Editorial Review: भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के प्रतीक महाकुंभ का आयोजन हर बार हमें यह याद दिलाता है कि जीवन केवल सांसारिक उलझनों में उलझने का नाम नहीं है, बल्कि आत्मा की शुद्धि और आस्था की पुनर्प्राप्ति का भी अवसर है। लाखों श्रद्धालु संगम पर स्नान कर अपनी आत्मा को निर्मल करते हैं और यह
आयोजन मानवता के प्रति हमारी सांस्कृतिक एकता को दर्शाता है। इस अंक में महाकुंभ की महायात्रा का विस्तृत वर्णन आपको एक नए आध्यात्मिक अनुभव की ओर ले जाएगा।
इसी के साथ, सर्दियों का यह मौसम जहां एक ओर मकर संक्रांति जैसे त्यौहारों की मिठास लाता है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता भी है। ठंड में शरीर को गर्म रखना और बीमारियों से बचाव करना आवश्यक हो जाता है।
इस अंक में आप ठंड में होने वाली आम बीमारियों और उनके बचाव के उपायों पर विशेष लेख पढ़ सकते हैं। मकर संक्रांति न केवल मौसम के बदलाव का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाने का पर्व भी है। तिल और गुड़ की मिठास हमें यह सिखाती है कि जीवन के कठिन क्षणों को भी
सौम्यता और मिठास से जीता जा सकता है।
ज्योतिष पर आधारित इस अंक के लेख आपको नए साल में ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव और उनके समाधान को समझने में मदद करेंगे।
यह ज्ञान आपके जीवन को दिशा देने में सहायक होगा। साधना पथ हमेशा आपके जीवन में आस्था, स्वास्थ्य और संस्कृति का समावेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। आइए, इस नए साल में, महाकुंभ की आस्था, मकर संक्रांति की मिठास और सर्दियों की सीख के साथ, अपने जीवन को एक नई ऊर्जा और आनंद से
भर दें।
स्वस्थ रहें और आशावादी बने रहें।
धन्यवाद।
आपका…
नरेन्द्र कुमार वर्मा
