effective monsoon skincare tips for glowing skin
effective monsoon skincare tips for glowing skin

Monsoon Skincare Tips: मानसून में संवेदनशील त्वचा को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। थोड़ी सी सतर्कता और घरेलू उपायों से आप अपनी त्वचा को स्वस्थ, चमकदार और संक्रमण मुक्त बनाए रख सकती हैं। याद रखें- त्वचा की असली सुंदरता उसकी सफाई और संतुलन में होती है।

बारिश की रिमझिम फुहारें जहां मन को सुकून देती हैं, वहीं हमारी त्वचा के लिए यह मौसम कई समस्याए भी लेकर आती है, खासकर सेंसिटिव स्किन वालों के लिए। 30 से 50 की उम्र में हमारी त्वचा की प्राकृतिक नमी धीरे-धीरे कम होने लगती है और मानसून की उमस, बैक्टीरिया व फंगल संक्रमण की वजह से संवेदनशील त्वचा को ज्यादा परेशानी होती है। आइए जानें कि मानसून में संवेदनशील को किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और उनसे कैसे बचा
जाए।

बारिश के मौसम में नमी बहुत अधिक होती है, जिससे वातावरण में फंगल और बैक्टीरियल बहुत तेजी से बढ़ते हैं। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को त्वचा परलाल चकत्ते, खुजली, जलन और रैशेज की समस्या हो सकती है। सिंथेटिक कपड़े पहनने या पसीना देर तक त्वचा पर बने रहने से यह
दिक्कत और बढ़ सकती है।

मानसून में पसीना और गंदगी त्वचा के पोर्स को बंद कर देती है, जिससे पिंपल्स, एक्ने और ब्लैकहेड्स की समस्या बढ़ जाती है। जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें सामान्य से ज्यादा यह समस्या होती है क्योंकि उनकी त्वचा तुरंत प्रतिक्रिया करती है।

मानसून के दौरान लगातार गीले रहना और पसीने की वजह से त्वचा में फंगल संक्रमण हो सकता है, जैसे- खुजली, लालिमा, दाग या फटी हुई त्वचा। सबसे ज्यादा ये दिक्कत जांघों, अंडरआर्स और गर्दन के आस-पास होती है।

उमस भरे मौसम में त्वचा पर चिपचिपापन महसूस होता है। यह ऑयली और संवेदनशील त्वचा वालों के लिए ज्यादा परेशानी देता है। इससे त्वचा बेजान, थकी थकी और डल दिखने लगती है।

अक्सर लोग मानसून में धूप से बचाव करना छोड़ देते हैं, जबकि बादलों के पीछे से भी
यूवी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। संवेदनशील त्वचा को यह टैनिंग या
जलन के रूप में प्रभावित कर सकती हैं।

मानसून का मौसम नमी से भरा होता है, लेकिन कुछ लोगों की स्किन उल्टा ज्यादा ड्राई हो जाती है।
खासकर संवेदनशील वालों की त्वचा रूखी, खिंची खिंची और पपड़ी जैसी दिखने लगती है।

चेहरे की त्वचा को मानसून में स्वस्थ रखने के लिए एलोवेरा जेल और गुलाब जल के फेस पैक का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह उपाय खासतौर पर 30 से 50 साल की उम्र की महिलाओं और पुरुषों के लिए फायदेमंद है, जिनकी त्वचा मौसम के बदलाव को जल्दी महसूस करती है। इसमें एंटी-इं लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो जलन, रैशेज और स्किन इरिटेशन को तुरंत शांत करते हैं। एलोवेरा त्वचा की ऊपरी परत को ठंडक पहुंचाता है और गहराई से नमी भी देता है। यह एक नेचुरल टोनर है जो चेहरे को फ्रेश बनाता है और खुले पोर्स को बंद करता है। गुलाबजल त्वचा के
पीएच बैलेंस को भी बनाए रखता है और चेहरे की रंगत में निखार लाता है। यह पैक रात को सोने से पहले हते में 2-3 बार लगाना सबसे अच्छा रहता है। जिनकी त्वचा बहुत ज्यादा सेंसिटिव है, वे इसे रोजाना भी लगा सकते हैं क्योंकि यह पूरी तरह से नेचुरल और हल्का है।

