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बबूल का गोंद, लचूर और अफीम एक-एक चुटकी लेकर मिला लें और इस ड्रापर से नाक में एक-एक बूंद डालें तो नकसीर आनी बंद हो जायेगी। नीम की कोंपलों का रस एक-एक बूंद नाम के हर रोज डालें तो सांस रोग ठीक हो जाएंगे, बन्द नाक खुल जाएगी। फिटकरी को पानी में घोलकर नाक में डालकर, उसे गले से बाहर निकालते हुए कुल्ले करने से नकसीर कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है। नींबू के रस को ड्रॉप से नाक में दो-दो बूंद डालते रहें तो भी नकसीर रोग ठीक हो जायेगा। अगर नाक में कोई चीज फंस जाये तो तम्बाकू पीसकर सूंघिये ताकि छींक आने पर फंसी हुई चीज बाहर निकल जाए। सूखा आंवला 25 ग्राम पानी में भिगोकर रख दें। सुबह छानकर पानी पीएं तथा आंवले को पीसकर तालू और माथे पर लेप करें। 10 ग्राम मुल्तानी मिट्टी को कूट लें और एक प्याला पानी में भिगो दें। सुबह ऊपर का पानी पीएं तथा नीचे बैठी मिट्टी का माथे पर लेप करें। मेहंदी की ताजी पत्तियां पानी में पीसकर तलवों में लगाने से नकसीर बंद हो जाती है। नाक का खून बन्द करने के लिए सिर पर ठंडे पानी की धार डालने से ठीक हो जाता है। नकसीर आने पर नाक पर ठण्डा पानी या बर्फ लगाने से रक्तस्त्राव रुकने में सहायता मिलती है। रात को कुछ किशमिश भिगो दें तथा सुबह चबाकर खा लें। कुछ दिन नियमित लेने से बार-बार नकसीर आना बन्द हो जाता है। नाक में फुंसी हो, नाक में सूखापन हो या जब नकसीर फूट जाये तो घी 2 से 4 बूंदें हर चार-पांच घण्टे बाद नाक में डालें। नकसीर आए (नाक से खून बह रहा हो) तो फिटकरी का लेप माथे पर करें। गाय के दूध में फिटकरी मिलाकर नाक में छोड़ने से भी नकसीर में आराम मिलता है। आम की गुठली की गिरी का रस नाक में टपकाएं, खून का बहना बन्द हो जाता है। बार-बार नकसीर फूटे तो आंवले का रस बीस-बीस ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करें। तेज धूप के कारण नाक से रक्तस्त्राव होने पर सिर पर कुछ देर तक शीतल जल डालने से रक्तस्त्राव बंद होता है। नारियल का पानी 100 ग्राम दिन में कई बार पिलाने से नाक से रक्तस्त्राव की विकृति नहीं होती। ग्रीष्म ऋतु में यह अधिक गुणकारी चिकित्सा है।
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