Summary : दीपक तिजोरी की फिल्म हॉलीवुड में झंडे गाड़ रही
दीपक तिजोरी को अब जाकर वो नाम और शोहरत मिल रही है जो वो जमाने से डिजर्व करते हैं, यह सब हो रहा एक शॉर्ट फिल्म के कारण...
Deepak Tijori Wins Award: यह तो वाकई सच है कि दीपक तिजोरी को उतना इस फिल्म इंडस्ट्री ने नहीं दिया जितना वो डिजर्व करते थे। लोग तो अक्सर इस तरह की बातें करते रहते हैं, अब दीपक ने भी इस दर्द को सांझा किया है। दीपक ने सबसे पहले ध्यान खींचा था अनु अग्रवाल और राहुल रॉय की फिल्म ‘आशिकी’ से। इसमें उन्होंने राहुल के दोस्त का रोल किया था और पहली ही हिट फिल्म से वो हर घर पहचाने जाने लगे थे। लेकिन वाकई इसके बाद उनका करियर परवान नहीं चढ़ पाया। इसी को लेकर कुछ दिन पहले दीपक तिजोरी ने इस बात का खुलासा किया था कि 90 के दशक में बॉलीवुड ने हमेशा उन्हें अवॉर्ड्स और नॉमिनेशन से दूर रखा, जबकि उन्होंने लगातार हिट फिल्में दी थीं।
दीपक तिजोरी का दर्द
बॉलीवुड हंगामा से बातचीत में दीपक ने कहा, “90 के दशक में मेरे पास बहुत सारी फिल्में थीं। मेरी फिल्में सुपरहिट होती थीं। मुझे उम्मीद रहती थी कि अब तो मुझे अवॉर्ड मिलेगा। फिर जब मैं नॉमिनेशन की लिस्ट देखता था तो दुखी हो जाता था। दुर्भाग्य से, मुझे कभी अपना नाम नहीं मिलता था। चाहे वो ‘आशिकी’ (1990), ‘सड़क’ (1991), ‘जो जीता वही सिकंदर’ (1992) या ‘कभी हां कभी ना’ (1994) ही क्यों न हो। मैंने 4 से 5 साल तक एक अवॉर्ड के लिए इंतजार किया और फिर नॉमिनेशन देखना ही छोड़ दिया।”
DEEPAK TIJORI WINS 3 BEST ACTOR AWARDS FOR JOE RAJAN'S ENGLISH SHORT FILM 'ECHOES OF US'… #DeepakTijori makes a stunning mark on the global stage, clinching his first-ever Best Actor honour with three back-to-back wins at prestigious #US film festivals:
— taran adarsh (@taran_adarsh) August 27, 2025
⭐️ Independent Short… pic.twitter.com/CgxkBdBqpz
अब हॉलीवुड में दीपक कमा रहे नाम
बॉलीवुड में नजरअंदाज किए जाने के बाद दीपक तिजोरी इन दिनों अपनी शॉर्ट फिल्म ‘Echoes Of Us’ के लिए लगातार अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीत रहे हैं। इस फिल्म में उनके साथ लूलिया वंतूर नजर आई हैं। इस फिल्म को लेकर ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने लिखा है, “दीपक तिजोरी ने जो राजन की अंग्रेजी शॉर्ट फ़िल्म ‘Echoes Of Us’ के लिए 3 बेस्ट एक्टर अवॉर्ड जीते। दीपक तिजोरी ने पहली बार इंटरनेशनल लेवल पर दमदार छाप छोड़ी है।
उन्होंने लगातार तीन बड़े अमेरिकी फिल्म फेस्टिवल्स में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड अपने नाम किया – इंडिपेंडेंट शॉर्ट अवॉर्ड्स (लॉस एंजेलिस), इंडी शॉर्ट फिल्म्स (लॉस एंजेलिस) और ऑस्टिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (टेक्सास)।” इसी पोस्ट में तरण ने यह भी बताया कि यह फिल्म अब तक 7 बेस्ट फिल्म अवॉर्ड्स जीत चुकी है और कोलकाता व बेंगलुरु इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में स्पेशल जूरी मेंशन भी पा चुकी है।
दीपक की फिल्म की कहानी
जो राजन के निर्देशन में बनी यह फिल्म अर्जुन नाम के एक 53 वर्षीय व्यक्ति की कहानी है। यह इंसान अपनी 42 साल की पत्नी केट की मौत से जूझ रहा है। वह अपनी पत्नी का बनाया हुआ एक वीडियो देखता है। यह वीडियो एक डायरी जैसा है। लेकिन जैसे-जैसे वह इसे देखता है, उसकी पत्नी की आवाज बदलकर धीरे-धीरे उसकी अपनी आवाज में बदलने लगती है। यह बदलाव उसे एक सिहरन भरे सच के सामने खड़ा कर देता है, एक ऐसा सच जिसे वह लंबे समय से अपने भीतर दबाए हुए था। इस फिल्म को देखना बनता है। इस पेशकश की खूब तारीफ हो रही है और समीक्षक भी इसे सराह रहे हैं।
