घर पर कीमती सामान रखने का जोखिम उठाना कोई समझदारी नहीं कही जा सकती। घर पर ज्वैलरी आदि कीमती चीजें हों तो एक तनाव हर समय लगा रहता है। इस तनाव को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है बैंक लॉकर। बैंक लॉकर में आप ज्वैलरी, गोल्ड व चांदी के कॉइन, मकानों या प्लॉटों के कागजात या अन्य गोपनीय दस्तावेज, कैश आदि आसानी से रख सकते हैं। जब सभी कीमती चीजें बैंक के लॉकर में पहुंच जाती हैं तो आप सुरक्षित महसूस करते हैं और चैन की नींद सो सकते हैं।
सबसे पहले जान लें नियम

अपने मनपसंद बैंक से लॉकर सुविधा लेने के लिए कुछ नियम आपकी जानकारी में होने चाहिए। ये नियम आप जानते होंगे, तो कुछ परेशानियों से बचा जा सकता है। आखिर सुरक्षित जीवन जीने की चाह हर किसी में होती है। चाहे कोई नौकरी पेशा व्यक्ति हो या बिजनेस मैन। चलिए, यहां हम जानते हैं कि लॉकर लेने से पहले आपको क्या-क्या बातें जानना जरूरी हैं। सीधी सी बात है कि लॉकर लेने के लिए आपको बैंक में आवेदन करना पड़ेगा। अब, लॉकर लेने से पहले कई ऐसी बातें हैं, जिनकी आप पहले से जानकारी रखें तो आपको कोई परेशानी नहीं आएगी। हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और सभी बैंक अपने-अपने हिसाब से हर वर्ष लॉकर नियमों में संशोधन करते हैं। जब भी नियम अपडेट हों, उसी के अनुसार बतौर ग्राहक आप भी अपडेट हो जाएं, तो सही रहेगा।
क्या बैंक में खाता होना जरूरी है

एक सवाल जो आपके मन में हमेशा उठेगा कि क्या मैं उस बैंक में लॉकर ले सकती हूं, जिसमें मेरा खाता नहीं हो। यदि कोई बैंक शाखा नजदीक हो, लेकिन उसमें खाता नहीं हो, तब भी आप संबंधित बैंक में लॉकर ले सकती हैं। बशर्ते, संबंधित बैंक में लॉकर उपलब्ध हो। ये रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का नियम है। आप बैंक खाता खुलवाए बिना भी लॉकर के लिए आवेदन कर सकती हैं। मतलब, कोई भी ग्राहक किसी भी बैंक की शाखा में बैंक लॉकर के लिए अप्लाई कर सकता है। हालांकि ये शिकायत आम हैं कि खाता नहीं होने पर बैंक के कर्मचारी लॉकर उपलब्ध करवाने में परेशान करते हैं या आनाकानी करते हैं।
आयु और किराए का हिसाब किताब

बैंक लॉकर लेने से पहले सबसे जरूरी बात आयु और किराए के हिसाब किताब से जुड़ी हुई है। बैंक लॉकर लेने के लिए संबंधित व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से अधिक होना जरूरी है। आपको अपनी कीमती चीजों की संख्या के हिसाब से साइज को चुनना होगा। छोटे लॉकर का कम किराया और बड़े का अधिक किराया। आप अपनी जरूरत के हिसाब से मनपसंद साइज का लॉकर चुन सकती हैं।
नॉमिनी जरूरी, बंद करवाना भी आसान

