ऐसा देश जहां न्यूक्लियर बम का नहीं होता है असर, जानिए इसके बारे में: Safest Countries To Survive Nuclear War
New Zealand Bunker

ऐसा देश जहां न्यूक्लियर बम का नहीं होता है असर, जानिए इसके बारे में

which country is safe from nuclear war : न्यक्लियर अटैक के बाद सिर्फ दो देशों के लोग सुरक्षित रह सकेंगे। आइए जानते हैं क्यों?

Safest Countries To Survive Nuclear War: आज के समय में लगभग हर देख न्यूक्लियर बम बनाना चाहता है, कई देशों को यह उपलब्धि हासिल भी हो गई है। लेकिन इस बम को अगर इस्तेमाल किया जाए, तो कैसा परिणाम होगा इस बारे में शायद किसी को भी पता नहीं है। अक्सर खबरों में न्यूक्लियर बम गिराने की धमकी आती रहती है, जिसे सुनकर दुनियाभर के लोग डर जाते हैं। कहीं, अगर वर्ल्ड वॉर शुरू हो गया और किसी ने ये बम गिरा दिया, तो नतीजा क्या होगा, क्या आपने इस बारे में सोचा है? इस विषय पर अमेरिका की एक फेमस इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट ने सालों तक रिसर्च किया है। उन्होंने इस बात पर रिसर्च किया है कि आखिर न्यूक्लियर युद्ध का क्या असर होगा? अपने रिसर्च पर जर्नलिस्ट से बताया कि धरती पर अगर न्यूक्लियर कम गिरेगा, तो कौन सा देश बच पाएगा। इंसान को किस तरह के सर्वाइव करने पड़ेंगे। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-

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Safest Countries To Survive Nuclear War
Safest country during nuclear war

डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, ‘डायरी ऑफ आ सीईओ’ पॉडकास्ट से बात करते हुए इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट ने बताया कि धरती पर अगर न्यक्लियर बम गिराया गया, तो 2 देशों के लोग ही जिंदा रह सकेंगे। जहां रहकर लोग बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि धरती पर अगर न्यूक्लियर हमला किया गया, तो सिर्फ 72 घंटे के अंदर 500 करोड़ लोगों की मौत हो जाएगी। वहीं, शेष बचे हुए 300 करोड़ लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। अटैक के बाद 3 महाद्वीपों से लगी आग के कारण जो धुआं उठेगा, उसकी वजह से छोटा हिम युग का दौर शुरू हो जाएगा।

हिम युग का दौर शुरू होते ही लोग फसल नहीं उपजा पाएंगे, जिसकी वजह से वे खाने के लिए तरस जाएंगे। धरती का अधिककर हिस्सा मध्यम वाला भाग पूरी तरह से बर्फ की मोटी चादर से ढक जाएगा। आइओवा और यूक्रेन जैसी जगहें 10 सालों तक बर्फ से ही ढकी रह जाएंगी।

Ice Age
Ice Age

न्यूक्लियर विंटर का असर काफी बुरा होगा, जिसकी वजह से फसल उगाना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही जमीन पर दोबारा से फसल नहीं उग पाएंगे। ऐसे में लोगों की खाने की कमी और सर्वाइव करने में मुश्किलें होने की वजह से मौत हो जाएगी। साथ ही रेडिएशन पॉइजनिंग भी होने लगेंगी, जिसके कारण ओजोन लेयर भी नष्ट हो जाएगी। ऐसे में लोगों को सूर्य की किरणों से बचने के लिए खुद को धरती के नीचे ही रखना होगा।

जर्नलिस्ट ने बताया कि क्लाइमेट और एटमॉस्फियरिक साइंस के एक्सपर्ट और प्रोफेसर ब्रायन टून से उन्होंने रिसर्च के दौरान बात की थी। उन्होंने उन्हें कहा था कि न्यूक्लियर अटैक के बाद धरती पर सिर्फ दो जगहें सुरक्षित रहेंगी, जहां खेती करना संभव हो सकेगा। वे जगह है ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड।

दरअसल, अमेरिका और धरती के कुछ अन्य देशों में रहने वाले अमीर लोगों द्वारा छुपने के लिए एक न्यूक्लियर बंकर्स को तैयार किया जा रहा है। इन बंकर में वे लोग सुरक्षित रह पाएंगे। हालांकि, यह बंकर तबतक कारगर है, जबतक लोगों को ऊर्जा की आपूर्ति हो रही होगी। वहीं, छोटे वाले बंकर तब तक कारगर होंगे, जबतक उन्हें डीजल जेनरेटर को चलाने के लिए गैसोलीन उपलब्ध होगा।

निक्की मिश्रा पिछले 8 सालों से हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लिख रही हैं। उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में एमए और भारतीय विद्या भवन से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। लिखना उनके लिए सिर्फ एक प्रोफेशन...