कॉफी आजकल सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक है। दुनिया भर में करोड़ों लोगों के दिन की शुरुआत एक कप गर्म कॉफी के साथ ही होती है। आजकल की युवा पीढ़ी काफी को स्टेटस सिम्बल से जोड़कर देखती है। कुछ लोग कॉफी के फायदे जानकर संतुष्ट हो जाते हैं लेकिन इसको पीने का सही समय जानना भूल जाते हैं। जहां कुछ लोग इसे पीकर ताजगी और एनर्जी महसूस करते हैं। तो वहीं कुछ लोग स्वाद और इसके फ्लेवर की वजह से कॉफी पीते हैं। अक्सर ऑफिस में काम करने के दौरान या लगातार पढ़ाई करते हुए व्यक्ति अच्छी खासी मात्रा में कॉफी पी जाते हैं। इतना ही नहीं ठंड के मौसम में आप चाहे घर में बैठे हों या फिर ऑफिस में काम कर रहे हों गर्मागर्म कॉफी के एक मग के लिए आप हमेशा तैयार रहते हैं। मगर स्वाद स्वाद में हम काफी पीने के सही समय के बारे में सोचना भूल जाते हैं। दरअसल, कॉफी पीने का भी एक समय होता है। जी हां! कॉफी को किसी भी समय पीने से नुकसान हो सकते हैं। कॉफी का सीमित मात्रा में सेवन आपको फायदा दे सकता है, मगर गलत समय और अधिक मात्रा में काफी का सेवन आपके शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं असमय और अधिक मात्रा में काफी का सेवन करने के कुछ नुकसान
मोटापा
ज़्यादा कॉफी सीधे तौर पर मोटापे का न्यौता देने का काम करती है। जी हां अत्यधिक काफी पीने से आपका वेट लॉस प्लान फेल हो सकता है। क्योंकि कैफीन से मोटापा सिर्फ बढ़ता है। दरअसल, कैफीन शरीर में वॉटर रिटेंशन और सूजन बढ़ाती है जिससे, शरीर का आकार बढ़ने लगता है। यह मेटाबॉलिज़्म को भी प्रभावित करता है जिससे आपके लिए  बाॅडी का वेट कंट्रोल कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
धड़कन बढ़ जाती है
दिल की धड़कन को बढ़ाने का प्रमुख कारण कॉफी हो सकती है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि कैफीन आपको सतर्क और आापका ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, लेकिन इसके अधिक सेवन से आप को अकारण चिंता या घबराहट होने लगती है, जब आप ज्यादा कॉफी पीने के आदी हो जाते हैं तो आप काफी की मात्रा का ख्याल नहीं रख पाते हैं।
 
