आकांक्षा पूरी,जिन्होंने विघ्नहर्ता गणेश में पार्वती की भूमिका निभायी –
मेरे लिए मदर डे बहुत मायने रखता है। मैंने आज तक अपनी ज़िंदगी में जो कुछ भी पाया है,वह केवल उन्हीं के कारण पाया है और मैं उनके बहुत क़रीब हूँ। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं,और मेरे दिन की शुरुआत और अंत मेरी माँ के साथ बात करके ही होता है। नयागाँव में विघ्नकर्ता गणेश के सेट पर जाते समय रास्ते में हर रोज़ में उनसे बात करती हूँ,और जो कुछ भी शूटिंग पर होता है उन्हें सब कुछ बताती हूँ। मुझे याद है जब में मेरी माँ के साथ हांगकांग में डिज़नीलैंड गयी थी,और मुझे उन्हें उन लम्हों का आनंद उठाते देख कर बहुत अच्छा महसूस हुआ था। वह कामकाजी महिला हैं और उन्होंने मुझे हमेशा प्रेरित किया है। शो में मैं जगत जननी माँ की भूमिका निभा रही हूँ जो कि मेरे लिए सबसे बड़ा आशीर्वाद है।
आशी सिंह जिन्होंने ये उन दिनों की बात है में नैना की भूमिका निभायी –
मैं मेरी माँ के बहुत क़रीब हूँ और में बहुत किस्मत वाली हूँ कि मुझे ‘ये उन दिनों की बात है‘में एक द्रश्य के लिए अपनी माँ के साथ शूटिंग करने का मौका मिला। मेरी माँ चाहती है कि मुझे मेरी एक्टिंग के लिए अवार्ड मिले और मेरा यह सपना है कि मैं उनकी इस इच्छा को पूरा करूँ। शो में,नैना के किरदार की माँ नहीं है,और कभी-कभी उस भूमिका को निभाते हुए में गहरे ख्यालों में खो जाती हूँ,कि उनके लिए जिनके पास माँ नहीं है,कितना मुश्किल होता होगा।
पलक जैन,जिन्होंने ये प्यार नहीं तो क्या है में अनुष्का रेड्डी की भूमिका निभायी –
संसार में माँ सबसे ज्यादा निस्वार्थ होतीं हैं जो अपने बच्चों के लिए ख़ुशी-ख़ुशी अपनी सारी खुशियों को छोड़ देती हैं। एक बात जो मैंने अपनी माँ से सीखी है वह है कि किसी को दुःख नहीं पहुंचाना चाहिए और जो कोई काम हम पूरी इमानदारी और कोशिशों से करते हैं वह हमें हमेशा अच्छे परिणाम देता है। मैं अपनी माँ को दुनिया की सैर पर ले जाना चाहती हूँ। जब मेरी माँ को यह पता चला कि ‘ये प्यार नहीं तो क्या है‘में मुझे मुख्य भूमिका के लिए चुना गया है,तो वह बहुत ज्यादा खुश थी। मेरी माँ मुझे हमेशा कहती हैं कि ज़िंदगी में सफलता पाने से पहले,एक अच्छा इंसान बनना बहुत ज़रूरी है।
अबीर सूफी जिन्होंने मेरे साईं में साईं बाबा की भूमिका निभायी – इस मदर डे पर,मैं हर माँ को प्रणाम करता हूँ। मेरी माँ ने हमें सिखाया है कि कैसे ईश्वर की प्रार्थना करनी चाहिए और हमेशा एक सरल व्यवहार और आचरण का पालन करना चाहिए। मेरे लिए साईं बाबा का किरदार निभाना केवल मेरी माँ के कारण आसान था। मेरी माँ को संस्कृत भाषा में महारत हासिल है जिसमें उन्होंने मुझे सिखाया कि कैसे शुद्ध हिंदी में उसे जोड़ कर इस्तेमाल करना है जिससे मुझे साईं बाबा की भूमिका में बहुत मदद मिली। मैं मेरी माँ को मथुरा ले जाना चाहता हूँ क्योंकि वह एक बहुत पवित्र स्थान है और मेरी माँ को धार्मिक स्थानों पर जाना बहुत अच्छा लगता है।
