Periods में स्तनों में दर्द की वजह क्या है, शायद ही किसी को पता हो। हर महिला में उसकी शारीरिक संरचना अलग-अलग होती है। साथ ही शरीर में होने वाली प्रतिक्रियाएं भी एक दूसरे से बिलकुल अलग होती हैं। अब बात जब मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स की हो, तो उससे होने वाले शरीर में बदलाव भी सब में एक जैसे नहीं होते।
किसी के पेट में दर्द होता है, तो किसी के स्तनों में। बात पेट में दर्द की हो तो पीरियड्स के दौरान यह दर्द आम होते हैं। लेकिन पीरियड्स से पहले होने वाले स्तन दर्द को कई महिलाएं झेलती हैं, और वो ये भी समझ जाती हैं, कि अब कुछ ही दिनों में उन्हें पीरियड्स आने वाले हैं।
इसके कारण बेहद ही आम हैं। शोध की मानें तो स्तनों में दर्द की वजह पीरियड्स के दौरान हार्मोन्स का बढ़ना और कम होना है। इस लेख के जरिए हम आपको पीरियड्स के दौरान स्तनों में दर्द होने के बारे में पूरी जानकारी देंगे-
पीरियड्स में स्तनों में दर्द के लक्षण
पीरियड्स जे दौरान स्तनों में दर्द भी कई तरह के होते हैं। आम भाषा में इसे मास्टलगिया कहते हैं। इसमें स्तनों की आस-पास की मांसपेशियों में दर्द शुरू होते हुए पूरे स्तन में फ़ैल जाता है। इस दौरान क्या कुछ लक्षण देखने को मिल सकते हैं, ये भी जान लेते हैं।
- पीरियड्स के टाइम स्तनों में दर्द होने से उनमें काफी सूजन हो सकती है।
- पूरे पीरियड्स के दौरान तक स्तनों में दर्द झेलना पड़ सकता है।
- स्तनों में दर्द के साथ गांठ जैसी भी महसूस होती है ।
पीरियड्स में स्तनों में दर्द के कारण
किसी महिला के एक या फिर दोनों स्तनों में पीरियड्स के समय या उस दौरान दर्द महसूस हो सकता है। जो कभी-कभी असहनीय भी होता है। इस दर्द के पीछे असल कारण क्या हैं, जिनके बारे में हम सोचते भी नहीं हैं। चलिए इसके बारे में हम आपको बता देते हैं।
- पीरियड्स के दौरान कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन ये दो ऐसे हार्मोंस होते हैं, जो गर्भावस्था के लिए तैयार करते हैं।
- स्तनों में दर्द इन्हीं हार्मोंस की प्रतिक्रिया की वजह से होता है।
- पीरियड्स के दौरान स्तनों में दर्द ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण बिलकुल भी नहीं है। इससे आपको डरने की जरूरत नहीं है।
- हार्मोन्स में बदलाव ना हो उसके लिए खान पान का ख़ास ख्याल रखें।
पीरियड्स में स्तनों में दर्द के निदान
अगर आप भी पीरियड्स से पहले या उस दौरान होने वाले स्तनों में दर्द को महसूस करती हैं, और इस विषय में परेशान भी हैं तो, आप चार्ट की मदद ले सकती हैं। आपको इसकी गम्भीरता और इसके शुरू और खत्म होने के बारे में मदद मिल सकेगी। साथ ही इसके निदान के लिए आपको क्या करना चाहिए, इसमें आपकी मदद हम करेंगे।
- समय-समय पर मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड करवा सकती हैं।
- अपने आहार में वो चीजें शामिल करें, जिसमें विटामिन ई और विटामिन बी 6 शामिल हो।
- दर्द को कम करने के लिए किसी भी तरह की दवा या आयुर्वेद का सेवन करने से पहले डॉक्टर से पूछें।
- हर रोज व्यायाम करें, और टेंशन ना लें।
- फल, सब्जी और साबुत अनाजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
- कैफीन का सेवन बिलकुल ना करें।
- ज्यादा नमक का सेवन ना करें।
- ज्यादा वजन है तो उसे कम करने की कोशिश करें।
- ढेर सारा पानी पीजिये, और नींद पूरी कीजिये।
पीरियड्स में स्तनों में दर्द को लेकर चिंता करने की कोई भी जरूरत नहीं है। कभी-कभी महिलाएं दर्द के साथ स्तनों में सूजन, कोमलता और झुनझुनी भी महसूस करती हैं। पीरियड्स से कुछ दिन पहले ही स्तनों में दर्द शुरू होने लगता है। जैसे-जैसे पीरियड्स की ड्यूरेशन खत्म होने लगती हैं, वैसे वैसे दर्द भी खत्म होने लगता है। अगर आपको ये दर्द असहनीय लगने लगे तो आप उपचार के लिए अन्य विकल्पों की भी मदद ले सकती हैं। लेकिन ये उपचार डॉक्टर की सलाह से लेंगी तो ज्यादा बेहतर होगा।
कुछ ऐसे सवाल जो अक्सर महिलाओं के मन में उठते हैं-
ब्रेस्ट पेन से मुझे कब डरना चाहिए?
एक्सपर्ट के मुताबिक मंथली साइकिल पर होने वाला ब्रेस्ट पेन ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण नहीं है। अगर ब्रेस्ट पेन के अलावा और कोई लक्षण नहीं है तो ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना ना के बराबर होती है। लेकिन अगर यह दर्द सूजन, स्किन में बदलाव, ब्रेस्ट में गांठ जैसे लक्षण दिखा रहा है तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
क्या पीरियड मिस होने पर ब्रेस्ट पेन हो सकता है?
एक्सपर्ट के मुताबिक आपके पीरियड मिस होने का क्या कारण है यह जानना जरूरी है, क्योंकि ब्रेस्ट पेन प्रेगनेंसी का अर्ली साइन भी हो सकता है। कभी-कभी बर्थ कंट्रोल मेडिकेशन के कारण भी ब्रेस्ट में पेन होता है। अगर आपको इरेगुलर पीरियड्स हैं तो बेस्ट है कि आप डॉक्टर से सलाह लें।