एक या दो नहीं बल्कि इतने प्रकार के हो सकते हैं फ्लाई बाइट्स
फ्लाई बाइट्स को आमतौर पर नुकसानदायक नहीं माना जाता है। लेकिन, इससे कई रोगों के फैलने की संभावना बढ़ सकती है। जानिए मक्खियों के काटने के प्रकारों और उनके उपचार के बारे में।
Fly Bites Types: अचानक स्किन पर खुजली के साथ लम्प का उभर आना, किसी इंसेक्ट या कीड़े के काटने के कारण हो सकता है। यह इंसेक्ट हमें कभी भी और कहीं भी काट सकते हैं, फिर चाहें हम घर पर हों या बाहर। इनके काटने पर तेज दर्द हो सकता है या कई बार इससे बिलकुल भी दर्द का अहसास नहीं होता। मक्खियां हमारे लिए परेशानी का कारण हो सकती हैं लेकिन यह हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा हैं। मक्खियों को कुछ रोगों को पास करने का सबसे मुख्य कारण माना गया है जैसे डायरिया। मक्खी का काटना यानी डंक मारना कुछ मामलों में हानिकारक हो सकता है। आइए जानें फ्लाई बाइट्स के प्रकारों के बारे में और जानें कि इनका उपचार कैसे संभव है?
मक्खी के काटने के प्रकार
आपने अपने आसपास कई तरह की मक्खियों को देखा होगा। मक्खियों की तरह इनके डंक के भी कई टाइप्स होते हैं। फ्लाई बाइट्स के कुछ प्रकार यह हैं:
हॉर्स फ्लाइज बाइट्स

हॉर्स फ्लाइज को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि यह मक्खियां अधिकतर घोड़ों और अन्य जानवरों की स्किन में पाई जाती हैं। यह कीट किसी तरह के रोगों का कारण नहीं बनते हैं, बल्कि इनके कारण दर्दभरे बाइट्स हो सकते हैं, जिससे एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। यह मक्खियां तब तक किसी व्यक्ति या जानवर के ऊपर बैठती और उन्हें लगातार काटती रहती हैं, जब तक वो उनके ब्लड को फूड के रूप में नहीं पा लेते या उन्हें मारा नहीं जाता।
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डियर फ्लाई बाइट्स
यह मध्यम आकार की मक्खियां बसंत के मौसम में अधिक नजर आती हैं और इनका आकार सामान्य मक्खियों जैसा होता है। उनके पंखों पर डार्क रंग की धारियां होती हैं जो ब्राउन या अन्य रंग की होती हैं। इन मक्खियों का काटना घातक हो सकता है और मनुष्यों तक कई बीमारियों को फैलाने का कारण बन सकता है जैसे रैबिट फीवर।
सैंड फ्लाई बाइट्स
यह मक्खियां छोटी होती है। यह आमतौर पर भूरे से लेकर ग्रे रंग तक की हो सकती हैं। इन मखियों के काटने से किसी तरह की कोई बीमारी नहीं होती है। लेकिन ऐसा भी माना गया है कि सैंड फ्लाई बाइट्स से कालाजार (काला ज्वर) नामक रोग हो सकता है।
स्टेबल फ्लाई बाइट्स
स्टेबल फ्लाई भी छोटी और ग्रे रंग की होती हैं। इनकी मक्खियों पर कई स्ट्राइप्स होती हैं। यह मक्खियां आमतौर पर तब नजर आती हैं, जब गर्मियां खत्म होने वाली होती हैं। यही नहीं, यह मक्खियां सुबह या रात को काटती हैं और अधिकतर लोगों की एड़ियों पर डंक मारती हैं। ऐसा माना गया है कि इस मक्खी का डंक किसी तरह के रोग का कारण नहीं बनता है।

ब्लैक फ्लाई बाइट्स
ब्लैक फ्लाई छोटी, कूबड़ वाली और गहरे रंग की होती हैं। यह मक्खियां खून पीने के लिए स्किन पर डंक मारती हैं। वे किसी भी एक्सपोज्ड स्किन को काट सकती हैं और कपड़ों के नीचे छिपने में भी माहिर होती हैं। हो सकता है कि आपको लम्बे समय तक इस मक्खी के काटने का पता न चले। इस मक्खियों के काटने पर होने वाला रिएक्शन छोटे निशान से लेकर बहुत अधिक सूजन तक हो सकता है। यही नहीं, इनके काटने से लोग ब्लैक फ्लाई फीवर का अनुभव कर सकते हैं जिसमें सिरदर्द, जी मिचलाना, बुखार आदि शामिल हैं।
मक्खी के काटने का उपचार
अगर किसी मक्खी ने काटा हो, तो इनके उपचार के लिए आप निम्नलिखित तरीकों को अपना सकते हैं:
- जिस जगह पर मक्खी ने काटा है, उस जगह को साबुन और पानी से साफ करें।
- सूजन, दर्द और अन्य परेशानियों को कम करने के लिए उस स्थान पर कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करें।
- इससे होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाईयों को लिया जा सकता है।
- इस स्थान पर कॉर्टिकोस्टेरॉइड को अप्लाई करें।

अगर किसी व्यक्ति को मक्खी के काटने वाली जगह पर एलर्जिक रिएक्शन या हाइव्स का अनुभव होता है, तो उसे तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। फ्लाई बाइट के बाद रोगी इन्फेक्शन के इन लक्षणों का अनुभव भी कर सकता है है जैसे बुखार, सिरदर्द, जी मिचलाना या लिम्फ नोड्स में सूजन आदि। इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
