Bollywood Movies: इंडियन इंडस्ट्री एक ऐसी जगह है जहां समय के साथ कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं। एक समय ऐसा था जब पुरुष प्रधान फिल्में बनाई जाती थी और उसमें हीरोइन का काम नाम मात्र का होता था। समय के साथ बदलाव आया और ऐसी फिल्में बनाई जाने लगी जो महिलाओं के जीवन पर आधारित थी। आते समय की जरूरत वहां तक आ पहुंची जहां हीरोइन अपने दम पर पिक्चर को सफल बनाने का जज्बा रखने लगी।
बॉलीवुड ने कई ऐसी फिल्में बनाई जो महिलाओं की जिंदगी पर आधारित थी और उनमें से कुछ तवायफ की लाइफ पर भी बनाई गई है। बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक संजय लीला भंसाली भी इसी तरह के प्रोजेक्ट के साथ अपना ओटीटी डेब्यू करने जा रहे हैं। अपनी हीरामंडी वेब सीरीज में वो किस्तान के रेड लाइट एरिया के बारे में कहानी दर्शकों के सामने रखने वाले हैं। इसके पहले सिनाम जगत में इसी विषय पर बनाई गई फिल्मों के बारे में बताते हैं।
Bollywood Movies: पाकीजा
1972 में आई फिल्म पाकीजा एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसका पालन पोषण कोठे पर होता है और वह बड़ी होकर बहुत ही सुंदर और फेमस नाचने वाली बनती है। एक्ट्रेस मीना कुमारी ने इस फिल्म में नरगिस साहिबजान नामक तवायफ का किरदार निभाया था। फिल्मों में ट्विस्ट उस समय आता है जब एक अहमद खान जिसका किरदार राजकुमार ने निभाया था नामक नवाब साहिबजान को चाहने लगता है। मीना कुमारी, राजकुमार, अशोक कुमार और अन्य कलाकारों ने इस फिल्म में अपनी एक्टिंग से चार चांद लगा दिए थे। इस फिल्म में ये बखूबी से दिखाया गया है कि तवायफ को लोग इंसान नहीं बल्कि वस्तु समझने लगते हैं।
उमराव जान
1981 में आई इस फिल्म का निर्देशन मुजफ्फर अली ने किया था जिसे मिर्जा हादी रुस्वा के लिखे गए उपन्यास उमराव जान अदा पर बनाया गया था। बॉलीवुड के दिग्गज एक्ट्रेस रेखा ने इस फिल्म में लखनऊ की एक तवायफ उमराव जान का किरदार निभाया था। जिसका बचपन का नाम आमरीन था लेकिन एक घटना के बाद वह कोठेवाली बनने पर मजबूर हो जाती है। ये एक्ट्रेस की बेस्ट फिल्मों में से एक है।
शराफत
1970 में आई इस फिल्म में हेमा मालिनी, धर्मेंद्र और अशोक कुमार जैसे कलाकार दिखाई दिए थे। यह एक ऐसी तवायफ की कहानी थी जो अपनी जिंदगी के कड़वे सच को भूलकर आगे बढ़ना चाहती है और एक प्रोफेसर उसे कोठे से बाहर निकालता है। ये बात जब दुनिया को पता चलती है तो कोई भी उस लड़की को शांति से जीने नहीं देता है।
देवदास
शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित की फिल्म देवदास अपनी रिलीज के इतने सालों बाद भी लोगों के दिलों में कहीं ना कहीं बसी हुई है। देवदास और पारो के बीच की इस प्रेम कहानी में तवायफ चंद्रमुखी का प्यार देखने लायक था। ये किरदार फिल्म माधुरी दीक्षित ने निभाया था। फिल्म के जरिए ये पेश करने की कोशिश की गई थी की तवायफ कितनी भी संजीदगी से प्यार क्यों ना करें समाज कभी उसे इसकी इजाजत नहीं देगा।
गंगूबाई काठियावाड़ी
साल 2002 में देवदास बनाने के बाद संजय लीला भंसाली 2022 में एक बार फिर गंगूबाई काठियावाड़ी के साथ दर्शकों के लिए एक अलग ही जोन की फिल्म लेकर आए थे। इस फिल्म में एक रीयल लाइफ स्टोरी दिखाई गई थी, जिसमें एक लड़की प्यार में पड़ जाती है लेकिन उसका प्रेमी उसे मुंबई ले जाकर कोठे पर बेच देता है। धीरे धीरे वो खुद को संभालती है और अपने समुदाय की औरतों के लिए मसीहा बन जाती है। आलिया भट्ट ने इसमें गंगुबाई का किरदार निभाया था और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉक बस्टर साबित हुई थी।