Diet According to Age: उम्र के साथ पीरियड्स, डिलीवरी और मेनोपॉज के कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। अगर इसके लिए वे तैयार नहीं रहती हैं तो उन्हें एनीमिया, हड्डियों का कमजोर होना और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों के होने का खतरा होता है। यही कारण है कि महिलाओं को आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन डी और विटामिन बी-9 (फोलेट) जैसे पोषक तत्वों को अपने खानपान में अधिक से अधिक शामिल करने की जरूरत होती है।
हार्मोनल बदलाव और आहार
उम्र के हिसाब से हमारे शरीर को पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने रोजाना के खानपान में पर्याप्त पोषक तत्व और कैलोरी लें, जितनी कि हमारी उम्र के अनुसार हमें चाहिए। खासतौर पर महिलाओं को पोषक तत्वों की पर्याप्त जरूरत इसलिए होती है, क्योंकि उनके शरीर को अधिक बदलाव से गुजरना पड़ता है। बचपन, किशोरावस्था, युवावस्था से लेकर अधेड़ और वृद्धावस्था तक महिलाओं को दैनिक भोजन में कुछ पोषक तत्वों की बहुत जरूरत होती है।
बचपन हो प्रोटीन से भरपूर
7 से 10 साल की उम्र के बच्चों के भोजन में प्रोटीन से भरपूर चीजें, जैसे- फल, नट्स, आलू, हरी बींस, ब्रोकली, फूलगोभी, शिमला मिर्च, गाजर, बाजरा और राजमा को शामिल करें। उन्हें दही, पनीर, अंडा, मांस-मछली आदि का सेवन भी कराएं। चूंकि बचपन में ही हड्डियां और मांसपेशियां तेजी से बढ़ती और विकसित होती है, इसलिए इस उम्र में प्रोटीनयुक्त खाना, कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट, नट्स, कैल्शियम और आयरन से भरपूर भोजन देना चाहिए। ब्लूबेरी, दही, अखरोट आदि का सेवन भी नियमित रूप से जरूर कराएं।
13 से 18 के बीच एनर्जी की जरूरत
जब लड़की बाल्यावस्था से किशोरावस्था की उम्र में प्रवेश करती है, तो वह जैविक, सामाजिक और भावनात्मक विकास से होकर गुजरती है। उस समय लड़कियों में हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। उस समय अगर उन्हें सही पोषक तत्व नहीं मिल पाता है, तो उनमें कम वजन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है। इसलिए उनको प्रोटीन के रूप में अपने खानपान में मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद, जैसे- दूध, दही व पनीर और दालों का नियमित उपयोग करना चाहिए। कैल्शियम के लिए दूध, पनीर और डेयरी उत्पाद, ब्रोकली, गोभी और भिंडी आदि तथा आयरन के लिए चिकन, अंडे, मछली, पालक और ब्रोकली का नियमित सेवन करें। विटामिन ए के लिए अंडे, संतरे और पीली सब्जियों और फलों को नियमित खाएं।
18 से 29 में कैल्शियम, फोलेट, आयरन
इस आयु वर्ग में आहार में ज्यादा कैल्शियम, फोलेट और आयरन को शामिल करना चाहिए। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ जोड़ों से जुड़ी बीमारियों से बचाता है। फोलेट डीएनए को रिपेयर करने में मदद करता है, जो प्रेगनेंसी होने पर बच्चे के लिए बेहद जरूरी होता है। आयरन की पर्याप्त मात्रा शरीर में हो तो इससे चयापचय अच्छा रहता है और उत्तकों की मरम्मत करने में मदद मिलती है। इन तत्वों को आहार का हिस्सा बनाने के लिए दूध, दही, चीज, सोया, दाल, ब्लैक बींस, बींस, मूंगफली, पालक का नियमित सेवन करना चाहिए।
30 से 39 साल में मैग्नीशियम
इस उम्र वर्ग में मांसपेशियां कमजोर होने लगती है, जो चयापचय को धीमा कर देता है। अगर व्यक्ति युवावस्था की तरह पर्याप्त कैलोरी लेता रहे तो शरीर स्वस्थ रहेगा और वजन बढ़ने लगेगा। मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा इस आयु वर्ग के लोगों को ब्लड प्रेशर और शुगर को संतुलित रखने के साथ शरीर को मजबूती देती है। मैग्नीशियम के लिए बादाम, पालक, काजू और दही का सेवन करना चाहिए।
40 से 49 वर्ष में एंटी-ऑक्सीडेंट फूड
विटामिन सी, ई और एंटी-ऑक्सीडेंट खाद्य पदार्थों को इस आयु वर्ग के लोग आहार का हिस्सा बनाएं। ये तीनों शरीर से फ्री-रेडिकल को दूर करने में मदद करते हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। इन विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट फूड के लिए हरी व लाल मिर्च, खट्टे फल, ब्रोकली, स्प्राउट्स, पीनट बटर, टमाटर, सूरजमुखी के बीज, सूरजमुखी का तेल, बादाम, गाजर, स्वीट पोटैटो, हरी सब्जियों का नियमित सेवन करना चाहिए।
50 से 59 वर्ष के लिए आहार
वृद्धावस्था में कैल्शियम, विटामिन डी और बी-12 जरूर लें। कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में लेते रहने के साथ ही विटामिन डी का आहार भी जरूरी है, ताकि कैल्शियम को हड्डियां ग्रहण कर सकें। विटामिन बी-12 लाल रुधिर कणिकाएं, तंत्रिका तंत्र और डीएनए को बनाने में मदद करता है। इनके लिए चिकन, मछली, लो-फैट मिल्क, दही, चीज आदि को आहार का हिस्सा अवश्य बनाएं।
वृद्धावस्था में क्या खाएं
60 या इससे अधिक आयु वर्ग में संयमित खानपान की जरूरत होती है, हालांकि जरूरी पोषक तत्वों को नियमित रूप से लेते रहना जरूरी होता है। इस समय प्रोटीनयुक्त आहार- बीन्स, सूखे मेवे, डेयरी प्रोडक्ट- दूध, अंडे, टोफू (सोया पनीर या सोया दही) खाएं। यह भी ध्यान रखें कि एक ही बार पेट भरकर खाना न खाएं, थोड़े-थोड़े अंतराल में कुछ न कुछ जरूर खाती रहें।
