही में भूखा रहने से जी मिचलाना, उल्टी, एसिडिटी होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पहली तिमाही में शिशु का विकास शुरू होता है, भूखे रहने पर शिशु का विकास ठीक तरह नहीं हो पाएगा। बेशक दूसरी और तीसरी तिमाही में महिलाएं नवरात्र व्रत रख सकती हैं। बशर्ते उन्हें हर दो घंटों में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए ताकि शरीर में पोषण की कमी न हो और कमजोरी न आए। उपवास में खाए जाने वाला कुट्टू का आटे का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए। कुट्टू के आटे की तासीर गर्म होती है जिससे बच्चे पर असर हो सकता है। चाय-काॅफी का सेवन ज्यादा और पानी कम पीनेे से डिहाइड्रेशन हो सकता है। इससे शिशु का विकास प्रभावित होता है और शिशु की मूवमेंट्स पर असर पड़ सकता है।
नवरात्र व्रत में रखें इन बातों का ध्यान Video
अगर महिलाएं अंदर से अच्छा महसूस कर रही हों, तो उपवास रखने में कोई मनाही नहीं है। चाहे तो लगातार 9 दिन उपवास न रखकर पहला और आखिरी व्रत रख सकती हैं या जोड़े से 2 व्रत रख सकती हैं। नवरात्र व्रत रखते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए-
- महिलाओं को उपवास में भी डायबिटीज, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने के लिए रेगुलर मेडिसिन और इंसुलिन लेनी चाहिए ताकि किसी तरह की समस्या न हो। घर पर ही रोजाना कम से कम दो बार ग्लूकोमीटर की मदद से ब्लड शूगर और ब्लड प्रेशर माॅनीटर से बीपी की जांच करते रहनी चाहिए। संभव हो तो व्रत रखने से पहले अपने डाॅक्टर को कंसल्ट जरूर कर लें ताकि उपवास में मेडिसिन में फेर-बदल की जा सके।
- नवरात्रि के दौरान महिलाओं को फाइबरयुक्त फलाहार ज्यादा लेना चाहिए। इसके लिए मौसमी फलो का सेवन फायदेमंद है। इससे वे कब्ज या पेट संबंधी समस्याओं से बच सकती हैं। अगर महिला को किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी है, तो नवरात्रि उपवास में भी नहीं खानी चाहिए। इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- तला-भुना खाने के बजाय रोस्टेड खाना प्रेफर करना चाहिए। जैसे- रोस्टेड ड्राई फ्रूट्स, आलू का हलवा या कुट्टू के आटे की पूरी की जगह चीला या परांठा बनाना। इससे उन्हें वजन बढ़ने की आशंका भी नहीं रहेगी जो ब्लड प्रेशर, ओबेसिटी जैसी बीमारियों के रिस्क को ज्यादा बढ़़ाती हैं।
- उपवास में छोटी-छोटी भूख को शांत करने के लिए महिलाओं को ड्राई फ्रूट्स जरूर लेने चाहिए क्योंकि ये आपकी डाइट में फाइबर और हैल्दी ऑयल की आपूर्ति करते हैं, एनर्जी भी प्रदान करते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इन्हें मुट्ठी भर खाना ही श्रेयस्कर है। ज्यादा मात्रा में खाने से डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है।

- ज्यादा मात्रा में चाय-काॅफी का सेवन से बचना चाहिए। एसिडिटी या डिहाइड्रेशन, हो सकती है। नींद आने में दिक्कत हो सकती है। इससे बचने के लिए महिलाओं को व्रत में ग्रीन टी, दालचीनी चाय लेना बेहतर है।
- नवरात्रि में कई महिलाएं गरबा भी करती हैं । व्रत रखने की वजह से महिलाएं बैलेंस डाइट नही ले पातीं जिससे उनके शरीर में एनर्जी लेवल कम हो जाता है। ज्यादा देर तक गरबा करने से उन्हें चक्कर आ सकते हैं, कमजोरी महसूस हो सकती है, बेहोश भी हो सकते हैं। अपनी कैपेसिटी के हिसाब से गरबा करना चाहिए।
- ज्यादा देर खाली पेट रहने से एसिड रिफ्लेक्स होने की संभावना ज्यादा रहती है जिससे एसिडिटी हो सकती है। इससे बचने के लिए दिन में हर दो से तीन घंटे में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए। मौसमी फल, बादाम या ड्राई फ्रूट्स, गर्म करके ठंडा किया ठंडा दूध जैसी चीजें खाते रहना चाहिए।
- हाइड्रेशन की कमी से कम एनर्जी मिलती है, थकावट और कमजोरी महसूस होती है। डायबिटीज के मरीज नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ ले सकती हैं, जबकि सामान्य महिलाएं फ्रूट जूस भी ले सकती हैं।

