Constipation Myths and Facts: कब्ज आज के समय में बहुत ही आम समस्या हो चुकी है। आजकल के गलत लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से लोग बड़ी संख्या में इस समस्या से जूझने लगे हैं। ऐसे में लोग इससे जुड़े कई तरह के मिथक को सच मान बैठतें हैं। WebMD ने ट्वीटर के जरिए कब्ज से जुड़े मिथक और तथ्यों के बारे में जानकारी साझा की है।
हर दिन मल त्याग करना चाहिए
Prunes have earned a big reputation as "nature's remedy" for constipation — but do you know why? The small, dried fruit is rich in insoluble fiber, as well as the natural laxative sorbitol. https://t.co/tinsnWtfRQ pic.twitter.com/oOLs5syPMU
— WebMD (@WebMD) June 9, 2023
कुछ लोग दिन में तीन बार जाते हैं अन्य लोग सप्ताह में तीन बार। दिन में एक बार मल त्याग करना आम बात है। यदि आप सप्ताह में केवल तीन दिन फ्रेश होने जाते हैं, तो आपको कब्ज है। ऐसे में आपको गंभीर होने की जरूरत है। हर किसी की कंडीशन अलग होती है।
इससे टॉक्सिन बनता है
कुछ लोगों का मानना है कि कब्ज शरीर को मल में जहरीले पदार्थों को अवशोषित करने का कारण बनता है, जिससे गठिया, अस्थमा और पेट के कैंसर जैसी बीमारियां होती हैं। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मल विषाक्त पदार्थ पैदा करता है। कब्ज अपने आप में कोई बीमारी नहीं है।
यू जस्ट नीड मोर फाइबर
यह सच है कि ज्यादातर लोगों में फाइबर की कमी हो जाती है, ऐसे में सब्जियों, फलों और पानी की सही मात्रा लेना बहुत ही जरूरी है। अगर सही मात्रा में फाइबर लेने के बाद भी आपको कब्ज होती है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं।
सफर करने से पड़ता है असर
यात्रा आपकी दिनचर्या और आहार को बदल देती है। ऐसे में आपको सफर के दौरान भी अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए। शराब को सीमित करें, और फलों और सब्जियों को खाएं।
डिप्रेशन से हो सकती है कब्ज
डिप्रेशन कब्ज को ट्रिगर कर सकता है या इसे और खराब कर सकता है। एक्यूप्रेशर या शियात्सू मालिश से भी आपको कब्ज औऱ डिप्रेशन से राहत मिल सकती है।