निर्देशक- निशिकांत कामत

कलाकार- जॉन अब्राहम, श्रुति हसन, दिया चलवाड, निशिकांत कामत, नाथैलिया कौर, शरद केलकर, टेड्डी मौर्या

अवधि- 2 घंटे 6 मिनट

 

 

 

 

 

 

निर्देशन- यह फिल्म साउथ कोरिया की फिल्म ‘अ मैन फ्रम नोवेयर’ की हुबहु कॉपी है। हालांकि निर्देशक ने इस फिल्म को गोआ के माहौल में फिल्माया है, लेकिन इस फिल्म के साथ वो कुछ नया नहीं कर पाएं हैं। न इस फिल्म की कहानी नई लगती है, न फिल्म में दर्शाए सीन्स नए लगते हैं। हां, कुछ अच्छा लगेगा तो वो है फिल्म के कुछ ऐक्शन सीन्स, लेकिन ये सीन्स भी कहीं-कहीं ज्यादा लगते हैं। जॉन अब्राहम, शरद केलकर और दिया चलवाड के सीन्स अच्छे हैं।

कहानी- कभी न हंसने वाले कबीर ( जॉन ) की पड़ोस में रहने वाली बच्ची नायोमी ( दिया चलवाद ) से दोस्ती होती है। नायोमी की मां एक ड्रग एडिक्ट है और एक दिन इन दोनों को ड्रग माफिया से जुड़े गुंडे किडनैप कर लेते हैं। कबीर इनकी मदद करने के लिए आगे बढ़ता है और गैंगस्टर ( निशिकांत कामत) से भिड़ता है। कुछ ऐक्सन सीन्स और औसत गानों के साथ फिल्म आगे बढ़ती रहती है। श्रुति हसन कबीर की लाइफ पार्टनर की छोटी भूमिका में दिखेंगी।

कलाकार- फिल्म में जॉन अब्राहम का गंभीर और गुस्सैल लुक नया नहीं होते हुए भी ठीक लगेगा क्योंकि ऐक्टिंग के लिहाज से वो अपने किरदार में आपको पसंद आएंगे। फिल्म में श्रुति हसन के पास करने के लिए कुछ खास नहीं था। दिया चलवाड और शरद केलकर ने अच्छी ऐक्टिंग की है, लेकिन सिर्फ जॉन, शरद और दिया के दम पर यह फिल्म पसंद आ जाए, ऐसा नहीं है।

म्यूज़िक- फिल्म के गाने ‘रॉक द पार्टी’, ‘रेहनुमा’, ‘अल्फाज़ों की तरह’, ‘ऐ खुदा’ ऐसे नहीं हैं कि आप इन्हें भूल नहीं पाएंगे या इन्हें सुनते ही गुनगुनाने लगेगें। ‘अल्फाज़ों की तरह’ गीत में आप जॉन की आवाज़ भी सुन सकेंगे। गीत ‘ऐ खुदा’ की लिरिक्स अच्छी है और राहत फतेह अली खान और श्रेया घोषाल की आवाज़ की वजह से इस गीत को आप अपने खाली पलों में सुन सकते हैं।

फाइनल डिसिज़न-
अगर आपको ऐक्शन और थ्रिलर पसंद है या आप जॉन अब्राहम के जबरदस्त वाले फैन हैं, तो इस फिल्म को देख सकते हैं।