सोयाबीन के दूध को फाड़कर पनीर की ही तरह टोफू बनाया जाता है। टोफू चाइना, जापान औऱ अमेरिका के कई सलाद आदी में मुख्य सामग्री की तरह खाया जाता है। इसमें बहुत ताकत और गुण है, और शाकाहारी इसे कई तरह से अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं। हालांकि ये बहुत स्वादिष्ट लगे ये जरूरी नहीं है, लेकिन सेहत की दृष्टि से ये बहुत गुणकारी है, इसमें कोई दो राय नहीं है। जो लोग रेड मीट खाते हैं औऱ अब कॉलेस्ट्रॉल औऱ फैट की वजह से इसे छोड़ने का मन बना रहे हैं, वो भी अपने हर डिश में रेड मीट की जगह टोफू का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि ये रेड मीट की तरह कॉलेस्ट्रोल और फैट नहीं बढ़ाता है।

जानिए किन वजह से टोफू को सेहत के लिएअच्छा माना गया है

  • शोध ये बताते है कि अगर आप पर्याप्त मात्रा में टोफू खाते हैं तो इससे शरीर को जरूरी कार्बोहाइड्रेट. प्रोटीन, फैट और फाइबर सभी मिल जाते हैं। इसके लिए आप जितना नॉनवेज खाते हैं उससे दोगुना टोफू खाना पड़ेगा, लेकिन क्योंकि टोफू में कैलरी कम होती है इसलिए ये संतुलन में ही रहता है।
  • टोफू में कैल्शियम की अधिकता होती है। 4 औंस टोफू (1 औंस= 28 ग्राम) में लगभग 8 औंस गाय के दूध के बराबर कैल्शियम मौजूद होता है और कैल्शियम बढ़ती उम्र के बच्चे औऱ महिलाओं, दोनों के लिए अच्छा माना जाता है।
  • टोफू में आइसोफ्लैवोन्स मौजूद होते हैं जो कई तरह से सेहत के लिए अच्छे हैं जैसे मेनोपॉज़ के दौरान उभरने वाले लक्ष्णों से राहत पहुंचाना और कई तरह के कैंसर जिसमें ब्रेस्ट कैंसर भी शामिल है, से बचाव भी करते हैं।
  • टोफू में शरीर के लिए जरूरी सभी 8 अमिनो एसिड मौजूद होते हैं और इसी वजह से इसे कंप्लीट फूड यानी संपूर्ण आहार भी कहा जाता है।  टोफू को पैधों से मिलने वाले आयरन और कैल्शियम के साथ-साथ मौगनीज़, और कॉपर जैसे खनिज पदार्थ (मिनरल्स) का भी अच्छा स्रोत माना जाता है।
  • टोफू में दूसरे सोयबीन उत्पादों की तरह ही फाइबर की अधिकता होती है औऱ यही वजह है कि टोफू पेट की समस्योओं को ठीक करने, वज़न को नियंत्रित करने, सुगर को नियंत्रित रखने और पाइल्स की समस्या को भी नियंत्रित करने   में भी कारगर है।
  • टोफू में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड से डिप्रेशन कम होता है औऱ अर्थराइटिस के कुछ मामलों में भी राहत मिलती है।

मात्रा का रखना होगा ध्यान

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी चीज़ की अति अच्छी नहीं होती है, ऐसा ही कुछ टोफू के साथ भी लागू होता है। जरूरत से ज्यादा टोफू खाने से शरीर में खनिज पदार्थों व अन्य पोषक तत्वों की अधिकता होती सकती है, और ये भी शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है। जिन लोगों को किडनी स्टोन की शिकायत है, उन्हें भी टोफू का सेवन करते हुए इसकी मात्रा का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद औक्सलेट उन्हें दिक्कत पहुंचा सकते हैं।

रेसिपी- 

बच्चों के लिए बना सकती हैं टोफू नगेट्स

पैकेट से टोफू निकालकर पानी से धो लें। अब इसे पनीर की तरह क्यूबस में या मन पसंद आकार में काट लें। पेपर टॉवल से पोंछकर अच्छी तरह सुखा लें।

ओवन को 400 डिग्री सेल्सियस में पहले से गरम करें।

अब आटा, कॉर्न फ्लोर, लहसुन पावडर (बाज़ार में उपलब्ध), प्याज का पॉवडर (बाज़ार में उपलब्ध), न्यूट्रिशनल यीस्ट और नमक मिलाकर सूखा मिश्रण तैयार करें। अब एक कटोरी में ऑलिव ऑयल डालकर रखें। पनीर को ऑलिव ऑयल में पूरी तरह भिगोकर निकालें और तैयार किए मिश्रण में डालकर हर तरफ से कोट करें। पार्चमेंट पेपर लगे बेकिंग ट्रे में एक एक कर रखते जाएं।

सभी टुकड़ों को इसी तरह ट्रे पर सजाएं और 20 मिनट को लिए बेक करें। पलटने के बाद 15 मिनट के लिए और बेक करें।

अब इन क्रिस्पी टोफू को सॉस या चटनी के साथ बच्चों को सर्व करें।

ये रेसिपीज़ भी कर सकते हैं ट्राई-

टोफू सिसेमी सलाद

शेफ रनबीर बरार से बनाना सीखें करीड टोफू स्टिक

टोफू मेयोनीज़ सैंडविच