कैफीन का सेवन कम करें

कैफीन मूत्रवर्धक होता है (कॉफी का बड़ा मग नहीं, छोटा कप लें।) हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने पाया है कि एक चौथाई या आधा कप कॉफी पीने से आपकी चेतना स्थायी रहेगी और ऊर्जा के स्तर में उतार-चढ़ाव नहीं होगा। आप ग्रीन टी भी ले सकते हैं (कॉफी की जगह), जिसमें कैफीन नहीं के बराबर होता है। एनर्जी ड्रिंक्स की जगह पानी लें, क्योंकि उनमें भी कैफीन होता है। पसीने में बह जाने वाले लवणों (सोडियम, पोटेशियम और क्लोराइड) को बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रॉल को पानी में घोलकर पिएं।

प्रोबायोटिक्स का नियमित सेवन

रोजाना, ताकि आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बने रहें (जो भोजन के बेहतर पाचन और पोषक तत्वों के समीकरण के लिए जरूरी हैं)। एक अन्य लाभ यह है कि उनमें विटामिन ‘बी’ होते हैं (इनके बारे में बाद में बताया जाएगा), जो भोजन टूटने के दौरान ऊर्जा के स्थानांतरण (भोजन से कोशिकाओं में) के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए इन विटामिन्स को एनर्जी विटामिन्स भी कहा जाता है। जहां तक संभव हो, ऑर्गेनिक बनें या विश्वसनीय स्थानीय खेतों से सब्जियां और फल लें। कीटनाशक और प्रदूषण शरीर में ऊर्जा का उत्पादन कम कर सकते हैं। इनसे उत्पन्न होने वाले मुक्त मूलक आपके शरीर में ठहर सकते हैं और माइटोकोंड्रिया (आपकी कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पन्न करने वाला भाग) में ऊर्जा उत्पादन मशीनरी को नष्ट कर सकते हैं, जिससे थकान होती है। ऑर्गेनिक भोजन में टॉक्सिंस नहीं होते हैं और यह आपको अधिक ऊर्जा देते हैं। पूरे दिन ऊर्जावान बने रहना सुनिश्चित करने के लिए अंकुरित भोजन लें। अंकुरण की प्रक्रिया में एंजाइम बहुत सक्रिय हो जाते हैं और यह सिद्ध हुआ है कि एंजाइम की अनुपस्थिति में थकावट होती है। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि विनेगर भी थकान से लडऩे में मदद करता है। उसमें पाए जाने वाले अमीनो एसिड शरीर में लैक्टिक एसिड बनने से रोकते हैं (जो अत्यधिक व्यायाम या तनाव के कारण बनता है), लैक्टिक एसिड से शरीर में दर्द और थकान का अनुभव होता है।

विटामिन वाइटल डी लें

विटामिन ‘डी’ भी आपकी थकान या ऊर्जा का कारण हो सकता है। कभी सोचा है कि धूप पड़ते ही आप जागृत कैसे हो जाते हैं? यह विटामिन ‘डी’ का कमाल है। सुबह का अखबार पढ़ते या चाय पीते समय धूप वाली बालकनी या खिड़की में रहें। सूर्य का प्रकाश ऊर्जा को बढ़ाता है और मेलाटोनिन के स्राव को बंद करने का संकेत देता है। इसी हार्मोन के कारण आपको नींद का अनुभव होता है। अपने पोश्चर को ठीक करें यदि आप अपने कंधों को आगे की ओर झुकाकर रखते हैं तो थकान हो सकती है। गलत पोश्चर में रहने से रक्त उन मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाता है और आपको थकान होती है।

प्रतिदिन ध्यान करें

एड्रीनल ग्रंथि के ज्यादा काम करने पर (तनाव के कारण) एड्रीनैलिन हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है और थकान होती है। आपको इसके लिए रणनीति चाहिए और ध्यान वही रणनीति है। मालिश करने या स्पा में जाने से भी यही लाभ मिलता है।

टेक्नोलॉजी से दूर रहें

दिन में कभी-कभार अपना इ-मेल और फोन बंद कर दें। लंच आवर इसके लिए सही अवसर देता है और घर जाने के बाद एक घंटा तनाव रहित होकर खिड़की से नजारे देखें। बेडरूम में इलेक्ट्रॉनिक यंत्र न रखें। उनके कारण आपके मस्तिष्क को काम करते रहना पड़ता है। कुछ समय अपने-आप को दें।