Husband's right over wife's ancestral property

Property Claim: विजय कुमार ने अपनी पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी करने की सोची। उसकी एक ही 18 साल की बेटी थी और वह अपनी बेटी से नए सदस्य को घर में लाने के अपने कर्त्तव्य को जानता था। अपनी वसीयत का निर्णय लेते समय उसने अपनी बेटी को अपनी दूसरी पत्नी और उसके बच्चों के हकों के बारे में बताना भी जरूरी समझा।

हिंदू सक्सेशन एक्ट 2005 के मुताबिक एक बेटी का अपने पिता की पैतृक संपत्ति पर  हक होता है अगर वह अपना उत्तराधिकार साबित कर देती है तो। अगर उसको उसका हिस्सा देने से मना कर दिया जाता है तो वह अपने हक को प्राप्त करने के लिए कोर्ट जा सकती है। कोर्ट के मुताबिक दूसरी पत्नी के बच्चों का भी पैतृक संपत्ति पर उतना ही अधिकार होता है जितना पहली पत्नी के बच्चों का होता है।

दूसरी पत्नी और बच्चों के हक

अगर पिता की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पहली पत्नी की बेटी, उसकी दूसरी पत्नी और उसके बच्चों का सभी का बराबर का हिस्सा होगा। यह नियम खुद से ली गई और पैट्रिक संपत्ति दोनों पर लागू होता है। अगर पिता अपनी वसीयत मृत्यु से पहले बेटी को वह हिस्सा न देने का निर्णय बना लेता है तो इस केस में बेटी के लिए प्रॉपर्टी पाना मुश्किल हो सकता है। अगर वह इस विल को कोर्ट में चुनौती दे देती है और उसे अवैध साबित कर देती है तो उसे हक मिल सकता है। कानून के मुताबिक अगर पिता की मृत्यु हो जाती है तो उसके बच्चों का प्रॉपर्टी में 1/4 भाग होता है। लेकिन पिता के जीते जी उसके बच्चे उसकी खुद से ली गई प्रॉपर्टी पर क्लेम नहीं कर सकते हैं।

हिंदू सक्सेशन नियम के अनुसार पिता की मृत्यु के बाद उसके पहली क्लास के उत्तराधिकारी निम्न होते हैं:

बेटा, बेटी, विधवा, पहले से मरे हुए बेटे का बेटा, पहले से मृत बेटे की बेटी, पहले से मृत बेटे की विधवा, पहले से मृत बेटी का बेटा, पहले से मृत बेटी की बेटी, मृत बेटे के मृत बेटे के बेटे, मृत बेटे के मृत बेटे की बेटी, मृत बेटे के मृत बेटे की विधवा।

दोनों ही शादियों से होने वाले बच्चे व्यक्ति की सम्पत्ति के क्लास एक उत्तराधिकारी होते है और उन्हें प्रॉपर्टी में बराबर भाग मिलता है। अगर क्लास एक उत्तराधिकारी नहीं होते हैं तो सारी प्रॉपर्टी क्लास दो उत्तराधिकारियों को दी जाती है जोकि निम्न है :

  • पिता
  • बेटे की बेटी का बेटा, बेटे की बेटी की बेटी, भाई, बहन, बेटी के बेटे का बेटा, बेटी के बेटे की बेटी,  बेटी की बेटी का बेटा, बेटी की बेटी की बेटी
  • भाई का बेटा, बहन का बेटा, भाई की बेटी, बहन की बेटी
  • पिता के पिता, पिता की माता
  • पिता की विधवा, भाई की विधवा
  • पिता के भाई, पिता की बहन
  • मां के पिता, मां की मां
  • मां की बहन, मां का भाई

अगर पिता ने कानूनी रूप से शादी नहीं की है तो?

चूंकि विजय कुमार के केस में उसने कानूनी रूप से शादी की थी तो उसके बच्चों और उसकी दूसरी पत्नी का प्रॉपर्टी में भाग होगा। डाइवोर्स या पहली पत्नी की मृत्यु के केस में दूसरी पत्नी और उसके बच्चे प्रॉपर्टी के हकदार होते हैं। लेकिन अगर पति की मृत्यु के बाद दोनों ही पत्नी कोर्ट में सक्सेशन सर्टिफिकेट भर देती हैं तो कोर्ट दूसरी पत्नी को 1/5 भाग मिलेगा और अगर पति दूसरी शादी बिना तलाक के या बिना कानूनी रूप से करता है तो दूसरी पत्नी के बच्चों को तो हक मिलेगा लेकिन दूसरी पत्नी को प्रॉपर्टी में किसी प्रकार का हिस्सा नहीं मिलेगा।

यह भी पढ़ें-

जब पति पत्नी के बीच इगो आ जाए

एक महिला की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति पर किसका अधिकार है

 पैतृक संपत्ति सम्बन्धी यह आलेख आपको कैसा लगा ?अपनी प्रतिक्रियाएं जरूर भेजें। प्रतिक्रियाओं के साथ ही  पर्यटन  से जुड़े सुझाव व लेख भी हमें ई-मेल करें- editor@grehlakshmi.com