Ayurvedic Prescriptions
Ayurvedic Prescriptions

घरेलू नुस्खे

Ayurvedic Prescriptions: तुलसी के तीस पत्ते, 12 काली मिर्च और एक गांठ लहसुन के साथ थोड़ा पानी डालकर पीस लें। इस लुगदी को कपड़े में रखकर शीशी में निचोड़ दें। इस शीशी को दिन में कई बार जोर से सूंघें। पुराना सिरदर्द भी ठीक हो जाएगा। शीतऋतु में सिरदर्द दूर करने की दृष्टि से तुलसी की चाय बनाकर पीना हितकारी है।
सिरदर्द में नाक बंद हो तो पन्द्रह तुलसी के पत्ते और लौंग को थोड़े-से घी में आग पर रखकर उसके धुएं को जोर से सुघें। पुराना सिरदर्द भी ठीक हो जाएगा। द्य गर्मी के कारण सिरदर्द हो रहा हो तो लौकी के टुकड़े माथे पर मलने से लाभ होता है।
एक चम्मच सौंफ चबाकर दूध पीलें। पेट और सिरदर्द में लाभ होगा।
थोड़ा-सा प्याज का रस, महुए का बीज और चार दाने काली मिर्च को पीसकर छान लें। इस छनित अर्क की कुछ बूंदें नाक में डालने से सिरदर्द में राहत मिल जाती है। आधे सिर में दर्द हो रहा हो तो देशी घी में काली मिर्च घिसकर नाक में बूंदें डालें या मात्र प्याज को खूब महीन कूटकर पांव के तलवों पर लेप कर देने से हर प्रकार का सिरदर्द दूर हो जाता है।
तीव्र सिरदर्द में तेजबल के पत्तों का स्वरस देने से शीघ्र लाभ मिलता है।
हींग सिरदर्द में लाभकारी है। जिन्हें सर्दी में सिरदर्द रहता हो, उन्हें हींग घिसकर चंदन की तरह लेप करना चाहिए तथा थोड़ी-सी मात्रा पानी के साथ निगल लेनी चाहिए।
पुदीने के रस को गर्म करके सिर पर लगाने से सिरदर्द दूर होता है साथ ही पुदीने का शर्बत पीने से और शीघ्र इजाफा होता है।
तरबूज के गूदे का रस को थोडी-सी मिश्री मिलाकर प्रात:काल पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है तथा दिमाग तरोताजा बना रहता है अथवा तरबूज के बीजों की गिरी को खरल आदि में पानी के साथ खूब महीन घोंट लें। जब गाढ़ा लेप निरंतर लेप करने से पुराना से पुराना सिरदर्द दूर हो जाता है।
तेज पत्ती की काली चाय में नीबू का रस निचोड़ कर पीने से सिरदर्द में अत्यधिक लाभ होता है। द्य सफेद चंदन पाउडर को चावल धुले पानी में मिलाकर उसका लेप लगाने से भी फायदा होगा।
सफेद सूती का कपड़ा पानी में भिगोकर  माथे पर रखने से भी आराम मिलता है।
लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है।
लाल तुलसी के पत्तों को पीस कर उसका रस दिन में माथे पर 2-3 बार लगाने से भी दर्द में राहत मिलती है।
चावल धुले पानी में जायफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सिरदर्द में आराम देगा।
हरा धनिया पीसकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा।
सफेद सूती कपड़े को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी।
बबूल के फूल, धनिया, कद्दू के बीज सभी को बराबर मात्रा में पीस लें इसे एक छोटा चम्मच दिन में दो बार लें, सिरदर्द में राहत मिलेगी।
चुटकी भर नमक जबान पर रख लें तथा 10 मिनट बाद एक गिलास पानी पी लें। सिरदर्द में बहुत आराम मिलेगा।
प्याज को खूब बारीक कूट लें अच्छी तरह तल्वों पर लेप करें। इससे हर प्रकार के सिरदर्द से राहत मिलती है।
500 एम.जी कपूर, 2 ग्राम सौंफ दोनों को अलग-अलग बारीक पीस लें तथा दोनों को मिला कर एक साफ शीशी में रख लें जब भी सिरदर्द हो सूंघ लें। सिरदर्द गायब हो जाएगा।
सिरदर्द होने पर दालचीनी को पानी के साथ महीन रगड़कर माथे पर हल्का पतला लेप लगा लीजिए। लेप सूख जाने पर साफ कर दें। रोजाना एक या दो बार लेप लगाने पर सिरदर्द होना बंद हो जाता है।
मुलहठी के महीन चूर्ण को सूंघने से सिरदर्द में राहत मिलती है।

