Lake Powell: अमेरिका की लेक पॉवेल सूखने की कगार पर पहुंच चुकी है। लगातार सूखा पड़ने के कारण 60 सालों में पहली बार ऐसे हालात पैदा हो चुके हैं। पिछले नौ महीनों के भीतर लेक अपने तट को पीछे छोड़ चुकी हैं। ये अमेरिका की मानव निर्मित दूसरी सबसे बड़ी लेक हैं। ये कोलोराडो नदी का प्रमुख जल संग्रहण क्षेत्र हैं। हर साल इस लेक पर करीब 20 लाख सैलानी छुट्टियां मनाने पहुंचते हैं। उटा और एरिजोना के बीच इस लेक का निर्माण ग्लेन कैनयन डैम में बाढ़ आने के बाद हुआ था। इसके लगातार घटते जलस्तर का असर 4 करोड़ लोगों पर पड़ रहा है, जो अपनी ज़रूरतों के लिए इस पानी पर निर्भर थे। दरअसल, लेक पॉवेल का निर्माण 1963 में शुरू हुआ था। उसके बाद इसे भरने की तैयारी शुरू कर दी गई थी। 17 साल के वक्त में इसे पूरा भर दिया गया था।
आखिरी बार सबसे कम जल स्तर 2004 में देखा गया था। तब भी लेक में भराव क्षमता का 36 फीसदी पानी ही था। मगर जो इस बार 25 फीसदी भी नहीं बचा है। लगातार दो दशक से सूखा पड़ने के कारण अमेरिका की प्रमुख नदी कोलोराडो पर खतरा मंडरा रहा है। इसमें पानी का बहाव कम हो जाने से इसके डैम ग्लेन कैनयम में पानी निचले स्तर पर आ गया है। डैम में 2019 से लगातार साल से जलस्तर घट रहा है। इससे बिजली परियोजना में उत्पादन प्रभावित है। कोलोराडो से जुड़ी देश की सबसे बड़ी लेक मीड में भी 30 फीसदी ही पानी बचा है। जलस्तर घटने से कोलोराडो नदी घाटी क्षेत्र की तलहटी दिखाई देने लगी है।