 हड्डियों को नुकसान
 ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन आपकी हड्डियों को नुकसान भी पहुंचाता है। ये शरीर में ऑस्टियोफोरेसिस का खतरा कई गुना तक बढ़ा देता है। ये शरीर में कैल्शियम की मात्रा को कम कर देता है जो हड्डियों को कमजोर बना देता है। इसके अलावा अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन आपके द्वारा ली गई दवाओं के प्रभाव को कम कर सकता है।
ब्लडप्रेशर का खतरा
मीठी कॉफी भी हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। एक लार्ज साइज मीठी कॉफी में करीब 500 कैलोरी होती है, यानी आप बेहद कम समय में खुद को एक्स्ट्रा कैलोरी से भर लेते हैं, जो कुछ घंटों बाद ही बॉडी में शुगर को जेनरेट करना शुरू कर देती है। ये भी मोटापे और डायबिटीज का कॉफी में काफी मात्रा में कैफीन पाई जाती है। अक्सर लोग सुबह फ्रेश होने के लिए कॉफी पीते है। कुछ लोग इसे पीकर ताजगी और एनर्जी महसूस करते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे स्वाद की वजह से पीते है।  कैफीन के ज्यादा इस्तेमाल से बॉडी में ब्लडप्रेशर का खतरा बढ़ जाता है जो किडनी के लिए खतरनाक है 
 सोने से पहले न पिएं कॉफी
अगर आप भी सोने से पहले कॉफी पीते हैं तो सावधान हो जाएंण् यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। सोने से पहले तो भूल से भी कॉफी नहीं पीनी चाहिएण् कॉफी में कैफीन पाया जाता हैए जो आपके निंद्रा चक्र को प्रभावित कर सकता है। 
कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन अनिद्रा का कारण बन सकता है
ज्यादा मात्रा में कॉफी पीने से नींद न आने या अनिद्रा की समस्या हो जाती है। कॉफी में मौजूद कैफीन आपको दिमाग के लिए उत्तेजक काम करता है और आपको नींद नहीं आती। सही तरीके से नींद आने की वजह से आपका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है चक्कर आने लगते हैं। 
अकारण चिंता या घबराहट होने लगना
कैफीन आपको सतर्क और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, लेकिन इसके अधिक सेवन से आप को अकारण चिंता या घबराहट होने लगती है। 
किडनी को नुकसान
कॉफी में मूत्रवर्धक गुण होते हैं इस वजह से आपको बार बार पेशाब जाना पड़ सकता है। ज्यादा मात्रा में कैफीन आपके किडनी के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है। इसे किडनी फैलियर का भी खतरा बढ़ जाता है। 
नर्वस सिस्टम प्रभावित
कॉफी में अधिक मात्रा में कैफीन पाया जाता हैण् दिनभर में ज्यादा कॉफी पीने से हमारा नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है क्योंकि कॉफी  हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करता  है। 
महिलाओं के लिए नुकसानदायक
जो महिलाएं मां बनने वाली होती हैं, उनके लिए कॉफी नुकसानदेह हो सकती है। यह बात कई अध्ययन में सामने आ चुकी है। कॉफी के इस्तेमाल से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है, जो गर्भ में बच्चे के लिए सही नहीं माना जाता।
सेहतमंद रहने के लिए एक दिन में कितने कप कॉफी सही
स्टडी की रिपोर्ट के मुताबिक लोगों को सीमित मात्रा में ही कॉफी का सेवन करना चाहिए। स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि लोगों को एक दिन में सिर्फ 5 कप कॉफी ही पीनी चाहिए 6 कप या इससे ज्यादा कॉफी पीने से दिल की बीमारियों का खतरा 22 फीसदी तक बढ़ जाता है। आप भी अगर कॉफी के शौकीन हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप एक दिन में कितने कप कॉफी पीते हैं।
स्ट्रेस बढ़ना
कॉफी के कारण बढ़े कोर्टिसोल से स्ट्रेस लेवल भी बढ़ता है। एक स्टडी में सामने आया था कि जो लोग सुबह.सुबह कॉफी पीते हैं उन्हें अपने मूड स्विंग और तनाव को कंट्रोल करने में उन लोगों के मुकाबले ज्यादा परेशानी आती है जो सुबह कॉफी नहीं पीते।
कब पीना चाहिए कॉफी
एक्सपर्ट की मानें तो कॉफी पीने का सबसे अच्छा समय दोपहर का होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि तब तक बॉडी नैचरल तरीके से ऐक्टिव हो चुकी होती है और व्यक्ति ब्रेकफस्ट भी कर चुका होता हैए जिससे गैस या ऐसिडिटी नहीं होती। देर शाम को भी कॉफी पीना अवॉइड करना चाहिए क्योंकि यह नींद को भगा सकती है।
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जानें धूप सेंकने के ये गजब फायदे

Jyoti Sohi

28th December 2020

धूप हमारे शरीर को अंदर से मज़बूत बनाती है और कई तरह के फायदे पहुंचाती हैं। महज़ दस मिनट की धूप भी ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने में काफी कारगर साबित होती है। इतना ही नहीं रोज़ाना धूप सेंकने से आप कई बीमारियों से भी बच सकते हैं।

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सूरज की रोशनी हमारे शरीर के लिए किसी जड़ी बूटी से कम नहीं है। सर्दियों का मौसम आते ही धूप की किरणें सुहावनी लगने लगती हैं। महज़ दस मिनट की धूप भी ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने में काफी कारगर साबित होती है। इतना ही नहीं रोज़ाना धूप सेंकने से आप कई बीमारियों से भी बच सकते हैं। शरीर को  मजबूत बनाने और बीमारियों से दूर रहने के लिए आइए जानते है, धूप सेंकने के फायदे। 

  

