इन दिनों युवतियां और महिलाएं अपने बालों के साथ नए नए एक्सपेरिमेंट करती हैं। जिन युवतियों या महिलाओं के बाल स्ट्रेट हैं वो उन्हें कर्ल्स करवाना चाहती हैं। वहीं जिनके बाल कर्ल्स हैं वो उन्हें स्ट्रेट यानी सीधा करवाना चाहती हैं। हालांकि इन दिनों स्ट्रेट बालों का ट्रेंड ज्यादा है। इसलिए अधिकांश महिलाएं हेयर ट्रीटमेंट करवाती हैं। बाल स्ट्रेट करवाने के लिए दो ट्रीटमेंट हैं सिस्टीन और केराटिन। लेकिन हेयर ट्रीटमेंट से पहले ये जानना जरूरी है कि इन दोनों ट्रीटमेंट्स में अंतर क्या है और कौन सा बेहतर है।
ऐसे होता है केराटिन ट्रीटमेंट

केराटिन ट्रीटमेंट बालों को स्ट्रेट करने की एक केमिकल प्रक्रिया है। इसे ब्राजीलियन ब्लोआउट या ब्राजीलियन केराटिन ट्रीटमेंट भी कहते हैं। यह ट्रीटमेंट बालों के घुंघराले पन को कम करता है। इससे बाल सीधे होते हैं। यह ट्रीटमेंट एक बार करवाने पर करीब छह माह तक असरदार रहता है। केराटिन ट्रीटमेंट में फॉर्मलडिहाइड केमिकल सहित कई अन्य केमिकल्स मिलाए जाते हैं। रिसर्च के अनुसार केराटिन ट्रीटमेंट में कार्सिनोजेन्स मौजूद होते हैं। कार्सिनोजेन्स कैंसर का कारण बन सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को केराटिन ट्रीटमेंट नहीं करवाना चाहिए। इसी के साथ केराटिन ट्रीटमेंट से कई अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं। जैसे- आंखों में जलन, त्वचा पर खुजली, रैशेज, सिर दर्द, बाल झड़ने जैसे समस्याएं हो सकती हैं।
केराटिन के बाद रखें इस बात का ध्यान
वैसे तो केराटिन जैसे कैमिकल ट्रीटमेंट से बचना बेहतर है। लेकिन अगर आप अपने बाल स्ट्रेट करवाना ही चाहिए तो केराटिन ट्रीटमेंट के बाद कुछ बातों को ध्यान रखें। ट्रीटमेंट के बाद तीन दिन तक बालों को धोना नहीं चाहिए, न ही बालों को ज्यादा ब्रश करना चाहिए। तीन दिन के बाद भी बालों को बहुत ज्यादा वॉश न करें, इससे ट्रीटमेंट का असर कम होता है। ध्यान रखें हमेशा सल्फेट फ्री शैंपू और कंडीशनर का ही उपयोग करें। बालों को टाइट न बांधें। कोशिश करें कि कॉटन की जगह तकिये पर रेशम का कवर लगाएं।
ऐसे होता है सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट

सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट एक अमीनो एसिड ट्रीटमेंट है। इसका उपयोग भी बालों को स्ट्रेट करने के लिए किया जाता है। यह ट्रीटमेंट ड्राई हेयर के लिए ज्यादा अच्छा होता है। इसमें सीधे हुए बाल नेचुरल लगते हैं। एक बार यह ट्रीटमेंट करवाने के बाद इसका असर करीब तीन महीने तक रहता है। सिस्टीन में फॉर्मल्डेहाइड नहीं होता है, ऐसे में यह सुरक्षित विकल्प है। इसे गर्भवती महिलाएं भी करवा सकती हैं। हालांकि यह केराटिन ट्रीटमेंट से महंगा होता है।
सिस्टीन ट्रीटमेंट के बाद ऐसे करें हेयर केयर
सिस्टीन ट्रीटमेंट बालों को सीधा करने के लिए बेहतर ऑप्शन है। हालांकि कोई भी हेयर ट्रीटमेंट बालों को थोड़ा नुकसान तो पहुंचाता ही है। ऐसे में सिस्टीन ट्रीटमेंट करवाने के बाद भी कई बातों को ध्यान रखना चाहिए। जैसे ट्रीटमेंट के बाद सल्फेट वाले शैंपू यूज करने से बचें। इस ट्रीटमेंट के बाद बालों पर मेहंदी न लगाएं। बालों में ज्यादा तेल भी नहीं लगाएं। बार-बार बाल वॉश नहीं करने चाहिए, इससे ट्रीटमेंट का असर कम हो जाता है।
