Covid-19 Cases in India: भारत में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर वृद्धि देखी जा रही है, खासकर मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में। इस उछाल के पीछे मुख्य रूप से दो नए सब-वैरिएंट्स—LF.7 और NB.1.8—का हाथ है, जो JN.1 वेरिएंट के टाइप हैं। ये सब-वैरिएंट्स तेजी से फैलने की क्षमता रखते हैं, जिससे इन्फेक्शन के मामलों में वृद्धि हो रही है। हालांकि, अधिकांश नए मामले हल्के लक्षणों वाले हैं, लेकिन हेल्थ एक्स्पर्ट्स का मानना है कि सतर्कता बरतना आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” के रूप में क्लासिफ़ाइ किया है, जबकि LF.7 और NB.1.8 को देश भर की निगरानी में रखा गया है। इन वेरिएंट्स के लक्षण अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट्स के समान हैं, जैसे गले में खराश, बुखार, खांसी और थकान। एक्स्पर्ट्स कहते हैं कि पहले हुए इन्फेक्शन या वैक्सीन से बनी सुरक्षा समय के साथ घट रही है, जिससे दोबारा इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ रहा है।
इस स्थिति में, विशेष रूप से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना जैसे उपाय अपनाकर हम इन्फेक्शन के रिस्क को कम कर सकते हैं।
नए सब-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8: क्या हैं ये और क्यों हैं चिंताजनक?
इन नए वेरिएंट्स की खासियत है कि ये बहुत तेजी से फैलते हैं । हालांकि, अभी तक इन वेरिएंट्स से जुड़ी गंभीरता या डैथ रेट में कोई विशेष वृद्धि नहीं देखी गई है, लेकिन इनकी तेजी से फैलने की क्षमता चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन वेरिएंट्स की निगरानी और स्टडी आवश्यक है ताकि समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें।
लक्षणों में बदलाव: क्या नया है LF.7 और NB.1.8 के साथ?
LF.7 और NB.1.8 वेरिएंट्स के लक्षण ज्यादातर अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट्स की तरह हैं। इनमें गले में खराश, बुखार, खांसी, थकान और सिरदर्द शामिल हैं। कुछ मामलों में, इन्फैक्टेड व्यक्तियों को टेस्ट और स्मैल की कमी, दस्त और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। हालांकि, इन लक्षणों की इंटैन्सिटी कॉमनली लाइट होती है, लेकिन यह उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है जो पहले से बीमार हैं या जिनकी उम्र ज्यादा है । इसलिए, लक्षणों के प्रकट होते ही टेस्ट करवाना और आवश्यक सावधानी बरतना जरूरी है।
भारत में संक्रमण की स्थिति: किन राज्यों में बढ़ रहे हैं मामले?
हाल के दिनों में भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी गई है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में नए केसेस का नंबर बढ़ा हुआ है। विशेष रूप से मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में इन्फेक्शन के नए मामले सामने आ रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार, अधिकांश नए मामले हल्के लक्षणों वाले हैं और अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। फिर भी, हेल्थ डिपार्टमेन्ट ने जांच और निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है, ताकि इन्फेक्शन को फैलने से रोका जा सके I
एक्स्पर्ट्स की राय: क्या हमें चिंता करनी चाहिए?
हेल्थ एक्स्पर्ट्स का मानना है कि घबराने की आवश्यकता नही है, लेकिन अलर्ट रहना आवश्यक है। चूंकि नए वेरिएंट्स की फैलने की क्षमता अधिक है, इसलिए इन्फेक्शन तेजी से फैल सकता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में लक्षण हल्के होते हैं और अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं पड़ती। एक्स्पर्ट्स की सलाह है कि लोग मास्क पहनें, हाथों की हाईजीन बनाए रखें और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें। इसके अलावा, वैक्सीन और बूस्टर डोज़ लेने से भी इन्फेक्शन से बचा जा सकता है I
सावधानियां और सुझाव: कैसे करें खुद की और दूसरों की सुरक्षा?
कोविड-19 के नए वेरिएंट से बचने के लिए कुछ जरूरी बातें याद रखनी चाहिए। सबसे पहले, भीड़ वाली जगह पर मास्क पहनें। हाथों को बार-बार धोते रहें। दूसरों से दूरी बनाए रखें और अगर कमरे में हवा का आना-जाना ठीक नहीं है, तो खिड़की-दरवाजे खोलकर हवा आने दें। अगर आपको बुखार, खांसी या गले में खराश जैसे लक्षण हों, तो तुरंत टेस्ट करवाएं और जरूरत हो तो घर पर ही अलग रहें। इसके अलावा, वैक्सीन और बूस्टर डोज़ जरूर लगवाएं। अगर हम ये सावधानियां अपनाएं, तो हम खुद को, अपने परिवार को और समाज को सुरक्षित रख सकते हैं।
