Avatar 2 Review: जेम्स कैमरून की इस सीरीज की पहली फिल्म ‘अवतार’ में पेंडोरा की खूबसूरत कहानी और अनूठी दुनिया के बेहद खूबसूरत चित्रण ने लोगों का दिल जीत लिया था। यही नहीं वीएफएक्स के प्रयोग को फिल्मों में एक बेहद खूबसूरत तरीके से पेश कर विजुअल डिलाइट इस फिल्म को देख अलग ही दुनिया में ले गए थे। उस फिल्म के बाद से सीक्वल पार्ट से लोगों का उससे ज्यादा बेहतर एक्सपीरियंस की उम्मीद बंध गई थी। जेम्स कैमरून ने ‘अवतार द वे ऑफ वॉटर’ में एक बार फिर अपनी करिश्माई दुनिया को बड़े पर्दे पर बखूबी पेश किया है। निर्माता, निर्देशक जेम्स कैमरून की नई फिल्म ‘अवतार द वे ऑफ वाटर’ इंसान को अविश्वसनीय कल्पनालोक की सैर कराने जैसा है। ये फिल्म विश्व सिनेमा को एक नए स्तर पर पहुंचाने का काम कर सकती है। सिनेमाघरों में इस विजुअल डिलाइट कहानी के साथ दर्शक समंदर की लहरों, उसकी गहराइयों और जीव जंतुओं की दुनिया में उनके साथ खुद गोते लगाने का अहसास किए बिना नहीं रह पाएंगे।
मानवीयता का अवतार
‘अवतार द वे ऑफ वॉटर’ की कहानी उसी पेंडोरा की है जहां धरती से इंसान बेशकीमती खनिज की तलाश में गए थे और वे पेंडोरा की अनोखी दुनिया के बारे में जान जाते हैं। लेकिन अब कहानी 10 साल आगे आ चुकी है। इंसान अपने रहने के लिए एक नए ग्रह की खोज में हैं क्योंकि धरती इंसानों के रहने लायक नहीं बची है। वहीं पेंडोरा के जेक सली और उसकी नेतिरी का परिवार बढ़ रहा है। दो बेटे हैं। एक बेटी है। उनके साथ में एक इंसान भी है, इसे किशोर इंसानों से ज्यादा नावी समुदाय के बीच रहना भाता है। कर्नल माइल्स जो पिछली फिल्म में मर गया था, उसकी यादों और उसके डीएनए से उसका अवतार बनाया जा चुका है। उसकी टीम भी नए अवतार में हैं। इस फिल्म में इनका मकसद है जेक सली को तलाशना और उसे खत्म करना। जेक के परिवार पर आए खतरे से बचने के लिए वो दूसरें कबीले में रहने चला जाता है। उस कबीले के राजा तोनोवारी और उनकी पत्नी कबीले के मुखिया हैं। वहां के निवासी समुद्र के अंदर उतनी ही सहजता से रहते हैं, जितनी सहजता से जेक का परिवार घने जंगल में रहता था। जेक और उसका परिवार वहां के तौर तरीके सीखते हैं, पर दुश्मन उन्हें ढूढ़ते हुए वहां पर भी पहुंच जाते हैं। उनके परिवार की इस जंग में जीत किसकी होगी। क्या जेक अपने परिवार को बचा पायेगा। इनके सवालों के साथ इस विजुअल डिलाइट का आनंद जरूर लेना चाहिए। इस फिल्म में पारिवारिक मूल्यों और मानवीयता की झलक में कहीं न कहीं भारतीय मूल्यों की झलक देखने को मिलती है।
फिल्म का हर सीन आश्चर्य से भर देने वाला है

‘अवतार – द वे ऑफ वॉटर’ के सीन, को इस तरह फिल्माया गया है कि देखने वाले की आंखें खुली रह जाएं। हर फ्रेम और एंगल बेहद रचनात्मकता के साथ गढ़ा गया है। फिल्म देखते वक्त जेम्स कैमरून के इस कल्पनालोक में आपका वहां के लोगों के साथ रहने का दिल करेगा। समुद्र की इस अनोखी दुनिया में दर्शकों को एक खूबसूरत यात्रा पर ले जाने में निर्देशक जेम्स कैमरून सफल रहे हैं। फिल्म का हर दृश्य इतना अलौकिक और खूबसूरत है कि पर्दे से नजर हट ही नहीं सकती।
कहानी का बड़ा हिस्सा पानी के नीचे फिल्माया गया

फिल्म के नाम से ही जाहिर हो जाता है कि फिल्म की कहानी का एक बड़ा हिस्सा पानी के इर्द गिर्द होगा। ‘अवतार – द वे ऑफ वॉटर’ में पानी के साथ फिल्माए गए सीक्वेंस बेहद लाजवाब हैं। पानी के अंदर की दुनिया को ऐसे अंदाज में दिखना काबिलेतारीफ है। वैसे तो हॉलीवुड की बहुत सी फिल्में अंडरवॉटर बनी हैं लेकिन इस फिल्म की बात ही कुछ और है। फिल्म के अंडर वॉटर और तमाम एक्शन सीक्वेंसेंस का कोई जवाब ही नहीं है।
थ्री डी में देखें ‘अवतार द वे वॉटर्स’
‘अवतार’ की सीक्वल ‘अवतार – द वे ऑफ वॉटर’ जैम्स कैमरून ने लाजवाब कल्पनाशक्ति और आधुनिक टेक्नोलॉजी के खूबसूरत संगम को बखूबी पेश किया है। फिल्म 3.12 घंटे लम्बी है और फिल्म कहीं-कहीं पर स्लो लग सकती है। मगर जेम्स कैमरून के सिनेमाई कारनामे को थ्री डी या आईमैक्स में देखने का एक्सपीरियंस अलग ही है। इस अनोखे अनुभव को लम्बे समय तक जेहन में बनाए रखने के लिए एक बार इसे महसूस करना तो बनता है।