Vikram Gokhale Death: सच है कि कोई अभिनेता केवल अभिनेता नहीं रह जाता उसके अभिनय से वो दर्शकों का अपना इंसान बन जाता है। कलाकार मर जाता है और अपनी अमर कला अपने पीछे छोड़ जाता है और उसकी कला के कारण उसके प्रशंसक उसे हमेशा याद रखते हैं। हिंदी और मराठी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता विक्रम गोखले का 77 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका नाम हिंदी और मराठी सिनेमा में बेहद अदब के साथ लिया जाता है। सपनों की नगरी मुंबई में विक्रम गोखले ने एक ख्वाब देखा, उस ख्वाब को उन्होंने हकीकत बना लिया और दर्शकों के दिलों पर राज किया। फिल्म ‘निकम्मा’ में उन्होंने आखिरी बार काम किया था। उनके अभिनय के दीवाने जितने हिंदी सिनेमा में हैं उतने ही मराठी सिनेमा में भी हैं।
पहली फिल्म थी ‘परवाना’
अपने फिल्मी करियर की शुरुआत विक्रम गोखले ने 1971 में ‘परवाना’ फिल्म से की थी, फिल्म में अमिताभ बच्चन मुख्य भूमिका में थे। तब विक्रम सिर्फ 26 साल के थे। उन्होंने बहुत सी हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया। उनकी हर फिल्म में उनका अभिनय कमाल है। फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ को ही याद कर लीजिये नंदिनी( ऐश्वर्या राय बच्चन) के पिता का किरदार उन्होंने बखूबी निभाया है। फिल्म में जब नंदिनी के ससुराल वाले उनके घर शादी का पहला कार्ड लेकर आते हैं उस दौरान नंदिनी के पिता के किरदार में विक्रम बेहद चिंतित होते हैं और अगले ही पल वो अपने समधी का स्वागत ऐसे करते हैं जैसे घर में कुछ हुआ ही नहीं। इसी तरह भूलभुलैया के आचार्य जी को भी हम कैसे भूल सकते हैं। एक गुरु का वो किरदार कितना प्रभावशाली लगता है जब वो अपने शिष्य आदित्य श्रीवास्तव( अक्षय कुमार ) से भेंट करते हैं। न केवल संजीदा बल्कि हास्य फिल्म में भी उनकी भूमिका गजब की रही है ‘दे दना दन’ में उनका किरदार बहुत हंसाता है।
राष्ट्रिय पुरस्कार से हुए थे सम्मानित
विक्रम गोखले के अभिनय को पसंद करने वालों की कमी नहीं हैं उनके अभिनय को न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि मराठी सिनेमा से भी बहुत सम्मान और प्रेम मिला है। 2013 में उन्हें मराठी फिल्म ‘अनुमति’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। फिल्म अनुमति में उनका अभिनय देखने लायक है। फिल्म अनुमति में उनका किरदार एक सघर्षशील व्यक्ति की कहानी है जो आपको अंदर तक झकझोर देगी। ऐसे अभिनेता को भूल पाना नामुमकिन होता है जो अपने अभिनय से दर्शक की आत्मा छू लेता है।