tulsi
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जुकाम के कारण सिरदर्द होने पर तुलसी के कुछ पत्ते, काली मिर्च, सौठ, बड़ी इलाइची, चुटकी भर जायफल पाउडर का काढ़ा बनाकर सेवन करें।
दालचीनी को पानी में खूब बारीक पीसकर लेप बनाकर सिर पर लगाने से सिरदर्द में फायदा होता है।
पीपल, सोंठ, मुलहठी, सौंफ, कूठ इन सबको लगभग बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लीजिए। सिरदर्द होने पर इस चूर्ण में एक चम्मुच पानी मिलाकर गाढ़ा लेप बना कर माथे पर लगाइए। सिरदर्द में आराम होगा।
जब भी आपको सिरदर्द हो तो बोगनविलिया के ताजे फूल लाइए और उन्हें अपने तकिये/सिरहाने के नीचे रखकर और फिर उस पर सिर रखकर सो जाइये । सिरदर्द ठीक हो जाएगा।
कूठ और अरण्ड की जड़ को पीस कर लेप करने से सिरदर्द में आराम मिलता है।
नींबू के पत्तों का रस गर्म पानी में मिला लें और स्टीम लें। द्य देशी घी की दो से पांच बूंदें नाक के छिद्रों में डालने से सभी प्रकार के सिरदर्द में आराम मिलता है।
सिरदर्द होने पर बिस्तर पर लेटकर दर्द वाले हिस्से को बेड के नीचे लटका दीजिए। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो, तो उस तरफ वाली नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल दीजिए, उसके बाद जोर से सांसों को ऊपर की तरफ खींचिए। इससे सिरदर्द से राहत मिलेगी।
सिरदर्द होने पर पीपल, सोंठ, मुलहठी, सौंफ , कूठ इन सबको लगभग 10-10 ग्राम लेकर पीसकर चूर्ण बना लीजिए। उसके बाद इस चूर्ण में एक चम्मच पानी मिलाकर गाढ़ा लेप बना बना लीजिए। इस लेप को माथे पर लगाइए। सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।
गोदन्ती भस्म व प्रवाल भस्म और छोटी इलायची के दाने तीनों को पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। सुबह उठकर खाली पेट थोड़ा सा चूर्ण लेकर दही और पानी के साथ पीजिए। इससे सिरदर्द की समस्या से निजात मिलेगी।
तौलिये को हल्के गर्म पानी में डालकर उस तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश कीजिए। इससे सिरदर्द में फायदा होगा।
पुष्कर मूल को घिसकर लेप माथे पर लगाने से सिरदर्द में आराम आता है।
पेट की गड़बड़ी से सिरदर्द होने पर बड़ी इलायची, काली मिर्च, काला नमक, अजवायन, हींग, सौफ, पुदीना और मिश्री का काढ़ा बनाकर पिएं।
सिर के पिछले भाग और गर्दन में रोज सरसों के तेल की मालिश करें, जिससे सिरदर्द में काफी आराम मिलता है।

आयुर्वेदिक नुस्खे

  • सिरदर्द होने पर सबसे पहले मानसिक तनाव को कम करने के लिए अपना काम बदलने का प्रयास करें या बिस्तर पर लेटकर सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उस तरफ वाले नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें या षड्बिन्दु तेल की 2 बूंदें डाल दीजिए, उसके बाद जोर से सांस ऊपर की ओर खींचिए इससे सिरदर्द में गजब की राहत मिलेगी।
  • त्रिफला चूर्ण 500 मि. ग्राम को 1 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर रात को सोने से पहले लेने से आराम मिलता है।
  • महालक्ष्मी विलास की 1-1 गोली सुबहशाम लेने से सिरदर्द में लाभ होता है।
  • सिरदर्द में गोदन्ती भस्म 450 मि. ग्राम, 1 ग्राम मिश्री एवं 10 ग्राम गाय का घी लेकर सबको मिलाएं, यह मात्रा दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।
  • गोदन्ती भस्म व प्रवाल भस्म और छोटी इलायची के दाने। तीनों को पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। सुबह उठकर खाली पेट छोटा चम्मच चूर्ण लेकर दही या पानी के साथ पीजिए। इससे सिरदर्द की समस्या से धीरे-धीरे निजात अवश्य मिलेगी। शड्बिन्दु तेल 5-5 बूंदे नाक में डालने से पुराने सिरदर्द में लाभ होता है।
  • त्रिकटु, पुष्करमूल, रास्रा और असगंध के 25 ग्राम चूर्ण का 2 कप पानी में काढ़ा बनाकर नाक में 2-2 बूंद डालने से सिरदर्द में आराम मिलता है।
  • शूलादिवज्र रस की 1-1 गोली सुबहशाम मिश्री के साथ लेने से सिरदर्द में लाभ होता है। नर्म सूती तौलिये को कोसे गर्म पानी में डालकर उस तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की आराम से मालिश करें। इससे सिरदर्द में फायदा होगा।
  • जुकाम की वजह से सिरदर्द ज्यादा हो तो सिर पर बादाम रोगन तेल से मालिश करना लाभकारी होगा।
  • आईसाइट ठीक रखने के लिए आंवले का पाउडर या त्रिफला का रोज सेवन करें।

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