मानसून में चेहरे की त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाने के लिए आप निनलिखित
बातों का ध्यान रखें, ताकि आप चाय-पकौड़ों के साथ इस मौसम का मजा ले सकें।

मानसिक तनाव भी त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकता है। इसलिए मानसिक शांति और पर्याप्त नींद को प्राथमिकता दें। योग और मेडिटेशन से मानसिक शांति मिलती है, जो त्वचा की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। 7-8 घंटे की नींद त्वचा के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि रात में शरीर खुद को फिर से रिपेयर करता है।

संवेदनशील त्वचा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप अपनी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। किसी भी स्किनकेयर प्रोडक्ट को लेते समय उसकी सामग्री को ध्यान से पढ़ें। ऐसे प्रोडक्ट्स का चुनाव करें, जो खुशबू रहित, हल्के और बिना केमिकल वाले हों।

संवेदनशील त्वचा वालों को चेहरे की सफाई करते वक्त विशेष ध्यान रखना चाहिए। ज्यादा हार्ड या कैमिकल से बने फेसवाश या साबुन से त्वचा को नुकसान हो सकता है। माइल्ड और सॉ ट फेसवाश या क्लींजर का इस्तेमाल करें जो त्वचा की नमी को बनाए रखे। गर्म पानी से चेहरे को धोने से त्वचा
और अधिक संवेदनशील हो सकती है।

संवेदनशील त्वचा को नमीयुक्त रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि सूखी त्वचा अक्सर जलन और खुजली का कारण बन सकती है। ऐसे मॉइस्चराइजर का उपयोग करें जो आपकी त्वचा को पूरी तरह से हाइड्रेट करे और उसमें नमी बनाए रखे। जैतून, नारियल का तेल या एलोवेरा जैल का इस्तेमाल भी त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।

संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को स्क्रब या हार्ड एक्सफोलिएटर्स से बचना चाहिए क्योंकि यह त्वचा को और परेशान कर सकते हैं। यदि आपको एक्सफोलिएट करना है, तो बहुत हल्के और सॉ ट स्क्रब का उपयोग करें। सप्ताह में एक या दो बार ही एक्सफोलिएशन करें।

यदि आपकी त्वचा में अत्यधिक जलन, लालपन या रैशेज की समस्या हो, तो आपको त्वचा विशेषज्ञ (डर्मेटोलॉजिस्ट) परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी त्वचा के प्रकार के अनुसार सही उपचार और
सलाह देंगे।

effective monsoon skincare tips for glowing skin
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हमारे खानपान का भी त्वचा पर असर पड़ता है। संतुलित और पोषण से भरपूर आहार त्वचा की सेहत में मदद करता है। पानी पीने से त्वचा हाइड्रेट रहती है और त्वचा की समस्या कम होती है। विटामिन सी, ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर आहार त्वचा के लिए लाभकारी होते हैं।

Sunscreen
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संवेदनशील त्वचा सूर्य की हानिकारक किरणों से जल्दी प्रभावित हो सकती है। इससे जलन, या त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं। बाहर निकलते समय हमेशा एसपीएफ-30 या उससे ज्यादा की सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। धूप से बचने के लिए हैट और सनग्लासेस का इस्तेमाल भी
फायदेमंद हो सकता है।

“गुलाबजल त्वचा के पीएच बैलेंस को भी बनाए रखता है और चेहरे की रंगत में निखार लाता है। यह पैक रात को सोने से पहले हते में 2-3 बार लगाना सबसे अच्छा रहता है।”

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...