वैसे तो बिछिया पहनना सुहागिन होने की सबसे बड़ी निशानी मानी जाती है। ऐसा माना  जाता है कि पति और पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए पैरों में बिछिया जरूर पहननी चाहिए। बिछिया पहनना आजकल का ट्रेंड बनता जा रहा है। आजकल शादीशुदा ही नहीं बल्कि कुंवारी लड़कियां भी फैशन में अपने पैरों में स्टाइलिश बिछिया पहनती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं देखने में अच्छी लगने और 16 श्रृंगारों का हिस्सा होने के अलावा भी बिछिया पहनने के अपने कुछ अलग ही फायदे हैं। आइए जानें क्या हैं वो अजब फायदे-

मासिक चक्र को नियमित रखती है 

ऐसा माना जाता है कि दोनों पैरों में बिछिया पहनने से महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है।

गर्भाशय को नियंत्रित करती है 

बिछिया हमेशा दाहिने तथा बायें पैर की दूसरी उंगली  में  पहनी जाती है। यह गर्भाशय को नियंत्रित करती है  और गर्भाशय में संतुलित  ब्लड प्रेशर द्वारा उसे स्वस्थ रखती है। 

प्रजनन क्षमता को बढ़ाती  है 

पैरों में बिछिया महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभाती है।एक्यूप्रेशर चिकित्सा में बिछिया को महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण माना जाता है। 

रक्त का प्रवाह तेज होता है

साइटिक नर्व की एक नस को बिछिया दबाती है जिस वजह से आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज होता है और यूट्रस , ब्लैडर व आंतों तक रक्त का प्रवाह ठीक होता है।

लक्ष्मी का होता है वास

ज्योतिष के अनुसार मानें तो विवाहित महिलाओं को बिछिया दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी उंगली में पहनने की मान्यता है, मान्यताओं के हिसाब से चांदी की पायल और बिछिया लक्ष्मी का वाहक होते हैं इसलिए इनका खोना शुभ संकेत नहीं होता। इसलिए इन्हें बड़ी सावधानी पूर्वक पहनना चाहिए।