लॉकर लेते समय आपको एक नॉमिनी का नाम देना जरूरी है। नियमों के अनुसार यदि लॉकर लेने वाले की मृत्यु हो जाए तो लॉकर नॉमिनी के नाम कर दिया जाता है। नॉमिनी की संख्या विभिन्न बैंकों में नियम के अनुसार 3 से 5 भी हो सकती है। नॉमिनी को बाद में लॉकर ऑपरेट करने में कोई परेशानी नहीं आएगी। वहीं, यदि किसी ग्राहक को लॉकर सुविधा बंद करवानी है, तो भी कोई मुश्किल काम नहीं है। पहले लॉकर खाली कर दें और बकाया किराया बैंक को भर दें। इसके बाद लॉकर की चाबी बैंक के संबंधित कर्मचारी को सौंप दें।
चाबी की व्यवस्था भी पुख्ता
बैंक के लॉकर की दो चाबियां होती हैं। लेकिन लॉकर तभी खुल सकता है, जब दोनों चाबियां लगाई गई हों। जब भी आप लॉकर ऑपरेट करेंगे तो संबंधित बैंक कर्मचारी आपके लॉकर की उसके पास रखी चाबी को लगाएगा। इसके साथ ही आप अपनी चाबी को की-होल में डालकर घूमाएंगे, तभी लॉकर खुलेगा। जब तक आपकी चाबी की-होल में नहीं लगे, तब तक अपनी मर्जी से कोई भी बैंक कर्मचारी लॉकर नहीं खोल सकता। यदि आपके पास रखी चाबी खो गई है, तो बैंक को पेनल्टी भरकर आप अपने लिए एक दूसरी चाबी इशू करवा सकती हैं। एक खास बात और है, यदि बैंक लॉकर 6 महीने या 1 साल तक ऑपरेट नहीं हुआ, तो इन स्थितियों में बैंक ग्राहक को नोटिस भेज सकता है। यदि बैंक लॉकर का ताला तोड़ना पड़ा तो इसका हर्जाना भी ग्राहक को भुगतना पड़ेगा।
बस एक ही परेशानी जिसका रखना है ध्यान
लॉकर में कीमती सामान रखने में केवल एक परेशानी है। बैंक लॉकर तो उपलब्ध करवाता है, लेकिन सुरक्षा की गारंटी नहीं लेता। कहने का मतलब है कि यदि बैंक के लॉकर रूम में लूट हो जाए या चोरी, तो लॉकर से गए सामान की बैंक भरपाई नहीं करता। बस आप इससे संतोष कर लें कि घर से ज्यादा सुरक्षित बैंक लॉकर है।
लॉकर इंश्योरेंस कर देगा चिंता दूर

बैंक लॉकर का इंश्योरेंस (बीमा) करवाकर आप भीतर रखे सामान की सुरक्षा को लेकर और भी चिंताएं दूर कर सकती हैं। बैंक को जब ये पता ही नहीं कि आपके लॉकर में क्या रखा हुआ है, तो बैंक लॉकर के भीतर के रखे सामान की गारंटी कैसे ले सकता है। ऐसे में आपको संबंधित बैंक से बीमे की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। लेकिन बैंक लॉकर पॉलिसी के तरह ये निजी बीमा कंपनियां लॉकर को बीमित कर देती हैं। उनका नियम है कि आपको लॉकर में रखे सामान की सूची उपलब्ध करवानी होगी। इस सूची के माध्यम से बीमा करने वाली कम्पनी आपके सामान का मूल्यांकन कर सकेगी। आप लॉकर के बीमा कवर लेने से पहले संबंधित बीमा कंपनी के नियमों और क्लेम देने से संबंधित पूरी जानकारी कर लें।
हाल ही में नियमों में ये हुआ बदलाव
बैंक लॉकर धारकों के लिए नए नियम लागू हो गए हैं। नए नियमों के तहत सभी बैंकों को अपने लॉकर धारकों से लॉकर एग्रीमेंट हासिल करना होगा। बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस ऐग्रीमेंट पर दस्तखत किए गए हैं या नहीं। जो ग्राहक जागरूक रहते हैं, उन्होंने बैंकों की ओर से मैसेज आते ही बैंक पहुंचकर ये काम करवा लिया था। उन्हें पता था कि जनवरी 2023 से नए लॉकर नियम लागू होने वाले हैं। हालांकि आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई की ओर से एग्रीमेंट संबंधित लॉकर नियम के निर्देश अगस्त, 2021 को ही दे दिए गए थे। आरबीआई का मानना है कि एग्रीमेंट से बैंक के हितों की रक्षा होगी।
