Overview: BJP के टिकट पर लड़ेंगी चुनाव मैथिली ठाकुर
लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर चुप्पी तोड़ी है। बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मौका मिला तो वह ज़रूर चुनाव लड़ेंगी और अपने गाँव के क्षेत्र (संभवतः बेनीपट्टी/अलीनगर) से शुरुआत करना चाहेंगी। उनका उद्देश्य लोगों की सेवा करना है।
Maithali Thakur Will Contest The Elections From BJP: बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर पिछले कुछ दिनों से जारी अटकलों पर उन्होंने खुद अपनी चुप्पी तोड़ी है। मैथिली ने न सिर्फ चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, बल्कि यह भी बताया है कि वह किस सीट से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करना चाहती हैं।
मैथिली ठाकुर ने क्या कहा
पत्रकारों से बातचीत के दौरान मैथिली ठाकुर ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर खुलकर बात की चुनाव लड़ने की इच्छा उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, “अगर मौका मिलता है तो मेरे लिए बड़ी बात होगी… अगर मैं देश के विकास के लिए जो भी संभव हो, मैं कहीं भी योगदान दे पाऊं तो मैं जरूर खड़ी हूं।”
बीजेपी से टिकट मिलने पर
मैथिली ने कहा कि अगर उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) से टिकट मिलता है, तो वह उसे छोड़ना नहीं चाहेंगी। उन्होंने कहा कि राजनीति में उनका मुख्य मकसद लोगों की सेवा करना और सकारात्मक बदलाव लाना होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है और सब कुछ भगवान भरोसे है।
पसंदीदा सीट और उसका कारण

मैथिली ठाकुर ने उन सीटों का भी ज़िक्र किया, जहाँ से वह चुनाव लड़ना पसंद करेंगी मैथिली ठाकुर ने कहा, “मैं अपने गाँव के क्षेत्र में ही जाना चाहूंगी।” उन्होंने बताया कि उस क्षेत्र से उनका अलग जुड़ाव है, और वहाँ से शुरुआत करने पर उन्हें लोगों से मिलना-जुलना, उनकी बातें सुनना और ज्यादा सीखने को मिलेगा। मधुबनी जिले की बेनीपट्टी विधानसभा सीट (जो उनका गृह क्षेत्र है) और दरभंगा की अलीनगर सीट चर्चा में हैं।
आयु की योग्यता
मैथिली ठाकुर ने हाल ही में (जुलाई में) 25 वर्ष की उम्र पूरी की है, जो विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम कानूनी आयु है। मैथिली ठाकुर के चुनाव लड़ने की अटकलें हाल ही में कुछ मुलाकातों के बाद तेज हुई हैं:
बीजेपी नेताओं से मुलाकात
उन्होंने अपने पिता रमेश ठाकुर के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की थी। बीजेपी नेताओं ने भी मैथिली के राजनीति में आने का खुले तौर पर स्वागत किया। विनोद तावड़े ने कहा कि मैथिली जैसे चेहरे अगर पार्टी में शामिल होते हैं, तो उनका इस्तेमाल चुनाव प्रचार से लेकर युवाओं को जोड़ने तक के लिए किया जा सकता है।
स्टेट आइकॉन
मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता को देखते हुए साल 2023 में उन्हें चुनाव आयोग ने बिहार का ‘स्टेट आइकन’ बनाया था, जिसके बाद वह मतदाता जागरूकता अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल रहीं।
संगीत करियर पर स्टैंड
राजनीति में आने के बाद उनके संगीत करियर पर क्या असर पड़ेगा, इस सवाल पर मैथिली ठाकुर ने कहा संगीत प्राथमिकता उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि संगीत कभी नहीं छूटेगा। वह अपने रियाज़ के लिए समय खुद बनाएंगी और संगीत उनके जीवन से मरते दम तक नहीं जाएगा।
