आमिर खान की बेटी इरा का छलका दर्द: Ira Khan Depression News
Ira Khan Depression News

Ira Khan Depression News: स्टार किड्स की फोटोज और वीडियोज देखकर अक्सर लोग यही सोचते हैं कि किस्मत हो तो ऐसी। माना जाता है कि ये स्टार किड्स जन्म के साथ ही लाइमलाइट में रहते हैं, इनके जीवन में कोई संघर्ष नहीं होता। लेकिन आमिर खान की बेटी इरा खान ने इस इमेज को तोड़ते हुए यह बताया कि दूर से हैपनिंग और आसान दिखने वाली स्टार किड की लाइफ असल में उतनी भी सरल नहीं है। इतना ही नहीं इरा ने ये भी कहा कि कहीं न कहीं स्टार किड होने के कारण भी उनकी मेंटल हेल्थ पर विपरीत प्रभाव पड़ा। 

मेंटल हेल्थ पर 100% असर 

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में इरा खान ने अपने साइक्लिकल डिप्रेशन के बारे में खुलकर बात की। आपको बता दें इरा, एक्टर आमिर खान की पहली पत्नी रीना दत्ता की बेटी हैं। हालांकि रीना और आमिर अब अलग हो चुके हैं, लेकिन आमिर अक्सर अपनी बेटी के साथ हर सेलिब्रेशन में नजर आते हैं। इरा लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रही थीं। हालांकि लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने इससे छुटकारा पाया। हाल ही में इरा ने मेंटल हेल्थ पर बात की। उन्होंने कहा कि एक स्टार किड होने के नाते पब्लिक में सभी की निगाहें आप पर होती हैं और कहीं न कहीं यह आपकी मेंटल हेल्थ पर असर डालती है। मेरे साथ भी ऐसा हुआ। हालांकि इरा का मानना है कि डिप्रेशन किसी एक कारण से नहीं होता, लेकिन आप जिस परिवेश में बड़े होते हैं, उसका असर आपकी पर्सनालिटी पर होता है। ऐसे में जिस परिवेश में इरा रहीं उसने उनके दिमाग पर 100 प्रतिशत असर डाला। इरा ने कहा इससे उबरने में मुझे कई बार परिवार की मदद मिली, तो कभी मदद नहीं भी मिली। 

बेवजह रोती थी, सारे दिन सोती थी 

इरा ने बताया कि वह साल 2018 से साइक्लिकल डिप्रेशन से पीड़ित थीं। उन्होंने बताया कि डिप्रेशन के कारण उनके व्यवहार में बदलाव आने लगे थे, वे लगातार बेवजह रोती थीं, उन्हें भूख नहीं लगती थी। उन्होंने कई बार अपनी मम्मी को बताया कि मैं जिंदा नहीं रहना चाहती। वे दिनभर सोती रहती थीं, जिससे उन्हें बहुत कम घंटे जगना पड़े। उन्होंने कहा कि डिप्रेशन ने उन्हें मानसिक, शारीरिक और सामाजिक तौर पर प्रभावित किया। इरा ने स्वीकारा कि अपने डिप्रेशन को समझने में समय लग गया। हालांकि परिवार और मंगेतर नुपुर शिखारे की मदद से वे इससे बाहर आ सकीं।  

और शुरू हुई अगस्तु

26 वर्षीय इरा ने कहा कि जब मुझे डिप्रेशन का पता चला तो मुझे डर था कि लोग मुझे समझेंगे नहीं। हालांकि मेरे पास वित्तीय संसाधन थे और पूरा सपोर्ट सिस्टम था, जिसके कारण मैं इस स्थिति से निकल पाई। लेकिन फिर भी डरी हुई थी, हमेशा यही सोचती थी कि लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे। इसलिए इरा ने इस हेल्थ इश्यू से उबरने के लिए लोगों की मदद करने का फैसला लिया और एक फाउंडेशन का निर्माण किया। इरा ने कहा, मैंने साल 2021 में ‘अगस्तु’ की शुरुआत की। लेकिन मैं इतनी डरी हुई थी कि एक साल तक मैंने कुछ किया ही नहीं। हालांकि इसके बाद हिम्मत जुटाकर जुलाई 2022 में अगस्तु पर काम शुरू किया। यह एक एनजीओ है जो लोगों की मेंटल हेल्थ को लेकर काम करती है। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...