Cancer and Sleep Connection: नींद सिर्फ आराम नहीं है, यह कैंसर की रोकथाम और रिकवरी में एक शक्तिशाली हथियार है। नींद को प्राथमिकता दें।
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी नींद आपकी सेहत पर कितना असर डाल सकती है? दुनिया भर में कैंसर के मामलों में वृद्धि के साथ, कीमोथेरेपी और विकिरण जैसे पारंपरिक उपचारों से परे देखना और
जीवनशैली से जुड़े फैक्टर पर ध्यान देना जरूरी है जो आपके शरीर की हीलिंग पावर को इफेक्ट कर सकता है। कैंसर की रोकथाम और रिकवरी दोनों के लिए जिस चीज को सबसे ज्यादा अनदेखा किया जाता है, वह है
नींद।
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कैंसर की रोकथाम में सर्कैडियन रिदम की भूमिका
आपको यह समझना चाहिए कि आपके शरीर की अपनी घड़ी होती है, जिसे सर्कैडियन रिदम कहा जाता है, जो सेल रिपेयर करने से लेकर उनकी ग्रोथ तक सब कुछ नियंत्रित करती है। इसलिए, जब आप अच्छी नींद
लेते हैं, तो आपका शरीर इस शेड्यूल का पालन करता है, डैमेज्ड सेल्स को ठीक करता है, उन्हें बढ़ने में मदद करता है और चीजों को बैलेंस करता है। लेकिन जब आपकी नींद अनियमित होती है, तो यह रिदम बिगड़
जाती है और आपका शरीर उन जरूरी कामों को पूरा नहीं कर पाता है। नींद की कमी के चलते अनियंत्रित कोशिका वृद्धि हो सकती है, जो अक्सर कैंसर का कारण बन सकती है। रिसर्च से पता चला है कि खराब नींद इस रिदम को बिगाड़ सकती है, जिससे ब्रेस्ट या प्रोस्टेट कैंसर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, एनआईएच) जैसे कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। आपकी सर्कैडियन रिदम केवल नींद के बारे में नहीं है। यह डीएनए रिपेयर और आपके इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित करती है। डीएनए डैमेज एक शब्द की तरह लग सकता है, लेकिन इसमें अनुचित एंजियोजेनेसिस, स्टेम सेल स्टनिंग, तेजी से उम्र बढ़ने और सभी कैंसर शामिल
हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवॢसटी का एक दिलचस्प शोध भी है जो दिखाता है कि कैसे नींद की कमी कुछ सबसे आम कैंसर को ट्रिगर करती है। यदि आपका शरीर अच्छी तरह से नहीं सो रहा है, तो यह सेल ग्रोथ और उसके विभाजन को ठीक से मैनेज नहीं कर सकता है और यहीं से समस्याएं शुरू होती हैं।
मेलाटोनिन की शक्ति और इसके कैंसर-रोधी गुण

आइए मेलाटोनिन के बारे में बात करते हैं, यह हार्मोन आपका शरीर सूरज ढलने पर स्वाभाविक रूप से बनाता है। यह कैंसर की रोकथाम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब मेलाटोनिन निकलता है, तो यह आपके
शरीर को आराम करने और उसे रिपेयर करने का संकेत देता है, लेकिन यह एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जो ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर जैसे कैंसर से जुड़े होते हैं। अगर आप अच्छी नींद नहीं ले रहे हैं, तो आपका शरीर पर्याप्त मेलाटोनिन नहीं बना रहा है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। मेलाटोनिन एक एंटी-कैंसर वैक्सीन की तरह काम करता है, जो बैकग्राउंड में चुपचाप काम करता है,
अत्यधिक कोशिका वृद्धि को रोकता है और सूजन को नियंत्रित करता है। इसके बिना, सूजन आपकी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती रहती है, जिससे असामान्य कोशिका वृद्धि और कैंसर के फैलने का रास्ता खुलता है। अगर आप अपने शरीर को वह नींद नहीं दे रहे हैं जिसकी उसे जरूरत है, तो आपके
शरीर में आपकी रक्षा करने के लिए पर्याप्त मेलाटोनिन नहीं होगा। जबकि नींद एक सिंपल फिक्स की तरह नजर आ सकती है, लेकिन यह कैंसर के खिलाफ आपके शरीर की रक्षा प्रणाली में एक मजबूत हथियार की
तरह काम करती है।
नींद की कमी का प्रतिरक्षा प्रणालीपर प्रभाव
जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो यह सिर्फ आपको थका हुआ महसूस नहीं कराता है, बल्कि यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। कैंसर के खिलाफ आपके शरीर की रक्षा में प्रमुख एनके सेल्स हैं। ये कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, लगातार नींद की कमी एनके सेल्स की एक्टिविटी को 70 प्रतिशत तक कम कर देती है, जिससे आपका शरीर कैंसर के
विकास और प्रोग्रेस के प्रति ज्यादा सेंसेटिव हो जाता है। हम सभी के अंदर माइक्रोस्कोपिक कैंसर सेल्स होती हैं, लेकिन हमारा इम्यून सिस्टम इनकोशिकाओं को ट्यूमर में बढ़ने से पहले ही पहचान लेता है और खत्म कर देता है। इस प्रोसेस को इम्यून सॢवलेंस के रूप में जाना जाता है। जब हम नींद से वंचित होते हैं, तो
हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है,जिससे हम अधिक सेंसेटिव हो जाते हैं।
कैंसर की रोकथाम
आमतौर पर कैंसर हमारी खराब जीवनशैली का परिणाम होते हैं लेकिन कुछ मामलों में यह आनुवांशिक भी देखे गए हैं। नींद और खानपान को नियंत्रित करने से कैंसर को काफी हद तक होने से रोका जा सकता है।
