सैयामी खेर एक महाराष्ट्रियन परिवार से हैं और बहुत सुलझी हुई लड़की हैं। ये उनके व्यक्तित्व की सादगी है, जो लोगों का दिल मोह लेती है और इसका श्रेय वो अपने परिवार को देती हैं, जिन्होंने उनकी इतनी बढ़िया परवरिश की। उनके लिए सिनेमा उनका प्यार ज़रूर है, लेकिन इससे अलग भी उनकी एक जि़ंदगी है, जिसे वो भरपूर जीती हैं। जी हां, हम आपको बता दें कि सैयामी की स्पोर्ट्स में काफी दिलचस्पी है और फिटनेस उनका पैशन है और इस बात का अंदाज़ा आप उन्हें देखकर भी लगा सकते हैं।
आप नासिक में अपने परिवार के साथ रहती हैं, कैसी जि़ंदगी है वहां की?
हम लोग बहुत सादगी भरा जीवन जीते हैं। हमारी लाइफ फिल्म नहीं है, इससे हटकर भी है। नासिक बहुत खूबसूरत जगह है। यहां हम नेचर से जुड़े हैं। हम माउंटेन क्लाइम्बिंग करते हैं और ये क्वालिटी मुझमें पापा से आई है। मेरे घर का माहौल भी बहुत सादगीपूर्ण है। बचपन में मैं अगर पढ़ाई में 85 प्रतिशत लाती थी तब भी पैरेंट्स कहते थे कि ज़्यादा सेलीब्रेट मत करो, तुमने कोई बड़ा काम नहीं किया है। मुझे राकेश मेहरा जी की फिल्म ‘मिज़्र्या’ से लॉन्च मिला, लेकिन जब मैं शूटिंग करके थक कर घर आती थी तो मुझे पैरेंट्स कहते थे, चलो अब अपना रूम साफ करो, जो मुझमें भी है। मैं चाहे कितना भी बड़ा काम करूं, उनके लिए सिर्फ उनकी बेटी हूं।
अपनी लॉकडाउन लाईफ के बारे में बताइये। कैसे समय गुज़ार रही हैं?
मार्च में जब लॉकडाउन शुरू हुआ था, तब सब कुछ बहुत अच्छा लग रहा था, क्योंकि मुझे नासिक में अपने परिवार के साथ समय गुज़ारने का मौका मिल रहा था। इस दौरान मैंने अपने शोज़ ‘स्पेशल ओप्स’, ‘ब्रीद’ और फिल्म ‘चोक्ड’ का प्रमोशन भी किया। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बस, अब जल्द ही काम शुरू हो जाए। मैं ‘ब्रीद-2’ जो कि ऐमेज़ोन पर रिलीज़ हुआ है, उसके अगले सीज़न का शूट शुरू होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही हूं।

इन दिनों आपका क्या रूटीन है?
सुबह दो घंटे का मेरा फिटनेस रूटीन होता है। यहां नासिक में हमारा बहुत बड़ा फार्म हाउस है, जहां हम सब्जि़यां और फल उगाते हैं। इन दिनों हेल्पर न होने के कारण गार्डनिंग और फाॄमग का सारा काम मैं संभालती हूं। इससे मुझे ये एहसास हुआ कि ये सब काम करना इतना आसान नहीं है। हालांकि इसका फायदा ये भी है कि हमें शुद्ध सब्जि़यां मिल जाती हैं। मैंने पालक, भिंडी ये सब लगाना और निकालना सीख लिया है। बाकी समय में मैं नेटफ्लिक्स और ऐमेज़ोन पर फिल्म और शोज़ देखती हूं, फ्रेंड्स के साथ प्ले की रीडिंग करती हूं और अपनी ऐक्टिंग को इंप्रूव करने की कोशिश करती हूं।
क्या इस दौरान आपने कुछ नया सीखने की कोशिश की?
हां, इस दौरान मैंने बेकिंग और कुकिंग की। मैंने काबुली बिरयानी बनाई और ब्रेड बेक की। पहले कभी मैंने ये सब नहीं किया, इसलिए ये मेरे लिए नया था। वैसे मैं आपको बता दूं कि अब मैं रोटियां बनाने में एक्सपर्ट हो चुकी हूं।

आपने अभी बताया कि आपका 2 घंटे का फिटनेस रूटीन रहता है। उसके बारे में विस्तार से बताइये…
लॉकडाउन के पहले मेरा फिटनेस लेवेल बहुत हाई था। मैं रोज़ाना 20 किलोमीटर दौड़ती थी। 25 किमी साइकलिंग, 2-3 किमी स्विमिंग करती थी। वास्तव में ये सब मेरी ट्रेनिंग का हिस्सा था, क्योंकि लॉकडाउन के पहले मैं नीदरलैंड में होने वाले आयरनमैन हाफ चैलेंज की तैयारी में जुटी थी, फिर लॉकडाउन ने सबको घर में कैद कर दिया। हालांकि उससे मेरे वर्कआउट रूटीन पर फर्क नहीं पड़ा। मैं रोज़ अलग-अलग वर्कआउट प्लान बनाती हूं जो हर हफ़्ते बदलता है। मुझे याद नहीं कि मैंने कभी एक दिन भी ये सब मिस किया हो। मैंने कभी पर्सनल ट्रेनर भी नहीं रखा।
लॉकडाउन की लाइफ ने क्या सिखाया?
यही कि हम अक्सर लाइफ से शिकायतें करते हैं। कभी हम इसलिए परेशान हैं कि बहुत ज़्यादा बारिश हो रही है, कभी गर्मी की शिकायत करते हैं, कभी हमें ट्रैफिक से परेशानी है तो कभी किसी और चीज़ से। अब सभी घर पर समय बिता रहे हैं और सब कुछ नॉर्मल होने का इंतज़ार कर रहे हैं। इसलिए हमें किसी भी चीज़ को ग्रांटेड नहीं लेना चाहिए।
आपको किस चीज़ से बहुत खुशी मिलती है?
जैसा कि सबको पता है कि मैं मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर कि फैन हूं, तो जब भी मैं लो फील करती हूं, उनकी एक इनिंग देख लेती हूं और मेरी लाइफ में खुशी आ जाती है। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं। मुझे वर्कआउट से पौजि़टिविटी मिलती है। जब भी मेरा मन अशांत होता है, मैं एक दौड़ लगा लेती हूं और मेरा मन शांत हो जाता है
किन बातों पर बहुत गुस्सा आता है?
मेरा कूल टेम्परामेंट है। मुझे कोई कितना भी उकसा ले, मैं गुस्सा नहीं करती। घर में कभी क्राइसेस की सिचुएशन होती है तो मेरे घर वाले मेरी सलाह लेते हैं, क्योंकि मैं हायपर नहीं होती और समस्याओं का हल ढूंढ लेती हूं।
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