मेरे पिता की उम्र 52 वर्ष है। पिछले पांच महीनों से उनके क्रिएटिनिन का स्तर अधिक है। हाल ही में, इसका स्तर 13 मिलीग्राम तक पहुंच गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में, डायलिसिस किया गया और चिकित्सक ने हमें गुर्दा प्रत्यारोपण का सुझाव दिया। क्या गुर्दा प्रत्यारोपण कराना जरूरी और सुरक्षित है?
– पिंकी जिंदल, भोपाल
आमतौर पर किडनी फेल्योर का तब तक कोई लक्षण नहीं पैदा होता, जब तक कि यह गंभीर रूप धारण नहीं कर लेता। किडनी फेल्योर के मरीज में सबसे पहले देखते हैं कि कि यह लंबे समय से है (आम तौर पर लंबे समय से जारी मधुमेह और हाइपरटेंशन के कारण) या कम समय से है। इसके बाद हम मरीज का इतिहास, शारीरिक जांच, मूत्र परीक्षण, रक्त परीक्षण और किडनी की इमेंजिंग करते हैं। कई बार किडनी बायोह्रश्वसी करनी पड़ सकती है। अगर क्रिएटिनिन बढ़ोत्तरी जारी रहे अैर लगातार बढ़ता रहे तो हमें भविष्य में कुछ अन्य तरीकों से किडनी के फंक्शन को बरकरार रखने की जरूरत होती है।
इसके लिए तीन विकल्प हैं-
1. हेमोडायलिसिस,
2. पेरिटोनियल डायलिसिस और
3. किडनी ट्रांसप्लांट हैं। प्रत्यारोपण एक महत्वपूर्ण विकल्प है।
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