Henna Health Benefits: मेंहदी का उपयोग सदियों से शादी-ब्याह या दिन-त्योहार पर हाथ-पैरों को सजाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही बालों की खूबसूरती और चमक के लिए भी मेहंदी का हेयर-पैक के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेद के हिसाब से मेंहदी केवल रंग-एजेंट ही नहीं है, बल्कि औषधीय जड़ी-बूटी है। इसमें एनाल्जेसिक,एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कई बीमारियों से बचाव भी करते हैं।
बालों को बनाए हेल्दी

बाल झड़ना, सफेद होना, रूसी होना, रूखे-बेजान होने जैसी समस्याओं में मेंहदी का ऑयल और हेयर-पैक का इस्तेमाल करना फायदेमंद है। मेंहदी ऑयल बनाने के लिए 250 मिली सरसों, नारियल या ऑलिव ऑयल लें। इसमेें करीब 60 ग्राम मेंहदी के साफ और सूखे पत्ते मिलाकर पत्ते जल जाने तक पकाएं। मलमल के कपड़े से छान कर तैयार ऑयल बोतल में भर लें। ऑयल से बालों की नियमित मालिश करें।
मेंहदी पाउडर में दही,शिकाकाई पाउडर, आंवला-नींबू का रस-मेथी दाना, अंडा, केले का पेस्ट, मुल्तानी मिट्टी का पाउडर, चुकुन्दर का रस जैसी चीजें मिलाकर बना हेयर पैक नहाने से कम-से-कम एक घंटा पहले लगाएं।
शरीर को करे डिटाॅक्सीफाई

रात में भीगे हुए मेंहदी के पत्ते और छाल का पानी पीने से फ्री रेडिकल्स शरीर से बाहर निकल जाते हैं और शरीर डिटाॅक्सीफाई हो जाता है।
जोड़ों के दर्द में दे आराम
मेंहदी और अरंडी के पत्तों को बराबर मात्रा में पीस लें। इस मिश्रण को गर्म करें और प्रभावित जोड़ों पर लेप लगाकर पट्टी बांधे।
पीलिया में दे आराम
एक छोटे गिलास या 100 मिली पानी में 5 ग्राम मेंहदी के पत्ते रात को भिगोएं। सुबह इन पत्तों को मिक्सी में पीस कर छान लें। दिन में एक बार पिएं। पत्तियों को छानकर पानी सुबह खाली पेट पिएं। इससे लिवर की पाचन प्रक्रिया मजबूत होगी और पीलिया भी ठीक होगा।
बुखार में होने वाले दर्द में आराम

मेहंदी के 10 ग्राम पत्तों को 200 मिली पानी में उबालें। इसके पानी को छान कर पिएं। इससे बुखार में होने वाले ददर्द में काफी आराम मिलता है।
सूजन करे कम
50 ग्राम मेंहदी के पत्तों को रात में 500 मिली पानी में भिगो दें और सुबह छान लें। इसमें से एक बार में 20 मिली पानी दिन में 3-4 बार पिएं।
गर्मियों में सिरदर्द करे दूर
मेंहदी के 25 ग्राम पत्तों को 50 मिली नारियल तेल में तब तक पकाएं जब तक पत्ते काले न हो जाएं। थोड़ा ठंडा होने पर छान लें। तैयार तेल से सिर की मसाज करें। माथे पर मेंहदी के पत्तों का लेप लगाने से सिरदर्द कम होता है।
कूलिंग एजेंट का करे काम

मेहंदी में शीतलन गुण होते हैं, जो कूलिंग एजेंट का काम करती है। मेंहदी के पत्तों में थोड़ा-सा पानी मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को तेज बुखार में माथे पर 10-15 मिनट लगाकर धो लें। मेहंदी के ताजे पत्ते रात को साफ पानी में धोकर एक गिलास पानी में भिगो दे। सुबह छान कर पानी पी लें। इससे शरीर की गर्मी दूर होती है।
आंखों की समस्या में पहुंचाए राहत
आंखों में संक्रमण होने पर लालिमा, जलन, दर्द हो, तो मेहंदी के ताजे पत्तों को थोड़े पानी के साथ पीसकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट से छोटी टिकिया बना लें। रात को सोने से पहले इस टिकिया को रुई के उपर रखकर आंख पर पट्टी बांध लें।
नकसीर में दे आराम
मेंहदी के पत्तों को थोड़े-से पानी मिलाकर पीस लें। इस लेप को पांव के तलवों पर लगाने से नकसीर या नाक से खून आने की समस्या में आराम मिलता है।
गोनोरिया या प्रमेह रोग करे दूर

20 ग्राम मेंहदी के पत्ते, 5 हरी इलायची, 5 ग्राम मिश्री को एक गिलास पानी में मिलाकर पीस लें। छान कर दिन में दो बार सेवन करें। इससे गोनोरिया या प्रमेह रोग करे दूर होता है।
फोड़े की पीड़ा करे कम
मेंहदी के पत्तों का काढा बना कर फोड़े वाली जगह को धोएं। नीम और मेहंदी के पत्तों को थोड़े-से पानी में पीस कर लेप बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं।
ल्यूकेरिया में असरदार
महिलाओं में होने वाले वाइट डिस्जार्च ल्यूकेरिया की समस्या के उपचार के लिए ताजे मेंहदी के पत्तों को पीसें। उसे दबा कर रस निकालें। इसे कांच की बोतल में स्टोर कर लें। दिन में एक बार एक गिलास गर्म दूध के साथ एक चम्मच मेंहदी का रस लें।
विटिलगो या ल्यूकोडर्मा के इलाज में प्रभावी

विटिलगो के कारण पिगमेंट की कमी से त्वचा के रंग खोने और सफेद पैच पर मेंहदी के पत्तों का लेप कारगर उपाय है।
पेचिश में दे आराम
घर में बने सफेद मक्खन में मेंहदी के पत्तों के पाउडर मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। दिन मे एक बार एक गिलास पानी के साथ एक गोली का सेवन करें।
जलने पर पहुंचाए राहत
शरीर के किसी स्थान पर जल जाने पर मेहंदी की छाल या पत्तों का पेस्ट लगाने से घाव जल्दी ठीक होता है।
पैरों की जलन करे दूर

मेंहदी के पत्तों को पीसकर थोडा-सा सिरका या चूने का रस मिलाकर तलवे पर लेप कर कपड़ा बांधे। या फिर पत्तों को 5 मिनट के लिए सिरका में भिगोएं। इन्हें पैरों के तलवे में बांधें।
पैरों में अकड़न करे कम
मेहंदी और निर्गुणी के पत्तों को उबालकर उस पानी से पैरों की सिंकाई करें।
(डाॅ कोमल मलिक, आयुर्वेदिक चिकित्सक, एमडीएमसी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी , दिल्ली)
