गर्दन की त्वचा की मेटाबोलिक प्रक्रिया तथा रक्त-संचालन धीमी गति से होती है, इसीलिए वहां की त्चचा जल्दी रूखी, खुरदरी व बदरंग होकर बेरौनक हो जाती है। चेहरे की तरह गर्दन भी धूल एवं सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आती है। अगर आप गर्दन के प्रति सजगता नहीं बरतती हैं तो चेहरे व गर्दन के रंग में अंतर आ जाता है, जो बेहद भद्दा दिखता है। परंतु थोड़ी-सी नियमित रूप से देखभाल करके आप भी सुराहीदार गर्दन की स्वामिनी बन सकती है।
गर्दन की झुर्रियां
गर्दन की रेखाओं से बढ़ती उम्र का पता चलता है। गर्दन सीधी न रहने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है तथा गर्दन में खिंचाव आने से झुर्रियां व लकीरें पड़ने लगती है। इसलिए चलते समय एवं खड़े होने की स्थिति में हमेशा तनकर साधे रहें। झुर्रियों से बचने के लिए नियमित रूप से गर्दन की मालिश कोल्ड क्रीम में थोड़ा -सा गुलाबजल मिलाकर या आॅलिव आॅयल से करें। मालिश हमेशा नीचे से ऊपर व अंदर से बाहर की ओर करें तथा ध्यान रखें कि त्वचा खिंचे न हीं।
गर्दन का सावलांपन
अधिकतर महिलाओं की समस्या होती है कि उनकी गर्दन का रंग चेहरे की अपेक्षा सांवला होता है। इसलिए जरूरी है कि चेहरे के साथ गर्दन का भी फेशियल करें तथा धूप में निकलते समय सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग करें । यदि आपको गर्दन की त्वचा का रंग ज्यादा सांवला हो तो पंद्रह दिन में एक बार ब्लीच करें। नियमित सफाई के लिए स्नान करते समय ब्रश से मलें, ताकि मृत त्वचा या मैल निकल जाए। तौलिए से साफ करके बाॅडी लोशन या माॅइश्चराइजर अवश्य इस्तेमाल करें, ताकि त्वचा साॅफ्ट रहें।
नेक पैक
गर्दन की झुर्रियां व सांवलापन दूर करने लिए नेक पैक बहुत उपयोगी है। इसे हफ्ते में दोबार जरूर प्रयोग करें। पैक बनाने केलिए एक बड़ा चम्मच मैदा, एक छोटा चम्मच मिल्क पाउडर, एक छोटा चम्मच खीरे का रस, आधा छोटा चम्मच शहद, आधा छोटा चम्मच नींबू का रस, चुटकी भर हल्दी मिक्स कर पेस्ट बनाएं और गर्दन पर आगे-पीछे अच्छी तरह लगा लें। सूख जानेपर धोकर सुखा लें और माॅइश्चराइजर लगा लें। इस तरह मृत त्वचा साफ होकर कोमल बन जाएगी।
मेकअप
मेकअप से भी गर्दन के दोषों को छिपाया जा सकता है। मोटी गर्दन पर सामने के हिस्से में हल्केशेड तथा दोनों और गहरे शेड का फाउंडोशन लगाएं जबकि छोटी गर्दन पर चेहरे की अपेक्षा हल्के शेड का की रंगत गहरी एवं दाएं से बाएं लगाएं। इससे गर्दन छोटी प्रतीत होगी।
व्यायाम
गर्दन की सुडौलता के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। इसकेलिए अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं है। सुबह, शाम, दोपहर किसी भी फुरसत के क्षणों में, यहां तक कि रसोईघर में भी आप यह व्यायाम कर सकती हैं।
- अगर आपकी गर्दन छोटी और मोटी है तो पलंग पर पीठ के बल लेटकर गर्दन को नीचे की ओर लटकनें दें, फिर लेटे-लेटे सिर को ऊपर उठाएं, फिर लटकाएं। इस तरह दुहराते रहने से आपकी यह समस्या खत्म हो सकती है।
- सीधी खड़ी हो जाएं, हाथ कमर पर हो। गर्दन को जितना हो सके पीछे की ओर ले जाएं, फिर आगे झुकाएं। अब दायीं ओर झुकाएं, फिर बायीं ओर ले जाएं। इस क्रिया को प्रतिदिन 10-15 बार करें।
- सीधी तरह जमीन पर पालथी लगाकर बैठ जाएं और गर्दन को क्लाॅक वाइज और एंटी क्लाॅक वाइज 10-15 बार घुमाएं। इससे गर्दन के रक्त संचार में वृद्धि होगी और सुडौलपन आएगा।
- इसके अतिरिक्त सोते समय तकिया न लगाएं। अगर लगाना भी हो तो पतले तकिये का इस्तेमाल करें।
परिधान व आभूषण
लंबी गर्दन पर छोटे गले का वस्त्र पहनें और केश सज्जा लंबा रखें। छोटी व मोटी गर्दन पर वी आकार के परिधान पहनें, बाल छोटे रखें व आभूषण भी गले से चिपके हुए न हों। गर्दन की सुरक्षा के लिए आभूषणों के प्रयोग में सावधानी बरतें। फैशन के चक्कर में भारी, नुकीले या रंग छोड़ने वाले नकली धातु के गहने न पहनें। इससे संक्रमण होने की संभावना रहती है।
