कहीं आप भी तो नहीं हैं वर्क ओवरबर्डन की शिकार, जानें संकेत
काम के दबाब की वजह से हमें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई बार हम यह समझ ही नहीं पाते कि हम ओवरबर्डन के शिकार हैं। लेकिन यह जानना ज़रूरी है जिससे समय रहते आप इससे उभर सकें।
Sign to be overburdened: काम के बाद थोड़ी थकान महसूस होना पूरी तरह से सामान्य है। अक्सर हम इसको नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन, कई बार थकान लगातार बने रहने और एनर्जी लेवल कम होने के बावजूद भी अपनी क्षमता से ज्यादा काम करने की वजह से आप ओवरबर्डन का शिकार बन सकते हैं। इसका असर आपके काम की गुणवत्ता पर तो दिखता ही है, आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर भी नज़र आने लगता है। काम के दबाब की वजह से हमें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई बार हम यह समझ ही नहीं पाते कि हम ओवरबर्डन के शिकार हैं। लेकिन यह जानना ज़रूरी है जिससे समय रहते आप इससे उभर सकें। जानते हैं वो संकेत जो आपके ओवरबर्डन होने की ओर इशारा करते हैं-
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डिप्रेशन

काम का दबाब ज्यादा होने की वजह से स्ट्रेस और नींद ना आने की समस्या होने लगती है। धीरे-धीरे यह डिप्रेशन का रूप लेने लगता है। इसका असर हमारे बात करने और विचारों पर दिखने लगता है। हमारी बातों में नकारात्मकता बढ़ने लगती है। डिप्रेशन और एंग्ज़ाइटी का शिकार होने से लोग अन्य लोगों में कमियां दिखने लगती हैं और छोटी-छोटी बातों पर बहस का बहाना तलाशने लगते हैं।
भूख कम लगना

ज्यादा काम करने की वजह से एपिटाइट प्रभावित होने लगता है और भूख कम लगती है। इससे पाचनतंत्र पर भी असर होता है। सही समय से भूख नहीं लगती है। कई बार खाना स्किप करना सामान्य लगने लगता है। खाने की जगह लोग अक्सर चाय या कॉफ़ी का सहारा लेते हैं, जिससे उन्हें काम करने की एनर्जी मिल सके।
प्रोडक्टिविटी पर असर

ज्यादा काम होने से कई बार हम काम की प्राथमिकताएँ तय नहीं कर पाते हैं। एक साथ बहुत से काम को पूरा करने के चक्कर में कई बार ज़रूरी काम भी ठीक तरह से नहीं हो पाते हैं। काम पर बेहतर तरीक़े से फोकस नहीं कर पाते हैं। वर्कलोड ज्यादा होने ओवरऑल परफॉर्मेस पर उसका असर दिखने लगता है।
ख़ुद को आइसोलेट कर लेना
अपने आप को दूसरों से अलग और ज्यादा बेहतर साबित करने के चक्कर में अधिकतर लोग ओवरबर्डन का शिकार होने लगते हैं। अपने काम से सीनियर्स को इम्प्रेस करने के चक्कर में ऐसे लोग अपने आप को टीम से अलग-थलग या आइसोलेट करने लगते है, जिससे उनका सोशल सर्कल छोटा होने लगता है।
परिवार और दोस्तों से दूरी
काम का प्रेशर ज्यादा होने की वजह से हम अपने परिवार और दोस्तों को ठीक से समय नहीं दे पाते। लोग अक्सर वीकेंड्स पर भी ऑफिस के काम में लगे रहते हैं। कई बार इसका असर हमारे रिश्तों पर भी दिखने लगता है।

अगर आप भी अपने अंदर इस तरह के लक्षणों को देख रहे हैं तो सावधान हो जाइये, क्योंकि हो सकता है ये आपके वर्क ओवरबर्डन के कारण हों। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनने के लिए ज़रूरी है कि अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करें।
