Bipasha’s Bold Reply: बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने स्पष्ट और हिम्मत भरे जवाबों के लिए चर्चा में हैं। मां बनने के बाद उनके बढ़ते वजन को लेकर कई लोगों ने उन्हें ट्रोल किया, लेकिन बिपाशा ने इन सबका बहुत ही शानदार और साहस भरा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वो कोई मीम्स या ट्रोल्स से नहीं, बल्कि अपनी मेहनत, आत्मविश्वास और प्यार करने वाले परिवार से पहचानी जाती हैं।
बिपाशा ने बेटी देवी को साल 2022 में जन्म दिया था। मां बनने के बाद उनकी बॉडी में हुए नेचुरल बदलाव को लेकर उन्हें सोशल मीडिया पर बार-बार ट्रोल किया गया। पर अब उन्होंने चुप्पी तोड़ी और कहा कि महिलाएं हर दिन कई जिम्मेदारियां निभाती हैं, इसलिए उन्हें केवल सम्मान और तारीफ मिलनी चाहिए।
बॉडी शेमिंग पर उनका यह जवाब महिलाओं को सशक्त करने वाला है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर कोई और महिला इस तरह के कमेंट्स झेले, तो वह मानसिक रूप से टूट सकती है। बिपाशा ने सभी से अपील की कि महिलाएं एक-दूसरे को समझें और सपोर्ट करें I
‘मीम्स मेरी पहचान नहीं’
बिपाशा बसु ने साल 2022 में बेटी देवी को जन्म दिया। मां बनने के बाद उनके शरीर में जो सामान्य बदलाव हुए, उसी को लेकर उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया। उन्हें “मोटी”, “बूढ़ी” जैसे कमेंट्स का सामना करना पड़ा, जो किसी भी महिला को मानसिक रूप से हिला सकते हैं। लेकिन बिपाशा ने न डरते हुए जवाब दिया कि ये कमेंट्स उनकी पहचान नहीं तय कर सकते। उन्होंने बताया कि वह एक आत्मनिर्भर महिला हैं और खुद को वैसे ही स्वीकार करती हैं जैसी वो हैं। उनकी यह प्रतिक्रिया हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो मां बनने के बाद खुद को लेकर असहज महसूस करती है।
बिपाशा ने साफ कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाए गए मीम्स और ट्रोल्स से उनकी पहचान नहीं बनती। उन्होंने लिखा कि वे कौन हैं, ये उनकी सोच, मेहनत और रिश्तों से तय होता है, न कि दूसरों की ओछी टिप्पणियों से। उनका ये बयान समाज की उस सोच को आईना दिखाता है, जो महिलाओं के शरीर को लेकर बेवजह के कमेंट्स करता है। ये कहना कि “मीम्स मुझे परिभाषित नहीं करते” एक बड़ा और प्रभावशाली संदेश है, जिससे हर महिला को मोटीवेट होना चाहिए।
महिलाओं को मिलना चाहिए सम्मान
बिपाशा बसु का कहना है कि महिलाएं हर दिन कई भूमिकाएं रोल निभाती हैं – मां, बेटी, बहन, प्रोफेशनल – और यह सब करते हुए वो खुद को पीछे कर देती हैं। ऐसे में अगर समाज से उन्हें तिरस्कार और आलोचना मिलती है, तो यह बहुत गलत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग अब और नैरो माइंडेड न रहें। एक महिला के शरीर में बदलाव होना नेचुरल है, और इसके लिए उन्हें सराहना मिलनी चाहिए न कि शर्मिंदगी। यह सोच हर समाज और व्यक्ति में बदलाव लाने की शुरुआत हो सकती है।
अगर महिलाएं एक-दूसरे का साथ दें
बिपाशा का मानना है कि जब महिलाएं एक-दूसरे को सराहेंगी और साथ देंगी, तब कोई भी ताकत उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि अगर उनकी जगह कोई और महिला होती, तो इतने कमेंट्स से मानसिक रूप से टूट भी सकती थी। ऐसे में महिलाओं का एक-दूसरे को समझना और सपोर्ट करना बहुत जरूरी है। उनकी यह बात हर महिला के लिए एक प्रोत्साहन है कि वो खुद पर विश्वास रखे और अपने जैसी महिलाओं का हौसला बढ़ाए।
मां बनने का सफर और पर्सनल लाइफ का बैलेंस
बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर की शादी 2016 में हुई थी और शादी के 6 साल बाद उन्होंने अपनी बेटी देवी का स्वागत किया। इस सफर में बिपाशा ने फिजिकल और इमोशनल दोनों ही चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने बताया कि कैसे एक मां बनने के बाद शरीर में बदलाव आता है और मानसिक रूप से भी कई उतार-चढ़ाव आते हैं। लेकिन एक प्यार करने वाला परिवार और समझदार पार्टनर होने से वो इन सबका सामना कर पाईं। उनकी यह कहानी बताती है कि हर महिला अगर प्यार और समर्थन पाए, तो वो हर मुश्किल को पार कर सकती है।
