History Of Bra: आधुनिक होती दुनिया में हर व्यक्ति जिस भी चीज का इस्तेमाल करता है उसके पीछे कोई ना कोई वजह या इतिहास छिपा हुआ है। हर चीज की अपनी एक लंबी कहानी और राज़ है और आज हम आपको एक ऐसी ही वस्तु की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका उपयोग महिलाएं अपने दैनिक दिनचर्या में करती हैं। यह वस्तु महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला एक कपड़ा है जिसे हम ब्रा कहते हैं। महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इस कपड़े का नाम और इतिहास बहुत लंबा है आज हम आपको बताते हैं कि किसने इस का आविष्कार किया था और इसका नाम कैसे पड़ा और किस तरह से महिलाओं की दिनचर्या का हिस्सा बन गई।

ब्रा एक ऐसी चीज है जिसके बारे में आज भी समाज में खुलकर बात नहीं की जाती है। कुछ लोग इसे महिलाओं की सेहत और फिगर के लिए अच्छा बताते हैं और कुछ इसे नुकसानदायक मानते हैं तो चलिए आज इसके इतिहास के बारे में जानते हैं।
कब हुई शुरुआत
महिलाएं काफी समय पहले से ब्रा पहनती हुई आ रही हैं। बहुत पहले वह चमड़े की ब्रा पहना करती थी, इसे प्रतिदिन पहनना बहुत मुश्किल होता था और उन्हें कई तरह की परेशानी भी होती थी लेकिन फिगर को मेंटेन करने के लिए वो इसे पहना करती थी। कहा जाता है कि इसे पहनने से उनकी बॉडी का शेप अच्छा रहता था।
17 वीं शताब्दी तक आया सफेद अंडरगार्मेंट

17-18वीं शताब्दी तक आते-आते एक सफेद अंडर गारमेंट पहनने का चलन शुरू हुआ इसे बुरा तो नहीं कहा जा सकता लेकिन यह एक सफेद रंग का कपड़ा था जो किसी कमीज की तरह नजर आता था। 1890 तक बहुत से देशों की महिलाओं ने कोर्सेट पहनना शुरू किया जो देखने में जैकेट जैसा होता था इसके पीछे एक डोरी होती थी जिससे इसे कसा जा सकता था।
फ्रांस की महिला ने बनाई ब्रा
1889 में मॉडर्न का अविष्कार किया गया जिसे फ्रांस की रहने वाली महिला हरमानी काडोले ने बनाया था। इसके बाद उन्हें कोर्सोलेट जॉर्ज के नाम से जाना जाने लगा। 1940 के बाद ब्रा को नायलॉन के कपड़े से बनाना शुरू किया जाए और यह वजन में हल्की होती चली गई।
ब्रा का विरोध
1907 के दौरान फेमस फैशन मैगजीन वोग ने brassiere शब्द का इस्तेमाल किया जिसका मतलब था महिलाओं के शरीर के ऊपरी हिस्से में पहने जाने वाला कपड़ा। इसके बाद से महिलाओं ने ब्रा पहनना शुरू किया और फिर कुछ समय बाद इसका विरोध भी शुरू हो गया। कई महिला संगठन सालों से इसका विरोध कर रहे हैं लेकिन अब ये महिलाओं की दिनचर्या का एक जरूरी हिस्सा है।
