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गुस्सा सेहत के लिए खराब है, ये तो हम सभी जानते हैं। लेकिन हर समय गुस्सा करना जानलेवा भी हो सकता है। कई शोध इसका बात का प्रमाण देते हैं।
Anger Effects on Heart: आज के दौर में इंसान इतनी उलझनों में उलझा हुआ है कि उसे बात बात पर गुस्सा आता है। वहीं दूसरी ओर घर के बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते थे कि ‘क्रोध काल समान है।’ लेकिन क्या वाकई ऐसा है। क्या गुस्से से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है, आइए जानते हैं।
जानिए क्या है ‘मेंटल स्ट्रेस इस्किमिया’

हार्वर्ड हेल्थ के एक शोध के अनुसार जब लोगों को अचानक गुस्सा आता है, तनाव या चिंता बढ़ती है तो हृदय गति बढ़ने लगती है। ऐसे लोगों का ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। लेकिन अगर वे किसी हृदय रोग से पीड़ित हैं और हर समय भावनात्मक तनाव में रहते हैं तो हार्ट अटैक का जोखिम दोगुना से ज्यादा बढ़ सकता है। क्योंकि इसके कारण हृदय के कुछ हिस्सों में रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है। इस स्थिति को ‘मेंटल स्ट्रेस इस्किमिया’ कहा जाता है।
महिलाओं को ज्यादा परेशानी
हार्वर्ड से संबद्ध मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के रिसर्चर का कहना है कि मेंटल स्ट्रेस इस्किमिया किसी भी इंसान के लिए एक गंभीर स्थिति है। इसके कारण हृदय की सबसे छोटी रक्त वाहिकाओं की दीवार और आंतरिक परत में बदलाव आने लगता है। यह समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है। इस स्थिति में सीने में दर्द महसूस होना एक आम लक्षण है।
ये हैं सबसे बड़े खतरे में
जामा में प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार भावनात्मक और मानसिक तनाव लोगों के हृदय को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। हृदय रोग से पीड़ित छह में से एक व्यक्ति मानसिक तनाव के समय हृदय में रक्त प्रवाह में कमी यानी इस्किमिया का अनुभव करता है। रिसर्च के अनुसार बिना इस्किमिया वाले लोगों के मुकाबले मेंटल स्ट्रेस इस्किमिया से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक आने की आशंका करीब दोगुनी थी। वहीं जो लोग मानसिक के साथ ही शारीरिक इस्किमिया से भी पीड़ित थे, उनमें यह खतरा लगभग चार गुणा ज्यादा पाया गया।
इसलिए होता है हार्ट पर असर
न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि किसी नकारात्मक भावना या गुस्से के बार-बार होने से हृदय की रक्त वाहिकाओं को दीर्घकालिक क्षति होने लगती है। जिसके कारण हृदय और रक्त संचार संबंधी रोगों का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। अगर कोई इंसान हर समय गुस्सा करता है तो ऐसे में धीरे-धीरे उसकी रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त होती रहती हैं। जिसके कारण कोरोनरी हार्ट डिजीज होने का जोखिम कई गुणा बढ़ जाता है। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के एक शोध के अनुसार गुस्से के कारण रक्त वाहिकाओं के फैलाव पर असर होता है। जिससे हार्ट में रक्त का प्रवाह कम हो सकता है।
गुस्से को ऐसे भगाएं दूर

गुस्से को दूर भगाने और दिल को हेल्दी रखने के लिए आप कुछ आसान तरीके अपना सकते हैं। गुस्सा आने पर एकदम से प्रतिक्रिया न दें। कुछ देर ठहरें और गहरी सांस लें। इससे आप शांत होंगे। छोटी सी वॉक भी गुस्से को काफी हद तक शांत कर सकती है। अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन को शामिल करें। कई शोध बताते हैं कि नियमित व्यायाम से तनाव और गुस्सा कम हो सकता है। इसी के साथ अपनी सोच को सकारात्मक रखने की कोशिश करें। क्योंकि हर चीज को नकारात्मक नजरिए से देखना भी आपको तनाव दे सकता है।
