Homebound Reaction: नीरज घेवान का नाम आज सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में छाया हुआ है। इन दिनों वे अपनी फिल्म होमबाउंड को लेकर काफी चर्चा में हैं। दरअसल, उनकी फिल्म होमबाउंड की स्क्रीनिंग कान फिल्म फेस्टिवल में हुई और दर्शकों ने खड़े होकर लगभग नौ मिनट तक तालियां बजाईं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब नीरज की फिल्म को इंटरनेशनल लेवल पर इतनी सराहना मिली हो। इससे पहले जब नीरज घेवान साल 2015 में कान फिल्म फेस्टिवल में पहुंचे थे, तब उनकी फिल्म मसान को भी काफी पसंद किया गया था। उस फिल्म को ‘अन सर्टन रिगार्ड’ कैटेगरी में चुना गया था और उसे दो अवॉर्ड्स भी मिले थे FIPRESCI अवॉर्ड और Prix de l’Avenir Prometteu।
अब लगभग एक दशक के लंबे समय के बाद नीरज ने अपनी नई फिल्म ’होमबाउंड’ के साथ कान्स में वापसी है। लेकिन इस बार साथ हैं कुछ ग्लोबल फिल्मी दिग्गज जैसे फिल्म के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर मार्टिन स्कॉर्सेसी और करण जौहर भी उनके साथ जुड़े हैं। स्कॉर्सेसी का किसी इंडियन फीचर फिल्म से जुड़ना अपने आप में एक बड़ी बात है। इससे पहले वो इंडियन सिनेमा को लेकर फिल्म रिस्टोरेशन में सपोर्ट देते रहे हैं, लेकिन अब वे खुद इस कहानी का हिस्सा हैं। नीरज और स्कॉर्सेसी ने फिल्म को लेकर वीडियो कॉल्स पर लंबी चर्चा की।
इस साल ‘होमबाउंड’ की स्क्रीनिंग भी फिर से ‘अन सर्टन रिगार्ड’ सेक्शन में हुई। रेड कार्पेट पर नीरज अपनी टीम के साथ नज़र आए और भारत पवेलियन में फिल्म को लेकर बातें भी कीं।
नीरज ने ‘होमबाउंड’ की स्क्रीनिंग से पहले कहा, “ये कहानी दो दोस्तों की है। लेकिन मेरा मानना है कि हमारी 60 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है और हमारी फिल्मों में अब गांव दिखते ही नहीं है। हम शहरी कहानियां बनाते हैं, और फिर थोड़ी बहुत नजर छोटे शहरों पर जाती है। लेकिन भारत की असली ज़मीन, दिल से निकली कहानियां कहाँ हैं? यही सोच इस फिल्म के पीछे की प्रेरणा थी।”
इतना ही नहीं, नीरज और करण जौहर दोनों अपनी फिल्म को मिल रही इस सराहना और सम्मान से काफी खुश है। नीरज का कहना था कि हम सबको सच में बहुत प्राउड फील हो रहा है कि इंडियन सिनेमा को ऐसा इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म मिल रहा है। करण जौहर ने भी दिल से कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी बात यही है कि हम अपने देश के ऑडियंस को तो एंटरटेन करें ही, साथ ही अपनी फिल्में दुनिया तक भी पहुंचाएं। ऐसे मोमेंट्स हर किसी को खुशी के साथ-साथ गर्व का अनुभव भी हो रहा है।
