Compassion Fatigue Treatment
Compassion Fatigue Treatment

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परिवार के सभी सदस्यों की देखभाल करना मेरी जिम्मेदारी है। सबका ध्यान मैं नहीं रखूंगी तो और कौन रखेगा। ये कुछ ऐसी बातें हैं जो आपने अक्सर हर महिला से सुनी होंगी।

Compassion Fatigue Treatment: घर में किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। परिवार के सभी सदस्यों की देखभाल करना मेरी जिम्मेदारी है। सबका ध्यान मैं नहीं रखूंगी तो और कौन रखेगा। ये कुछ ऐसी बातें हैं जो आपने अक्सर हर महिला से सुनी होंगी। लेकिन ऐसे में कई बार सबका ध्यान रखने वाली महिलाएं खुद ‘कंपैशन फटीग’ का शिकार हो जाती हैं। क्या है कंपैशन फटीग, आइए जानते हैं।

अजीब तनाव है कंपैशन फटीग

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कंपैशन फटीग एक तरह का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तनाव है। जब कोई शख्स अपना ज्यादातर समय दूसरों की देखभाल करने, उन्हें खुश रखने में या तकलीफें समझने में लगाता है तो इस स्थिति में वो खुद धीरे-धीरे थकान का शिकार होने लगता है। हेल्थ केयर, पुलिस जैसी नौकरियां करने वालों के साथ ही गृहणियां और वर्किंग वूमन भी इसका शिकार हो सकती हैं। दरअसल, ये सभी लोग दूसरों की तकलीफों को समझने और दूर करने में जुटे रहते हैं। ऐसे में वे खुद को भूल जाते हैं। वे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तरीकों से थक जाते हैं।

कहीं आप तो नहीं हैं इसके शिकार

चिंता की बात ये है कि अधिकांश लोग कंपैशन फटीग जैसी स्थिति के बारे में जानते नहीं हैं। वे अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। उदास रहने लगते हैं। किसी से बात करना उन्हें अच्छा नहीं लगता। वह दूसरे लोगों के लिए तन और मन से काम करते हुए इतना परेशान हो जाते हैं कि एक समय के बाद उन्हें दूसरों से जुड़ने में ही परेशानी होने लगती है। जिसका असर उनकी सेहत और क्षमता दोनों पर पड़ता है।

स्वभाव में आता है बदलाव

जब कोई मानसिक, शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस करता है तो वह भावनात्मक रूप से भी टूटने लगता है। ऐसे में कंपैशन फटीग से पीड़ित ज्यादातर लोग गहरी उदासी और निराशा के शिकार हो जाते हैं। स्वभाव से चिड़चिड़े होने लगते हैं। वो हर काम को नेगेटिव नजरों से देखने लगते हैं। चाहते हुए भी वो पूरे दिल और क्षमता से काम नहीं कर पाते हैं। जिससे उनकी परफॉर्मेंस खराब होने लगती है। वे अक्सर सिरदर्द, बदन दर्द और अनिद्रा की शिकायत करते हैं।

कंपैशन फटीग का ये है कारण

जब कोई शख्स हर समय दूसरों की देखभाल में लगा रहता है और उनका दुख देखता है तो वो परेशानियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाता है। वहीं लगातार काम करने से उन्हें थकान होने लगती है। वो खुद की देखभाल नहीं कर पाते, जिससे उनकी सेहत बिगड़ने लगती है। वे अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगते हैं। वो सारी परेशानियों से दूर भागने की कोशिश करते हैं।

ऐसे करें कंपैशन फटीग को दूर

मनोवैज्ञानिक डॉ. ध्रुति अंकलेसरिया ने कंपैशन फटीग को लेकर एक वीडियो अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे लोग इससे छुटकारा पा सकते हैं। डॉ.अंकलेसरिया ने बताया कि कंपैशन फटीग से छुटकारा पाने का सबसे बेहतर तरीका है खुद की देखभाल करना। सबको खुश करने की अंधी दौड़ में शामिल न हों। सबके लिए हमेशा उपलब्ध होना आपको मजबूत नहीं बनाता, ये आपको थका देता है। इसलिए बिना चिंता के ‘न’ कहना सीखें। सबसे जरूरी है अपनी सीमाएं निर्धारित करें। अपने लिए समय निकालें, व्यायाम, मेडिटेशन करें।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...