Face Care Routine: डर्मेटोलॉजिस्ट मानते हैं कि हमें अपनी हर रोज की दैनिक दिनचर्या और खानपान का ख्याल रखने के अलावा फेस-केयर रूटीन भी फॉलो करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके चेहरे पर समय से पहले झुरयां और पिगमेंटेशन की समस्या पैदा नहीं होगी।
Face Care Routine: डेड सेल्स हटाने में मददगार है क्लींजर
पर्सनल हाइजीन के साथ हमें अपने चेहरे को भी साफ-सुथरा रखना चाहिए, ताकि उसमें किसी तरह के दाग-धब्बे और कील-मुंहासे न हों। इसके लिए रोजाना सुबह और रात को सोने से पहले चेहरे को क्लींजर से साफ करें। आप कोई भी अच्छा फेस वॉश इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आपकी त्वचा के अनुरूप हो। जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है, वे लोग कच्चे दूध से भी चेहरे को क्लीन कर सकते हैं। क्लींजर चेहरे से मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है और त्वचा में रक्त संचार बनाए रखता है। ध्यान रहे कि तैलीय और संवेदनशील त्वचा वाले लोग अपने चेहरे पर माइल्ड क्लींजर का ही प्रयोग करें। ध्यान रहे कि लगातार स्क्रबिंग का इस्तेमाल करने से बचें। महीने में केवल एक बार ही स्क्रब करना चाहिए।
ऑयली स्किन के लिए वरदान है टोनर

क्लींजर के बाद टोनर लगा सकते हैं। टोनर उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है जिनकी त्वचा ऑयली होती है। टोनर त्वचा में सीबम के अत्यधिक उत्पादन को रोकता है। टोनर और क्लींजर दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, इसलिए अपने चेहरे पर एक ही प्रॉपर्टी और कंपाउंड के क्लींजर और टोनर लगाएं।
त्वचा को नमी प्रदान करता है मॉइश्चराइजर
क्लींजर के बाद चेहरे को अच्छे से मॉइस्चराइज करें। यह त्वचा का पीएच बैलेंस बनाए रखता है और समय से पहले चेहरे में झुर्रियां नहीं आने देता। यदि आपकी त्वचा अत्यधिक तैलीय और मुंहासों वाली है तो आप वॉटर बेस्ड मॉइस्चराइजर का ही इस्तेमाल करें। यह त्वचा को बाहर से नमी देने के बजाय भीतर से नमी प्रदान करते हैं और मॉइस्चराइजर को हर मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है।
सर्दियों में भी लगाएं सनस्क्रीन
सनस्क्रीन के मामले में लोग अकसर गलती करते हैं। हमेशा सनस्क्रीन, मॉइस्चराइजर के बाद लगाना चाहिए। सनस्क्रीन कम से कम 30 एसपीएफ का होना चाहिए और दिन में तीन बार इसे चेहरे पर लगाना चाहिए क्योंकि किसी अच्छे सनस्क्रीन का असर भी चेहरे पर 3 से 4 घंटे तक ही रहता है। तकरीबन 1/2 से 1 ग्राम के बीच एक बार में सनस्क्रीन लगानी चाहिए, ताकि सनस्क्रीन से पूरा चेहरा कवर हो जाए।
डाइट और वर्कआउट पर दें ध्यान

चेहरे को खूबसूरत रखने के लिए खानपान शुद्ध होना चाहिए। शुद्ध होने का अर्थ है, घर का बना हुआ कम तेल-मसाले में बना खाना। महीने में एक बार आप बाहर का खाना खाकर अपना शौक पूरा कर सकते हैं, लेकिन प्रतिदिन खाने से चेहरे पर कील-मुंहासे और ब्लैकहेड्स होने लगते हैं। खानपान में निम्नलिखित चीजों को जरूर शामिल करें-
- नियमित रूप से विटामिन डी, आयरन और मल्टीविटामिन का सेवन जरूर करें। खासकर 30 साल की उम्र के बाद अपनी त्वचा और शरीर का ध्यान रखना अति-आवश्यक है।
- 7 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल फोन और लैपटॉप को बंद कर दें, क्योंकि किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करने से नींद बाधित होती है। यह आपके अवचेतन को भ्रमित करने की स्थिति में डालता है। साथ ही इनसे निकलने वाले रेडिएशन एक्सपोजर के कारण चेहरे पर मुंहासे और पिगमेंटेशन हो सकते हैं।
- नियमित व्यायाम करना जरूरी है। इससे आपकी त्वचा और शरीर में रक्त संचार बना रहता है।
- त्वचा को जवां और सेहतमंद रखने के लिए अपने डॉक्टर से मिलते रहें। मेडिकल डिसऑर्डर जैसे थायराइड, आयरन, शुगर और पीसीओडी होने पर पिगमेंटेशन, डल स्किन, रेडनेस और मेलाज्मा की दिक्कत शुरू हो जाती है।
- खुद को हाइड्रेट रखें। त्वचा में पानी की कमी होने से चेहरा बहुत ज्यादा मुरझाया हुआ दिखाई देता है।
क्या आप अपने शिशु की त्वचा के साथ कोई समझौता कर सकते हैं! यकीनन नहीं, फिर आप अपनी त्वचा के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ कैसे कर सकते हैं। अकसर महिलाएं देखादेखी बहुत से स्किन केयर प्रोडक्ट इस्तेमाल करने लगती हैं इसलिए स्किन केयर प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट से एक बार सलाह जरूर लें। आइए जानें कि स्किन केयर प्रोडक्ट खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें-

- स्किन केयर प्रोडक्ट हमेशा माइल्ड होने चाहिए।
- ब्यूटी प्रोडक्ट में किसी भी प्रकार का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन स्किन केयर प्रोडक्ट में देखा-देखी न करें। विज्ञापन या किसी के कहने के प्रभाव में आकर कभी भी कोई ब्यूटी प्रोडक्ट न खरीदें।
- केमिकल सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करें। हमेशा फिजिकल सनस्क्रीन ही लगाना चाहिए। इन दोनों के कंपाउंड अलग-अलग हैं।
- पैरबेन फ्री और कम से कम कंटेंट वाला स्किन केयर प्रोडक्ट ही इस्तेमाल करें।
- जिंक स्किन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है इसलिए ऐसे प्रोडक्ट इस्तेमाल करें जिसमें जिंक हो।
- डॉ. शितिज गोयल
(प्रोफेसर ऑफ डर्मेटोलॉजी, शारदा हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा से बातचीत पर आधारित)