अभी कुछ दिनों पहले मैं अपनी एक सहेली के घर गई थी। वहां फ्रिज के ऊपर मैंने क्विनोआ का पैकेट पहली बार देखा। उससे पूछने पर पता चला कि इसे पुलाव की तरह पकाने पर स्वादिष्ट लगता है और यह एक डाइट फूड है। इससे पहले मैंने कभी भी क्विनोआ के बारे में न तो सुना था औैर न ही देखा था। वजन कम करने की कोशिश में मैं भी लगी हूं, सो अगले ही दिन क्विनोआ खरीद लाई। उसे पकाया और खाया। स्वादिष्ट तो लगा ही लेकिन उससे भी बड़ी संतुष्टि यह थी कि उसे खाने से मेरे वजन पर अतिरिक्त असर नहीं पड़ेगा।
क्विनोआ की तरह इन दिनों कई सुपर फूड्स ने धीरेधीरे पहले टीवी, अखबारों औैर अब किचन में जगह बना ली है। जाहिर सी बात है कि किचन के जरिए ये हमारे पेट में भी पहुंच रहे हैं। क्विनोआ के अलावा, चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स, वॉटरमेलन सीड्स, चगा मशरूम, नट ऑयल, मका, ल्यूकूमा, हेम्प सीड्स आदि। हममें से कुछ लोग इन सुपर फूड्स से परिचित हैं तो कुछ को इनके बारे में कुछ भी पता नहीं। फ्लैक्स सीड्स दादी-नानी के जमाने के अलसी के बीज हैं, जिन्हें अपने यहां के कुछ राज्यों में तिसी भी कहा जाता है। कुछ आयरन के बेहतरीन स्रोत हैं तो कुछ विटामिन और प्रोटीन के। इस आधे बीत चुके साल में इंटरनेट फ्रेंडली हो चुकी जनता अपने खानपान की आदतों को लेकर भी एडवेंचरस है।
 
चिया सीड्स
 
 
चिया के बीज भी पॉपुलर सुपर फूड्स की श्रेणी में शामिल हैं। वैसे तो ये स्वाद रहित होते हैं लेकिन जब इन्हें सही ढंग से पकाया जाता है तो ये आसानी से पच जाते हैं। एनर्जी बूस्टिंग पाउडर के तौर पर ये कमाल के हैं! हालिया शोध तो चिया के बीजों को टाइप 2 डायबिटीज खत्म करने के लिए कारगर मानते हैं। चिया मेक्सिको से आते हैं, जिसका अर्थ ताकत से है। चिया को रनर्स फूड भी कहा जाता है क्योंकि लंबी दौड़ में चिया का इस्तेमाल ऊर्जा स्रोत के तौर पर किया जाता है। कहा जाता है कि केवल एक चम्मच चिया उन्हें 24 घंटे तक ऊर्जावान बनाए रखने में कारगर है। एंटीऑक्सिडेंट, एंटी सन्फ्लेमेट्री, एंटी कैंसर गुण होने के कारण चिया के सेवन का प्रचलन अपने देश में भी बढ़ता जा रहा है। यह एक कंम्प्लीट प्रोटीन भी है क्योंकि इसमें नौ जरूरी अमिनो एसिड हैं। स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए आवश्यक 20 फीसद सॉल्युबल फाइबर औैर 80 फीसद इनसॉल्युबल फाइबर भी इसमें हैं। यह ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखता है, क्रेविंग को कम करता है औैर लंबे समय तक आपके पेट को भरा महसूस कराता है।
 
क्विनोआ
क्विनोआ पोषण का दोगुना पंच देता है क्योंकि इसमें फाइबर और प्रोटीन दोनों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। यह ग्लूटेन मुक्त होने के साथ कंप्लीट प्रोटीन भी है। यह मूलत: एक बीज है, जिसे अनाज के तौर पर खाया जाता है। क्विनोआ तीन तरह के होते हैं- सफेद, लाल औैर काला। इसे अमूमन ऑर्गेनिक तौर पर ही उगाया जाता है। इसमें फ्लेवेनॉयड्स होता है, जो एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करता है। अन्य अनाजों की तुलना में क्विनोआ में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। क्विनोआ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स करीब 53 है, जो काफी कम है। शोध यह भी बताते हैं कि क्विनोआ मेटाबोलिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में लाभदायक है। वजन कम करने की कोशिश में लगे लोगों के लिए क्विनोआ फायदेमंद है क्योंकि वजन कम करने के लिए हमें कम कैलोरी का सेवन करना चाहिए।
 
