Summary: लेखक चेतन भगत ने AI की लोकप्रियता पर की टिप्पणी, कहा – इंसानों की जगह कोई नहीं ले सकता
लोकप्रिय लेखक चेतन भगत ने हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती लोकप्रियता पर अपनी राय साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे तकनीक कितनी भी विकसित क्यों न हो, AI कभी भी इंसानों की जगह नहीं ले सकता।
Chetan Bhagat: आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंसानों के कई कामों को बहुत आसान बना चुका है और लोग अब इस पर काफी हद तक निर्भर होने लगे हैं। लेकिन इसी बीच लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या AI कभी इंसानों की जगह ले सकता है। इस पर प्रसिद्ध लेखक चेतन भगत ने अपना बयान दिया है। उनका मानना है कि AI इंसानों की मदद ज़रूर कर सकता है, लेकिन वह कभी इंसानों की जगह नहीं ले सकता। आइए जानते हैं कि चेतन भगत ने इस बारे में क्या-क्या कहा।
AI से क्यों नहीं है खतरा
दरअसल, चेतन भगत ने यह बात अपनी नई किताब ’12 ईयर्स: माई मेस्ड-अप लव स्टोरी’ के लॉन्च के मौके पर पुणे में कही। उन्होंने अपने पेशे के बारे में बताते हुए कहा कि असली लेखन अनुभव और भावनाओं पर आधारित होता है, और मशीनें इसे दोहरा नहीं सकतीं। लेखक ने बताया कि उन्होंने प्यार किया है, दिल टूटे हैं और रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखे हैं। ये अनुभव ही उनकी कहानियों को पाठकों तक असरदार बनाते हैं। उनका मानना है कि अगर लेखक खुद कुछ महसूस नहीं करता, तो उसकी कल्पना भी काम नहीं करेगी।
लोगों को पसंद है सच्ची भावनाएं
भगत ने यह भी कहा कि कहानियों का असली आकर्षण मानवीय जुड़ाव में है। लोग हमेशा लोगों में रुचि रखते हैं, बॉट्स में नहीं। एआई शुरुआती काम कर सकता है, जानकारी दे सकता है, लेकिन सच्ची भावनाएं नहीं ला सकता। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर भविष्य में एआई भावनाओं की नकल करने लगे, तो पाठक इसे तुरंत पहचान लेंगे और पसंद नहीं करेंगे। लेखन में रुचि रखने वालों के लिए उनका संदेश है कि अनुशासन, मेहनत और फोकस ही सफलता की कुंजी हैं और ये चीजें एआई कभी नहीं दे सकता।
चेतन भगत की किताब पर बनीं बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्में
चेतन भगत की किताबों पर कई फ़िल्में बनी हैं, जो बहुत लोकप्रिय हुईं। उनकी किताब फाइव पॉइंट समवन पर फ़िल्म 3 इडियट्स बनी, जो युवाओं में बहुत पसंद की गई। द 3 मिस्टेक्स ऑफ माय लाइफ पर फ़िल्म काई पो चे बनी, जो गुजरात पर आधारित थी। उनकी किताब 2 स्टेट्स पर 2 स्टेट्स बनी, जो एक अलग राज्यों की प्रेम कहानी थी। हाफ गर्लफ्रेंड पर भी फ़िल्म हाफ गर्लफ्रेंड आई। इसके अलावा, वन नाइट द कॉल सेंटर पर फ़िल्म हैलो बनी। इन फ़िल्मों ने चेतन भगत की कहानियों को बड़े पर्दे पर जीवंत कर दिया और उन्हें और ज्यादा लोगों तक पहुंचाया।
AI से किन्हें है खतरा
आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के कारण कई कंपनियों में लेऑफ की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं। ज्यादातर लोग मानते हैं कि AI की वजह से काम धीरे-धीरे हो रहा है। लेकिन सच यह है कि अगर AI का अपने काम में सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह एक बहुत ही अच्छा टूल बन सकता है। लेकिन जो लोग इस पर पूरी तरह निर्भर रहते हैं, उनके लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।
