सत्‍ता और मनी लान्ड्रिंग के साथ क्राइम की परतें खोलती 'काला': Kaala Series Review
Kaala Series Review

Kaala Series Review: डिज्‍नी प्‍लस हॉटस्‍टार पर क्राइम ड्रामा वेब सीरीज रिलीज हो चुकी है। इस सीरीज में सत्‍ता की भूख और काले धन की लड़ाई दिखाई गई। बिजॉय नांबियार ‘काला’ के निर्देशक हैं, सीरीज को भूषण कुमार, किशन कुमार और बिजॉय नांबियार ने प्रोड्यूस किया है। अविनाश तिवारी, रोहन विनोद मेहरा, ताहिर शब्बीर, हितेन तेजवानी, जितिन गुलाटी, एलीशा मेयर और निवेधा पेथुराज समेत कई अन्‍य कलाकार अहम किरदारों में हैं। फ्रेश कहानी और फ्रेश चेहरों के साथ सीरीज प्रभावित करती है। इसमें काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग की काली दुनिया का चेहरा दिखाया गया है। सीरीज के आठ एपिसोड हैं जिसके लिए आपको लगभग अपने पांच घंटे देने होंगे। इस सीरीज के लिए अपना समय देने से पहले पढें ये रिव्‍यू और जानें सीरीज के बारे में।

क्‍या है कहानी

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ऋत्विक (अविनाश तिवारी) आई. बी. ऑफिसर है, जिसे कोई देश के जाने माने बड़े बिजनेसमैन नमन आर्य (ताहिर शब्‍बीर) के गैरकानूनी धंधे के बारे में जानकारी देता है। नमन दुनिया के सामने वेस्ट रिसाइकल किंग ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है। वह अपनी साफ सुथरी इमेज के चलते इस बिजनेस की आड़ में मनी लान्ड्रिंग का काम बड़े स्तर पर करता है। ऋत्विक नमन के काम की सच्‍चाई जान जाता है। वो नमन के खिलाफ सबूत इकट्ठे करता है। ऋत्विक के लिए ये काम आसान नहीं है। क्‍योंकि दो नंबर के इस काम में कई बड़े लोग शामिल हैं। नमन पैसों के दम पर सभी को चुप करा देता है और ऋत्विक को ही  इस मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसा देता है। क्‍या ऋत्विक खुद को बेगुनाह साबित कर पाता है? क्या वह नमन के गैरकानूनी कामों और उसकी असलियत सबके सामने ला पाता है? यह जानने के लिए आपको ‘काला’ सीरीज देखनी होगी। सीरीज का हर एपिसोड सस्पेंस से भरपूर है, जो आपको सीरीज से बांधे रखता है।

एक नजर एक्टिंग और डायरेक्‍शन पर

‘काला’ में कई फ्रेश चेहरों के साथ टीवी के जाने माने कलाकारों की अदाकारी देखने को मिली है। अविनाश तिवारी ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। जितिन गुलाटी ने भी बेहतरीन अभिनय किया है वे सादगी के साथ सीरीज में अलग ही छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। वहीं रोहन विनोद मेहरा ने अपने किरदार को अपनी अदाकारी से प्रभावी ढंग से पेश किया है। ताहिर शब्बीर और हितेन तेजवानी ने भी अच्‍छा काम किया है। एलीशा मेयर और निवेधा को जितना भी स्क्रीन टाइम मिला उसमें उन्होंने उसे बखूबी भुनाया है।

वहीं बिजॉय नांबियार ने नए चेहरों के साथ शानदार काम किया है। हवाला पर तो अब तक कई कहानियां सामने आ चुकी हैं लेकिन रिवर्स हवाला को उन्‍होंने बखूबी पेश किया है। कहानी शुरू में थोडा स्‍लो पेस में बढती है लेकिन इसका आखिरी हिस्‍सा जोरदार है।सीरीज में बीच-बीच में बंगाली भाषा का इस्तेमाल कहानी को काफी हद प्‍लॉट से जोडकर रखता है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि क्राइम सीरीज देखने के शौकीन हैं तो ये सीरीज आपके लिए हो सकती है।

निशा सिंह एक पत्रकार और लेखक हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिलेमें हुआ। दिल्‍ली और जयपुर में सीएनबीसी, टाइस ऑफ इंडिया और दैनिक भास्‍कर जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्‍थानों के साथ काम करने के साथ-साथ लिखने के शौक को हमेशा जिंदा...