फ्लैक्स सीड
अलसी के बीज सालों से हमारे आस-पास ही हैं और एग्जॉटिक नहीं है, इसका अर्थ यह कदापि नहीं है कि यह हमारे संतुलित आहार के लिए पर्याप्त नहीं। सच तो यह है कि अलसी के बीज कमाल के होते हैं! यह न केवल कोलेस्ट्रॉल औैर ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करता है बल्कि इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स का बड़ा भाग होता है। इसे लिग्नैन्स कहा जाता है, जिसमें कैंसर से लडऩे के गुण मौजूद हैं। साथ ही यह हार्मोन्स को भी संतुलित करने में मददगार हैं। यह सॉल्युबल और इनसॉल्युबल फाइबर का बेहतरीन स्रोत हैं, जिसका अर्थ है कि यह रोजाना की ऊर्जा औैर वजन कम करने में लाभदायक हैं। अलसी  के बीजों की खासियत यह है कि ये किसी भी डिश में आसानी से घुल-मिल जाते हैं। चाहें तो इन्हें ओटमील पर छिड़क लीजिए या ग्रैनोला में या दही पर या अपने स्मूदी में मिला लीजिए। देसी अंदाज में बोलूं तो चिड़वा भूनते समय इसमें फ्लैक्स सीड्स को भी भूनकर मिला लीजिए। चिड़वा का स्वाद तो बढ़ेगा ही, इसका लाभ भी मिलेगा। गांवों में अलसी के बीज यानी तिसी की स्वादिष्ट बडिय़ां बनाई जाती हैं, जिसे हल्के तेल में भूनकर चावल-दाल के साथ खाया जाता है।
 
 
हेम्प सीड्स
 
हेम्प सीड्स को परफेक्ट प्रोटीन कहा गया है, जिसका अर्थ है कि इसमें न केवल सभी 20 अमिनो एसिड्स हैं बल्कि वे 9 जरूरी अमिनो एसिड्स भी, जो हमारे शरीर के सही तरह से काम करने के लिए जरूरी भी हैं। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड्स औैर ओमेगा 6 फैटी एसिड्स भी है, जिसका संबंध संतुलिन हार्मोन्स से है। साथ ही इसमें फाइबर, आयरन औैर मैग्नीशियम भी हैं। यदि आप अपनी डाइट में प्रोटीन, फैट औैर फाइबर की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं तो इसे स्मूदी में मिलाकर पी डालिए।
 
वॉटरमेलन सीड्स
तरबूज खाते समय हमें इसके बीज फेंकते रहने की आदत है। अब यही फेंकने वाला बीज न केवल लेटेस्ट स्नैकिंग ट्रेंड में शामिल हो चुका है बल्कि लोग इसे सुपर फूड मानने लगे  हैं। एक बार इनमें अंकुरण हो गया तो इन्हें भूनकर खाया जाता है। यह काफी स्वादिष्ट औैर पौष्टिक होते हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी, मैग्नीशियम औैर मोनोसैचुरेटेड एवं पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं। यदि आपको कुरकुरी चीजें खाना पसंद है तो इसे सलाद पर छिड़क कर खाइए या फिर भूनकर चाय के साथ स्नैक्स के तौर पर।
 
नट ऑयल
नट बटर काफी सुन रखा होगा, अब बातें करते हैं नट ऑयल्स की। यह कोल्ड प्रेस्ड नट ऑयल्स है, जो बादाम, काजू, अखरोट औैर हेजलनट से मिलता है। इनकी खुशबू काफी तीखी औैर स्वाद भी उतना ही ज्यादा तेज होता है। यही वजह है कि इसका सेवन काफी कम मात्रा में किया जाता है। साथ ही यह भी सलाह दी जाती है कि इसका सेवन कच्चे तौर पर किया जाए क्योंकि इसे पकाने से इसका फैट खत्म हो जाता है। एवोकैडो ऑयल का इस्तेमाल भी इसी तरह किया जाना चाहिए। कई ऑर्गेनिक फूड कंपनियां कोल्ड प्रेस्ड नट ऑयल्स को बाजार में लाने में लगी हैं।
 
चगा मशरूम
चगा को मेडिसिनल मशरूम का राजा कहा जाता है। इम्यून सिस्टम को बूस्टअप करने में लाभदायक है यह क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल औैर एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। इसकी चाय विदेशों में खूब पी जाती है, जिसका स्वाद कड़वा होता है। यह काफी महंगी मिलती है, शायद इसलिए अब तक अपने यहां कम ही मिलती है।
 
मका
मका पेरू से आया है, जिसके सुपर फूड होने का एक लंबा इतिहास है। मका एक पौधे की जड़ है, जिसके स्वास्थ्य संबंधी तीन मुख्य लाभ हैं- अधिक एनर्जी, अधिक सेक्स ड्राइव औैर हार्मोन को संतुलित करना। इनके पीछे का अध्ययन तो बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन बीएमसी कॉमप्लिमेंटरी एंड ऑल्टरनेटिव मेडिसिन जर्नल ने लिखा था कि मेनोपॉजल महिलाओं या स्वस्थ पुरुषों में सेक्सुअल डिस्फंक्शन या सेक्सुअल इच्छा के संदर्भ में मका के सेवन के बाद सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला। यदि आप ऊर्जा के लिए कैफीन फ्री बूस्टअप ढूंढ रहे हैं तो मका स्मूदीज बेहतरीन हैं। इसका एक चम्मच बस स्मूदी में डालिए औैर असर देखिए।