लॉकडाउन में फंस गई थी बारात इसी घटना पर बनी फिल्म 'कुसुम का बियाह' का ट्रेलर रिलीज: Kusum ka Biyaah
Kusum ka Biyaah Trailer

Kusum ka Biyaah: साल 2020 हम सभी की जिंदगी में वो दौर था जो शायद ही कोई याद करना चाहे। लेकिन यह भी सच है कि हम सभी कितना भी भूलने की कोशिश करें लेकिन यह हमारे जेहन में ऐसा चस्पा है कि चाहकर भी हम लॉकडान का वो मंजर भुला ही नहीं पाते। उस दौरान बहुत सी घटनाएं हुई। लोग अपने घरों में ही जैसे कैद से हो गए। बहुतों ने अपनों को खोया और बहुत से लोग एक पाई-पाई के लिए परेशान हुए। लॉकडाउन की इन्हें हालातों पर वेबसीरीज और फिल्में आ रही हैं। इसी कड़ी में लॉकडाउन पर बेस्ड फिल्म है कुसम का बियाह। जो कि एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस फिल्म का निर्देशन शुवेंदु राज घोष ने किया है और फिल्म के निर्माता प्रदीप चोपड़ा और बलवंत पुरोहित हैं।

Kusum ka Biyaah: एंटरटेनमेंट के साथ सस्पेंस

फिल्म ‘कुसुम का बियाह’ का ट्रेलर मेकर्स ने जारी कर दिया है। इसका सब्जेक्ट ही कुछ ऐसा है कि लोगों को इसका ट्रेलर काफी पसंद इआ रहा है। यह एंटरटेनिंग होने के साथ-साथ सस्पेंस से भी भरपूर है।फिल्म के ट्रेलर में देखा जा सकता है कोरोना महामारी की वजह से सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी। जिसमें काफी लोग फंस गए। बिहार से झारखंड गई एक बारात भी इस दौरान फंस गई थी। जिस घटना को इस फिल्म में दिखाया गया है। इस ट्रेलर में बताया गया है कि अचानक से लगने वाले लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण अंचलों में किस तरह परेशानियां लोगों के सामने आई थीं। फिल्म 21 जुलाई को रिलीज होगी।

जब लोग फंसे रह गये

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कोरोना महामारी के चलते केंद्र सरकार के अचानक लॉकडाउन लगा देने की वजह से काफी लोगों को परेशानी हुई थी। शहर से लेकर गांव तक लोग जहां के तहां फंसे रह गए थे। मानों जिंदगी थम सी गई हो। दो राज्यों की सीमा पर कुसुम की बरात भी फंसी थी। जिसे अब बड़े पर्दे पर दिखाया जाएगा। फिल्म में मुख्य किरदार में सिक्किम की सुजाना दर्जी और करनाल, हरियाणा के लवकेश गर्ग दिखाई देंगे। आपको बता दें कि महामारी के चलते बिहार और झारखंड की सीमा पर कुसुम की बारात फंसने की घटना को अखबारों और स्थानीय टीवी चैनलों में भी जगह मिल गई थी।

क्या है ख़ास

फिल्म कुसुम का बियाह की कहानी सिर्फ एक बारात के फंसने की बात को लेकर सीमित नहीं है। यह एक और खास मुद्दे पर बात करती हैं। दरअसल, फिल्म में बिहार और झारखंड राज्य के आपसी मतभेद और तनाव के चलते सरकारी सिस्टम में आम आदमी कैसे फंसता हैं ये भी देखने को मिलेगा। साल 2000 तक बिहार और झारखंड एक ही थे। लेकिन अलग होने के बाद इन राज्यों के मतभेद और भी बड़ गए हैं।