Collage of a man in glasses, a couple embracing, and another man in a hoodie.
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Summary: अनुराग कश्यप ने खोला राज़: मोहित सूरी की सैयारा का सफर

अनुराग कश्यप ने बताया कि मोहित सूरी ने सैयारा बनाने के लिए 7 साल तक संघर्ष किया और नए चेहरों को मौका देकर बड़ी सफलता पाई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन किया और इंडस्ट्री को नया सबक दिया।

Anurag Kashyap on Saiyaara: फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने हाल ही में मोहित सूरी की फिल्म सैयारा को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस फिल्म को बनाने के लिए मोहित ने लगभग 7 साल तक लगातार संघर्ष किया। कई बड़े प्रोड्यूसर्स ने इस प्रोजेक्ट को ठुकरा दिया क्योंकि वह इसे नए कलाकारों के साथ बनाना चाहते थे। लेकिन मोहित ने हार नहीं मानी और आखिरकार यह फिल्म बड़े पर्दे पर उतरी और दर्शकों के दिल जीतने में कामयाब रही।

अनुराग कश्यप ने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा, “बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपनी कहानियों को छोड़ते नहीं हैं। मोहित ने सैयारा को नए कलाकारों के साथ, अपने तरीके से बनाने का फैसला किया था। लेकिन कोई भी प्रोड्यूसर इसे समझ नहीं पाया। बहुत बार इसे रिजेक्ट किया गया, लेकिन मोहित ने हिम्मत नहीं हारी। वह 6-7 साल तक संघर्ष करते रहे और आखिरकार फिल्म को पूरा कर दिखाया।” मोहित ने इस फिल्म में किसी स्टार को लेने के बजाय नए चेहरों – अहान पांडे और अनीत पड्ढा को लॉन्च किया। यह जोखिम भरा फैसला था, लेकिन यही फिल्म की सबसे बड़ी ताकत साबित हुआ।

शुरुआत में इस प्रोजेक्ट को लेकर इंडस्ट्री में कोई खास उत्साह नहीं था। ज्यादातर प्रोड्यूसर्स को लगा कि नए कलाकारों के साथ फिल्म नहीं चलेगी। लेकिन मोहित ने अपने विज़न पर भरोसा किया। फिल्म की कहानी दो युवाओं के सपनों, प्यार और पारिवारिक दबावों के बीच की जर्नी को बखूबी दिखाती है। इसका सोलफुल म्यूजिक और दिल को छू लेने वाली कहानी दर्शकों को कनेक्ट कर गई।

फिल्म रिलीज़ होने के बाद यह बॉक्स ऑफिस पर सरप्राइज हिट साबित हुई। जहां इंडस्ट्री में बड़े-बड़े सितारों की फिल्में फ्लॉप हो रही थीं, वहीं नए चेहरों के साथ बनी सैयारा ने सफलता की नई मिसाल पेश की।

अनुराग कश्यप ने बातचीत में इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि पिछले कुछ समय में पुरानी फिल्मों का क्रेज तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया, “आजकल थिएटर में प्यासा, श्री 420, अंदाज़ अपना अपना, ये जवानी है दीवानी जैसी क्लासिक फिल्मों को फिर से रिलीज़ किया जा रहा है। ये फिल्में दर्शकों को खींच रही हैं, जबकि नई फिल्में वैसा असर नहीं छोड़ पा रही हैं।”

सोशल मीडिया पर कई लोग इसे “फ्रेश आइडियाज की कमी” से जोड़ते हैं। लेकिन अनुराग का मानना है कि असली समस्या प्रोड्यूसर्स में है, न कि लेखकों या डायरेक्टर्स में।

अनुराग कश्यप ने साफ कहा कि इंडस्ट्री में नए आइडियाज की कोई कमी नहीं है। “हमारे पास नई कहानियों की भरमार है। दिक्कत ये है कि प्रोड्यूसर्स सिर्फ हिट फिल्में बनाना चाहते हैं। उन्हें कुछ नया और अलग समझ नहीं आता। इस वजह से वही कहानियां बार-बार बनती रहती हैं। लेखक और निर्देशक कुछ नया करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया जाता।”

सैयारा की सफलता पर बात करने के साथ ही अनुराग ने अपनी आने वाली फिल्म ‘निशांची’ का भी जिक्र किया। यह एक क्राइम ड्रामा है, जिसमें आयश्वरी ठाकरे डबल रोल में नजर आएंगे। वह फिल्म में दो भाइयों – बाबलू और डबलू की भूमिका निभाएंगे। फिल्म में वेदिका पिंटो भी अहम किरदार में दिखेंगी। निशांची 19 सितंबर को थिएटर में रिलीज़ होगी।

मैं एक बहुमुखी मीडिया पेशेवर हूं, जिसे कंटेंट लेखन में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव है। मेरा लक्ष्य ऐसी सामग्री पर ध्यान केंद्रित करना है जो सूचित, शिक्षित और प्रेरित करती है। चाहे लेख, ब्लॉग या मल्टीमीडिया सामग्री बनाना हो, मेरा लक्ष्य...