Summary: ‘केजीएफ बाबू’ के नाम पर बेंगलुरु में दौड़ रही थीं अमिताभ और आमिर की रोल्स रॉयस, अब 38 लाख का जुर्माना
बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और आमिर खान की पुरानी रोल्स रॉयस कारें इस वक्त टैक्स विवाद के केंद्र में हैं। इन लक्ज़री गाड़ियों को ‘केजीएफ बाबू’ के नाम से मशहूर व्यवसायी यूसुफ शरीफ वर्षों पहले खरीद चुके थे, लेकिन न तो इनकी मालिकाना ट्रांसफर की गई और न ही कर्नाटक में रोड टैक्स चुकाया गया।
Rolls Royce Tax Controversy: बॉलीवुड के स्टार्स अमिताभ बच्चन और आमिर खान की पुरानी लग्जरी कारें इन दिनों बेंगलुरु में टैक्स विवाद का कारण बनी हुई हैं। इन कारों के वर्तमान मालिक का नाम ‘केजीएफ बाबू’ यानी यूसुफ शरीफ है, जिन पर कर्नाटक आरटीओ ने कुल 38 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। यह कार्रवाई बेंगलुरु आरटीओ द्वारा की गई, जहां पाया गया कि कर्नाटक में रोड टैक्स चुकाए बिना ही ये कारें लंबे समय से चल रही थीं। ये दो महंगी रोल्स रॉयस कारें अब भी कानूनी रूप से अमिताभ बच्चन और आमिर खान के नाम पर पंजीकृत हैं, लेकिन असलियत में ये दोनों सितारे अब इन वाहनों के मालिक नहीं हैं।
अमिताभ बच्चन और आमिर खान की कार

एक समय बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन की पहली कार सफेद रंग की रोल्स रॉयस फैन्टम (MH 11 AX 1) है। दूसरी कार आमिर खान की बताई जा रही है, जो रोल्स रॉयस घोस्ट (MH 02 BB 2) है। अब ये दोनों गाड़ियां बेंगलुरु की सड़कों पर बिना किसी वैध अनुमति के बेंगलुरु की सड़कों पर दौड़ रही थीं, बिना कर्नाटक में रजिस्ट्रेशन कराए हुए और बिना लोकल रोड टैक्स चुकाए। आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक, फैन्टम पर 18.53 लाख रुपये और घोस्ट पर 19.73 लाख रुपये का टैक्स बाकी है।
सालों पहले खरीदी कार
यूसुफ शरीफ (जिन्हें केजीएफ बाबू) के नाम से भी जाना जाता है, ने दावा किया कि उन्होंने इन गाड़ियों को वर्षों पहले खरीदा था, लेकिन अभी तक उनके नाम ट्रांसफर नहीं करवाए। यूसुफ शरीफ ने कहा, “मैंने अमिताभ बच्चन की फैन्टम और एक अन्य एक्टर से घोस्ट खरीदी थी, लेकिन मैंने अभी तक इनका मालिकाना नाम नहीं बदला।” कानून के अनुसार, अगर कोई बाहरी राज्य की गाड़ी एक साल से ज्यादा समय किसी अन्य राज्य में चलती है, तो उसे दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना और लोकल रोड टैक्स भरना अनिवार्य है।
सिर्फ टैक्स नहीं, दस्तावेजों पर भी सवाल
आरटीओ की टीम पूरे दस्तावेज लेकर शरीफ के घर पहुंची थी, जिसमें जॉइंट कमिश्नर शोभा भी शामिल थीं। उनका निशाना साफ थाबिना टैक्स चुकाई गई लग्जरी गाड़ियां। अधिकारियों ने बताया कि फैन्टम को 2021 में भी जांचा गया था, लेकिन तब वह बेंगलुरु में एक साल से कम समय के लिए थी, इसलिए उसे छोड़ा गया। लेकिन अब दोनों गाड़ियां तय सीमा से ज्यादा समय से चल रही थीं और दस्तावेज भी अपडेट नहीं थे।
राजनीति और रईसी का घालमेल
‘केजीएफ बाबू’ के नाम से मशहूर यूसुफ शरीफ एक समय स्क्रैप डीलर थे, लेकिन अब रियल एस्टेट और राजनीति की दुनिया में उनका बड़ा नाम है। वह कर्नाटक के खनन शहर कोलार गोल्ड फील्ड्स (केजीएफ) के मूल निवासी हैं, जिसने ब्लॉकबस्टर कन्नड़ फिल्म श्रृंखला ‘केजीएफ’ के बाद लोकप्रियता हासिल की। 2021 में उन्होंने कर्नाटक विधान परिषद का चुनाव लड़ा और अपनी संपत्ति 1,744 करोड़ रुपये घोषित की थी। उनका महंगा टेस्ट और सेलेब्रिटी कनेक्शन हमेशा चर्चा में रहा है लेकिन इस बार मामला सीधा कानून से जुड़ गया है।
