आजकल दिल से जुड़ी बीमारियां बहुत आम हो चुकी हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि अपने दिल के हाल को सुधारने के लिए हम कुछ कर ही नहीं सकते हैं। जीवन में थोड़ा अनुशासन और थोड़े बदलाव हमें लंबे समय तक फिट रख सकते हैं और हमारे हार्ट को स्वस्थ भी। अपने हार्ट को हेल्दी रखने के लिए पढ़िए क्या कर सकते हैं आप-
1. एक्सरसाइज़ के लिए टाइम निकालिए
रोज़ाना 30 मिनट खुद को एक्टिव रखने के लिए निकालें। आप कुछ भी कर सकते हैं, योगा, जिमिंग, खेल कूद, कुत्ते के साथ वॉक पर जाना, जो भी आपको पसंद है। आप चाहे तो इस तीस मिनट को 2 या 3 बैच में बांट सकते हैं। सुबह  10 मिनट एक्सरसाइज़ कर लें, दोपहर में लंच के बाद कलीग के साथ वॉक पर निकल जाएं और शाम में घर आकर वॉक, जॉग या स्ट्रेचिंग आदी कर सकते हैं। 

2. खान पान में ट्राई करें हेल्दी ऑप्शनस
अपने खान-पान में ताज़ा सब्जियां, फल, साबुत अनाज शामिल करें। तेल के लिए भी हेल्दी ऑप्शन्स जैसे ऑलिव, कैनोला आदी ट्राई करें। जरूरत से ज्यादा तैलिया चीज़ों से बचें। बाहर का खाना भी संतुलन में खाएं। नॉन वेज में रेड मीट से परहेज करें और दूध से बने सामान में लो फैट ऑप्शन्स ढूंढे। 
3. स्ट्रेस से बचने के लिए एंजॉय करें मी टाइम 
हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए जितना एक्टिव रहना जरूरी है, उतना ही जरूरी स्ट्रेस फ्री रहना। कुछ समय आराम करने के लिए भी निकालें जब आप खुद अपना साथ एंजॉय कर सकें। कुछ समय के लिए खुद को फोन, कंप्यूटर, टीवी सब से दूर रखें।
4. बॉडी वेट को रखें कंट्रोल में
मोटापा हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ा देता है और आजकल, जब लोगों के बीच फास्ट फूड की लोकप्रियता बहुत बढ़ गई है, तब मोटापा को मामले भी तेजी से बढ़े हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि अगर आप थोड़ा भी वजन कम करते हैं तो हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। 
वजन कम करने के लिए ऐसा खाना खाएं जो सिर्फ स्वादिष्ट है, खाने की जगह ऐसा खाएं जिसमें कैलोरी की जगह पोषक तत्वों की अधिकता हो।  नियमित एक्सरसाइज़ का समय भी निकालें। 
5. धूम्रपान से रहे दूर
तंबाकू, धूम्रपान जैसी चीज़े न सिर्फ मेनोपॉज़, इंफर्टिलिटी और प्रेगनेंसी में दिक्कतें पैदा करती हैं, बल्कि ये हार्ट के लिए भी खतरनाक है। जितनी जल्दी हो सके इस आदत को छोड़ने की कोशिश करें।
6. नियमित चेकअप कराएं- 
नियमित ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कॉलेस्ट्रोल की स्थिति देखनें के लिए जांच करवाएं। अपने डॉक्टर से सलाह लें कि आपक उम्र के अनुसार कितने अंतराल पर जांच करवाना सही रहता है।