इम्यून सिस्टम बनाए मज़बूत

धूप हमारे शरीर को अंदर से मज़बूत बनाती है और कई तरह के फायदे पहुंचाती हैं। खास बात ये है कि सूरज की किरणों से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट रेज से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जो हमें कई तरह की बीमारीयों से सुरक्षित रखने में मदद करता है। साथ ही हमारे शरीर को उर्जा से भर देता है। दरअसल, नियमित रूप से धूप सेंकने से शरीर पर होने वाले तरह तरह के संक्रमण की आशंका कम हो जाती है और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होने लगती है। इसके अलावा कैंसर से लड़ने वाले तत्व भी सूरज की किरणों से मिल सकते हैं।

 

ब्लड सर्कुलेशन को करे सुचारू

धूप शरीर में खून जमने की समस्या को दूर कर देती है, जिस कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है। इससे डायबिटीज और दिल के मरीजों को काफी फायदा होता है। ऐसे में धूप को दोपहर के वक्त कुछ देर के लिए सेंकने से शरीर में खून का प्रवाह सुचारू हो जाता है।  

 

सनबाथ करने से शरीर रहता है गर्म 

अग्नि ऊष्मा का मुख्य सोर्स होने के कारण सूर्य की रोशनी ठंड से सिकुड़े शरीर को गर्माहट देती है, जिससे शरीर के भीतर की ठंडक और पित्त की कमी दूर होती है। आयुर्वेद में सनबाथ को आतप सेवन नाम से जाना जाता है। सूरज की रोशनी ठंड से प्रभावित शरीर को गर्माहट देने का काम करती है। 

 

केल्शियम और विटामिन डी

जिन लोगों को हड्डियों की कमजोरी की समस्या है उनके लिए धूप किसी वरदान से कम नहीं है। दरअसल, कल्शियम की कमी या फिर कमर दर्द जैसी समस्या में भी सूरज की ये पहली किरणें लाभदायक होती हैं। इनमें मौजूद शुद्ध विटामिन डी आपनी हड्डियों को मजबूत बनाएंगी। साथ ही घुटनों की प्राब्लम भी कम होती है।

 

स्किन प्रोबलम को करे दूर

त्वचा संबंधी रोगों से दूर रहना हो तो रोज़ाना कुछ मिनट धूप जरूर सेंकें। इससे खून साफ होता है। फंगल इन्फेक्शन की समस्या, एग्जिमा, सराइसिस और त्वचा संबंधी अन्य बीमारियां दूर हो सकती हैं।

 

नींद नहीं आने की समस्या से मिलेगी राहत

धूप सेंकने से नींद नहीं आने की समस्या दूर होती है क्योंकि धूप का सीधा असर हमारे पीनियल ग्लैंड पर होता है। यह ग्लैंड शरीर में मेलाटोनिन नामक हॉर्मोन बनाता है। एक ऐसा पावरफुल एंटी ऑक्सीडेंट मेलाटोनिन हमारी नींद की क्वॉलिटी तय करता है और डिप्रेशन को भी दूर रखता है।

 

कोलेस्ट्रोल को घटाए

धूप में बेठने से शरीर में कोलेस्ट्रोल घटने लगता है, जो वजन कम  करने में मददगार साबित होता है।

 

पीलिया के मरीजों के लिए फायदेमंद

सूरज की किरणें पीलिया जैसी गंभीर बीमारी को ठीक करने की क्षमता रखती हैं, इसलिए पीलिया के मरीजों को धूप में जरूर बैठना चाहिए।

 

धूप सेंकने का सही समय

हफ्ते में 3 से 4 बार भी धूप सेंक ली तो फायदा हो सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक धूप सेंकने का सबसे अच्छा समय सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और फिर शाम 4 बजे से सूर्यास्त तक होता हैण् शुरूआत में 5 से 10 मिनट के साथ धूप सेंकने की शुरुआत करें और जब सहनशीलता बढ़े तो समय बढ़ा सकते हैं। सर्दियों के मौसम में 20 से 25 मिनट तक धूप बैठें। सूरज की धूप लेते समय अपनी शरीर की स्थिति बदलते रहें। धूप लेते समय अपने शरीर के अधिकतर भाग को कपड़े से ढंककर न रखें और खाना खाने के तुरंत बाद धूप ना लें। 

 

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